हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 38
अब तक आपने पढ़ा घर में सारा के होने वाले बच्चे की खुशियां मनाई जा रही है,, तभी नूरी अपना फ़ोन चेक करती होती है और एकदम खुशी से उछल पड़ती है,,,,!अब आगे 👉
अब्बू नूरी को ख़ुश देख कर कहते हैं,,,, लगता है आज का दिन बहुत अच्छा है ,,,,हां भाई बोल मेरी बेटी ,,,,,!
नूरी मेरा जॉब लग गया,, मेरा सिलेक्शन केंद्रीय विद्यालय में पीजीटी के पद पर हो गया है,,,,, अब्बू नूरी को गले लगा लेते हैं,,,,, लगता है हमारी सारी परेशानियां आहिस्ता आहिस्ता दूर हो रही है,,,,,!
बहुत फिक्र थी मुझे नूरी ने कहा ,,,,,अब्बू पर मुझे तो पूरा यक़ीन था अपनी बेटी की काबिलियत पर,,,,,,!
नूरी की मां ख़ुदा तेरा लाख-लाख शुक्र है तूने इतनी बड़ी-बड़ी खुशियां मुझे दिखाईं,, बस मैं नूरी का घर और बसते हुए देखना चाहती हूं,,,!
अब्बू जहां ऊपर वाले ने इतना किया है वह यह ख़ुशी भी ज़रूर दिखाएगा,,,!
कब जाना है बेटा,,, अब्बू मैं चाहती हूं जल्दी ही ज्वाइन कर लूं,,,,!
अब्बू हां यही ठीक रहेगा,, तुम तैयारी करो जाने की और जो सामान चाहिए उसके लिस्ट बनाकर मुझे दे दो मैं सब आज ही लाकर दे देता हूं,,,!
नूरी ठीक है आपको मैं अभी सब चीजें देखती हूं क्या-क्या चाहिए बाकी सब तैयारी तो थोड़ी-थोड़ी मैं कर ही रही थी,,,!
नूरी की मां भी बहुत खुश होती है पर बेटी के जाने का अफसोस भी है वह नूरी से कहती है तेरे जाने के बाद तो यह घर बिल्कुल ख़ाली हो जाएगा कुछ करने के लिए मुझ पर तो होगा ही नहीं,,,!
नूरी मां क्यों उदास होती है अब तेरे पास जाने के लिए दो जगाह होंगी,,,, कभी सारा के पास ,,,, तो कभी मेरे पास ,,,,,,,,और अभी तो आपको सारा के होने वाले बच्चे की तैयारी भी करनी है,,,!
मां तू ठीक कहती है कुछ दिनों के बाद हबीब भी दुबई चला जाएगा,,, तब मेरे पास बहुत वक्त होगा हम दोनों बहुत इंजॉय करेंगे हां मां,, आप दोनों मिलकर खूब इंजॉय कीजिएगा,,,!
अच्छा मां मैं अब कमरे में जाती हूं ठीक है बेटा,,
नूरी अपने कमरे में आ जाती है आज उसको फिर से सनि की बहुत याद आ रही थी,,,,, लेकिन उसने अपने मन को समझाया जो अपना नहीं उसे भूल जाना ही अच्छा है,,!
तभी उसे शमीम का ध्यान आया कितना ध्यान रखता है जल्दी जल्दी मुझे फ़ोन भी करता रहता है जिससे मैं ज़्यादा परेशान ना हो,,, फोन लगाती हूं शमीम को आख़िर वह भी मेरा दोस्त है मुझे उसके साथ अपनी खुशी शेयर करनी चाहिए,,,!
वह शमीम को फोन लगाती है,,, शमीम कहता है क्या बात आज सूरज किधर से निकला था,,,, जो तुमने मुझे याद किया,,,,!
नूरी अरे कछ शेयर करना था तुम्हारे साथ ,,,, शमीम हां हां बोलो सब खै़रियत तो है,,,, हां भाई खैरियत है ,,,,खुशखबरी देनी थी तुम्हें ,,,!
शमीम,,, जल्दी बोलो सारा,,,!
मेरा सिलेक्शन हो गया है,,,,!
शमीम वाह यह तो बहुत अच्छी खबर सुनाई तुमने ,,, ज्वाइन कब कर रही हो?
नूरी परसों,,,, ठीक है कहां जाना है,,,, दिल्ली केंद्रीय विद्यालय में पोस्टिंग आई है,, अरे वाह यह तो बहुत अच्छा हुआ मेरा ट्रांसफर भी दिल्ली होने वाला है,, तुम कहो तो मैं चलता हूं तुम्हें ज्वाइन कराने,,,,!
नहीं अब्बू चल रहे हैं मेरे साथ,,, ठीक है मुझे तो यक़ीन जानो बहुत खुशी हुई,,, मैं जब भी तुम्हें खुश देखता हूं मुझे बहुत अच्छा लगता है,,,, तुम हमेशा इसी तरह हंसते रहो मुस्कुराते रहो,,, तुम्हारे रास्ते के सारे कांटे मैं दूर कर दूं,,,,! तुम मुझे एक मौका तो दो,, !
नूरी अरे तुम कब से शायरों जैसी बातें करने लगे अरे भाई दोस्त हूं तुम्हारा इतना तो तुम्हारे बारे में सोच ही सकता हूं,,, हां हां ठीक है दोस्त हो तभी तो तुम्हारे साथ अपनी खुशी बांट रही हूं,,, सनी होता तो सबसे पहले उसको ही बताती,,,! अरे यार फिर वह बीच में आ घुसा,,,,!
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक हमें मिलना ही था 💕
👉👉👉👉👉👉⭐⭐ क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खातून ✍️
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