हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 16
अब तक आपने पढ़ा कॉलेज के सभी दोस्त मिलकर पिकनिक जा रहे हैं नूरी और सारा भी उसी की तैयारी में लगी हुई है अब आगे 👉
नूरी और सारा सारी तैयारी रात में ही करके सोती हैं पिकनिक के लिए सुबह 4:00 बजे गाड़ी आ जाएगी सब को 6:00 बजे तक निकल जाना है,, नूरी की अम्मी जान ने मीठी कुकीज़ बनाकर तैयार कर दी हैं ,,,, रास्ते के लिए कुछ पराठे अचार और सब्जी भी पैक करके रख दी है,,।
कुछ फ्रूट कुछ ड्राइफ्रूट्स भी हैं,,, नूरी और सारा सुबह सुबह उठकर जल्दी जल्दी तैयार होकर नीचे आती हैं,,।
अम्मी जान कहती हैं यह सब सामान रख लो नूरी और सारा हंसने लगती हैं,,,,, अरे अम्मी जान आप ने क्यों तकलीफ की,,,, हमारा सारा खाना और हर चीज तय है रास्ते में,,,,, आपने बेकार ही मेहनत की,,,,।
अम्मा जान कहते हैं,,,, होने दो अपने साथ में खाने पीने का सामान और पानी ज़रूर होना चाहिए,,,,,, नूरी अम्मी जान कुछ चिप्स के पैकेट और चॉकलेट है,,,,,, हमारे पास
मगर अम्मी जान नहीं मानती,,,,, और पैक किया हुआ सामान एक बास्केट में रखकर उनके हाथ में दे देती हैं,,
मना करने का कोई चांस नहीं,,,, गाड़ी की तरफ़ बढ़ते हुए नूरी,सारा से कहती है,,,,,,, अरे सब की मम्मिया ऐसे ही होती है,,,,, चाहे कितना भी समझाओ पर उनको लगता है उनका बच्चा भूखे ना रह जाए,,,,।
अभी और अब्बू को खुदा हाफिज करके दोनों बहने जल्दी-जल्दी गाड़ी की तरफ बढ़ती है,, मगर आर्मी की हिदायतें कम होने का नाम नहीं ले रही,, नूरी कहती है ठीक है अब अम्मा जान हम सब कुछ याद रखेंगे आप परेशान ना हो,,,।
सारा कहती है अरे बहुत प्यार करती हैं ,,, अम्मा जान हम लोगों को,,,,,,,,, वैसे ही तुमने उनको बदनाम कर रखा है हिटलर नाम रख कर उनका,,,,, अरे यह तो मज़ाक की बातें हैं ,,,,, कहकर दोनों बहने गाड़ी में बैठ जाती हैं,,,,।
अभी कुछ लोग गाड़ी में बैठ चुके हैं और कुछ का अभी इंतजार है तभी सलमा भी आती हुई दिखाई देती है अकरम नवीन सब के सब गाड़ी के बाहर ही खड़े थे सब जल्दी-जल्दी गाड़ी में बैठ जाते हैं और ड्राइवर से कहते हैं चलो भाई सब लोग आ गए हैं,,,,।
दूरी एक बार बस में नज़र डाल कर देख लेती है,,, रुको यार कोई रह ना जाए,,, सब अपने अपने दोस्तों को देख ले,, नूरी लिस्ट उठाकर सब चेक कर लेती है और ड्राइवर से बोलती है चलो भाई,,,।
सब लोग मस्ती करते नाचते गाते सफ़र शुरू कर रहे हैं बीच-बीच में जो जगह उनको पसंद आती है बस रुकवा कर उतर जाते हैं और सब ग्रुप बनाकर सेल्फी ले रहे होते हैं ,,,।
सबको बड़ा मज़ा आ रहा है,,, पर नूरी बार बार दिल में यही सोच रही है काश मेरा सनी भी साथ होता,, चलो कोई बात नहीं जब हमारी शादी हो जाएगी तो हम बहुत सी जगह साथ मिलकर घूमेंगे,,,, ।
तभी नूरी अम्मा जान का दिया हुआ कुकीज़ का डिब्बा खोलती है,,,, और दोस्तों को देते हुए कहती है मां के हाथ की कुकीज़ खा कर देखो ,,,, बहुत प्यार से बना कर दी है उन्होंने,,,,।
तभी अकरम और नवीन भी कहते हैं आई एम श्योर,, सब की मम्मी ने कुछ ना कुछ ज़रूर दिया होगा,,, निकालो जल्दी जल्दी सब लोग,,।
यार ये मम्मी भी बड़े कमाल की होती हैं,,,,,, इन्हें लाख समझाओ हम कुछ नहीं ले जाएंगे,,,,, फिर भी साथ में अपने हाथ का बनाया हुआ कुछ ना कुछ ज़रूर दे देती है,,, सब लोग ठहाका लगा कर हंसते हैं,,।
और एक दूसरे के साथ शेयर करके खाते हैं, मीना को रास्ते में बहुत उल्टी आती है वह तो बिचारी टेबलेट खाकर आंखें बंद किए बैठी है बीच-बीच में आंख खोल कर देखती है और फिर बंद कर लेती है,, ।
तभी अंताक्षरी का दौर शुरू होता है और 1 लड़कों की टीम बन जाती है और 1 लड़कियों की,,, कमाल की अंताक्षरी चलती है,,, एक से बढ़कर एक गाने सुनने को मिल रहे हैं तभी नवीन कहता है,, यह अच्छा है यार अपने दिल का कुछ कहना हो तो आज अंताक्षरी में कह दो अच्छा मौका है,,,।
सब लोग कहते हैं लगता है नवीन को कुछ कहना है निशी से,, निशी हंसकर चुप हो जाती है मुझे तो मत फंसाओ यार,,।

