हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 46
अब तक आपने पढ़ा वसीम सारा से कहता है डॉक्टर से अपॉइंटमेंट ले लेते हैं और उनसे पूछ लेते हैं ऐसी हालत में सफर करना ठीक है या नहीं,,,
अब आगे 👉
सारा को फ़ोन करने के बाद नूरी चैन की नींद सोती है,,,, सुबह सवेरे उठती है और खुशी-खुशी स्कूल जाती है,,, थोड़े ही दिनों में उसके बहुत से दोस्त बन गए हैं,, स्कूल आर्मी कैंट में ही है इसलिए आर्मी वालों के बहुत से बच्चे यहां पर पढ़ते हैं,,,!
इस स्कूल में आकर नूरी को भी बहुत अच्छा महसूस होता है,, एक बड़ी सी कैंटीन और खूबसूरत बिल्डिंग बड़ा सा प्लेग्राउंड,,, और यहां का वातावरण सब कुछ नूरी को बहुत पसंद है,,,,,,!
सेंट्रल गवर्नमेंट का स्कूल होने के कारण अलग-अलग स्टेट के टीचर्स इस स्कूल में मौजूद है,,, साउथ से आई मैडम नूरी को बहुत पसंद करती हैं,,, वह भी बराबर वाले क्वार्टर में ही रहती हैं समय-समय पर नूरी को इडली डोसा बनाकर भेजती हैं,,,!
नूरी भी उनसे डोसा सीखने की प्रैक्टिस कर रही है,,, नूरी को डोसा सबसे ज्यादा पसंद है,,, और मैम को बिरयानी,, जब भी नूरी बिरयानी बनाती है उनको जरूर भेजती है,,!
पूरा दिन स्कूल में किस तरह निकल जाता है पता ही नहीं चलता अब नूरी के चेहरे पर उदासी नहीं मुस्कुराहट फैली रहती है,,, सच में वह यहां आकर बहुत बदल गई है,, पहले जैसी रौनक उसके चेहरे पर लौट आई है,,,! और वह बार-बार खुदा का शुक्र अदा करती है,,,!
स्टूडेंट भी उसको बहुत प्यार करने लगे हैं,,, जब भी कोई परेशानी होती है वह रूम पर आकर नूरी से पूछ लिया करते हैं,,, शाम को सामने वाले ग्राउंड में नूरी और अलका एक घंटा बैडमिंटन खेलते हैं,,,!
फिर वह अलका के साथ या अलका नूरी के साथ आ जाती है दोनों मिलकर खाना पकाते हैं और साथ ही बैठकर खाते हैं,,, नूरी अलका से कहती है मैं तो जिंदगी को इंजॉय करना ही भूल गई थी,,, लगता है बहुत सालों बाद मैं फिर से जीना शुरु कर रही हूं,,!
अलका कहती है मैं तेरे लिए बहुत खुश हूं शमीम तेरी जिंदगी में खुशियां लेकर आया है,,, तू इस रिश्ते के लिए हां ज़रूर कर देना,,,!
नूरी कहती है मेरा जॉब मेरी जिंदगी में खुशियां लेकर आया है शमीम नहीं,,,! जब से मैंने यह जॉब ज्वाइन किया है मेरा कॉन्फिडेंस लौट आया है,,, शमीम भी एक वजह हो सकती है,, पर तू तो जानती है ना शमीम के साथ शादी एक समझौता है अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करने का,,,!
मैंने फैसला कर लिया है शादी तो मुझे करनी ही है अपने मां-बाप की खुशी के लिए,, मेरी जो खुशी थी वह तो भगवान ने पूरी नहीं की,,, मैं सोचती हूं शमीम मुझसे कितना प्यार करता है कम से कम मुझे ना सही उसको तो उसके हिस्से का प्यार मिल जाना चाहिए,,!
बस यही सोचकर मैंने शमीम से शादी करने का फैसला लिया है,, और मैं दिल से सब कुछ भुला कर शमीम की हो जाना चाहती हूं,,,!
कॉफी बनाऊं या नींबू वाली चाय ,,,,अरे कॉफी बना ले तो ज्यादा अच्छा है नींबू वाली चाय मैं रात को नहीं पीती,,,,!
अलका ठीक है मैं कॉफी बना लेती हूं और दोनों बैठकर कॉफी के साथ गपशप करती हैं,,,,, अलका कहती है आज यहीं सो जा,, नूरी कहती है नहीं कुछ फ़ोन करने हैं मुझे और भी बहुत सा काम है जो मैंने नहीं किया अब जाकर करूंगी,, !
अलका ठीक है फिर सुबह मिलते हैं,,,,, नूरी अलका के घर से अपने यहां आ जाती है अभी वह आकर आराम से बैठी हुई थी,,,,,,,,,,,,, शमीम का फोन आ जाता है!
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए,,,
धारावाहिक हमें मिलना ही था 💕 👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमश:,,
मौलिक रचना सय्यदा ख़ातून--✍️
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