गाते बजाते सब लोग यूं ही मस्ती करते हुए सबसे पहले टपकेश्वर मंदिर पहुंचते हैं,, बेहद खूबसूरत बना हुआ मंदिर है पानी बहता हुआ अंदर गुफाएं सीढ़ियों से चढ़कर सब लोग अंदर जाते हैं,, मूर्ति पर जल चढ़ा कर,, प्रसाद लेते हैं और घंटों खड़े होकर खूबसूरती को निहारते हैं,,।

उसके बाद सब लोग गुचुपानी पहुंचते हैं,,, लोगों की भीड़ जमा है कुछ लोग पानी में नहा रहे थे तो कुछ लोग गुफा के अंदर जाकर दूर तक झरने का मजा ले रहे थे वाह क्या खूबसूरत नजारे थे,,,, ।

इसके बाद सब लोगों ने सहस्त्रधारा जाने का प्रोग्राम बनाया,,, रास्ता ही इतना हसीन लगा था कि सब लोग उसकी खूबसूरती को देख देखकर दीवाने हो रहे थे बादलों से घिरी हुई पहाड़ियां,,,, ठंडी ठंडी हवा चल रही थी बहुत सी जगह के फोटो लिए ,, वहां की खूबसूरती को देखकर दिल नहीं भर रहा था,,।

लेकिन पहुंचने की भी जल्दी थी सब लोग सरत्रधारा पहुंच गए,,, पहाड़ियों से गिरती हुई पानी की शस्त्रों धाराएं देख कर सबका मन मुग्ध हो गया,,,।
यहां पर नहाने का फैसला किया झरने के पानी में बड़ा मजा आ रहा था, मान्यता है कि यहां के पानी से नहा कर स्किन रोग दूर हो जाते हैं,, घंटो तक सब लोग वहीं पर रहे बीच-बीच में खाना-पीना चलता रहा,,,,,,,, चाऊमीन और मोमो का मज़ा यहां बैठकर खाने में ही है,,,।
गाते बजाते मस्ती करते हुए पूरी टोली इधर से उधर घूम रही थी,,, जब हम उम्र साथी साथ हो तो घूमने का मज़ा दुगना हो जाता है,, ।
अब तक सब लोग बहुत थक गए थे पर जब तक लड़कियां शॉपिंग ना कर लें काम अधूरा ही रहता है लड़कियों को हर जगह कोई ना कोई अपनी पसंद की चीज दिखाई दे जाती है,,,,सब लोगों ने अपनी अपनी पसंद की चीजें खरीदी और फिर चल दिए,,,, होटल की तरफ,,, ।
बस में बैठते ही सब लोगों ने एक साथ मिलकर गाना शुरू कर दिया,,,,
सुहाना सफ़र और यह मौसम हंसी हमें डर है हम खो न जाएं कहीं,,, सुहाना सफर और यह मौसम हंसी,,।
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक हमें मिलना ही था,,, 💕
👉👉👉👉👉👉👉👉👍 क्रमशः
मौलिक रचना सैयदा खातून
अपने धारावाहिक में मैंने जो भी गाने डाले हैं मैं उन गानों के लिए गीतकार संगीतकार सब की बड़ी आभारी हूं और उनको धन्यवाद देती हूं इतने सुंदर गाने लिखने और गाने के लिए,,।