हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 22
अब तक आपने पढ़ा सलमा अपने रिश्तेदारों का इंट्रोडक्शन अपने दोस्तों से कराती है अब आगे 👉
सब लोग एक दूसरे के बारे में जानकर बहुत खुश होते हैं.... और आपस में बातचीत का दौर शुरू हो जाता है,, सलमा के अभी मेहंदी लगाई जा रही है तभी सलमा कहती है एक एक कप चाय और हो जाए तो अच्छा है...!
सारा उठ कर जाती है और सब के लिए एक बार फिर से चाय बनाती है इमरान भी सारा के साथ जाता है और सारा से कहता है अरे मैं आपकी कुछ हेल्प कर दूं... आप अकेली कई बार चाय बना चुकी है... संसारा अरे नहीं मैं बना लूंगी चाय इतना मुश्किल काम नहीं के कुछ लोगों की जरूरत पड़े..!
इमरान पर मुझे देखना है कि आप इतनी अच्छी चाय कैसे बनाती हैं सीखना है मुझे आपसे चाय बनाना..…. सारा हंसने लगती है और कहती है अगर आप बनाना ही चाहते हैं तो आइए.....!
सारा चाय बनाती है और इमरान सारे कप ट्रे में रखता है और सबको चाय सर्व कर देता है,, उसके दोस्त कहते हैं तुम कुछ ज्यादा ही मेहरबान नहीं हो रहे हो….!
अरे हम लड़कों को भी कुछ ना कुछ काम करना चाहिए जरूरी नहीं के किचन का हर काम लड़कियां ही करें ......!
अरे वाह बड़े अच्छे ख्याल हैं तुम्हारे, सलमा कहती है ....!
और सब लोग चाय पीने लगते हैं,,!
तभी सारा को किचन में कहीं इमरान की बात याद आती है....चाय तो सिर्फ एक बहाना है..... हमें तो आपके साथ थोड़ा वक्त गुजारना था... आपसे बात करनी है... आपकी सादगी पर हम तो भाई बुरी तरह से दीवाने हो गए हैं,,! जानना चाहते हैं आपके बारे में..... आप क्या कर रही हैं आजकल ....!
हमारे बारे में आपका क्या ख़्याल है.... हमें तो आपको बहुत पसंद आईं हैं प्लीज मुझे गलत मत समझिए….. और हो सके तो अपना नंबर दे दीजिए और मेरा फ़ोन नंबर आप ले लीजिए.... मैं इस दोस्ती को आगे बढ़ाना चाहता हूं....!
वैसे अगर आप किसी और को पसंद करती हैं तो प्लीज मुझे अभी बता दीजिए.... मैं यह बात यहीं पर खत्म कर दूंगा...., !
सारा कहती है नहीं नहीं है ऐसी कोई बात नहीं, तो फिर दे दीजिए अपना नंबर दोनों एक दूसरे का नंबर अपने पास सेव कर लेते हैं...!
सारा को भी इमरान का व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली लगा,, और वह भी एक नज़र देखते ही इमरान की ओर आकर्षित हो गई थी,,, ।
गाने अभी तक चल रहे हैं नूरी सारा की तरफ़ देखती है...... और कहती है इमरान अच्छा लड़का है.... सारा मुस्कुराने लगती हैं... नूरी सारा को मुस्कुराते हुए कहती है... ओह हो तो यह बात है,,,, !
दोनों हंसने लगती है पूरी रात इसी तरह गुज़र जाती है और सुबह होते होते सब लोग इधर-उधर लेट कर सो जाते हैं,,
नाश्ते के बाद सलमा ब्यूटी पार्लर चली जाती है और घर के बाकी लोग इधर उधर कामों में लगे रहते हैं बारात शाम 7:00 बजे तक पहुंच जाएगी सब लोग उसी के इंतजाम में लगे हुए हैं.... लड़कियां भी अपनी तैयारियों में लगी हैं एक से ज्यादा एक बढ़कर खूबसूरत लगना चाहती हैं इसीलिए वह भी अपने कपड़े और ज्वेलरी सब लेकर इधर-उधर तैयार होने पहुंच जाती हैं ।
अब बरात आने में एक घंटा बचा है ....दादी जान कह रही हैं घर वाले जल्दी से जल्दी बरात आने से पहले वेंकट हॉल पहुंच जाओ....... और देखो किसी चीज की कोई कमी ना हो,, !
दादी ,दादा जान और चाचा ,चाची ,ताए अब्बू ,सब बड़ी गाड़ी में बैठ कर वेंकट हॉल पहुंच जाते हैं,,, दादी जान ने आज ऑफ व्हाइट सिल्क का ग़रारा सूट पहना हुआ है और उस पर बारीक कामदानी का जाल बना है..… सर पर दुपट्टा ढके हुए और हाथ में पर्स लिए वह मलिका से कम नहीं लग रही हैं.. सब पर उनका हुकम चलता है,,, हर कोई, कुछ भी काम करने से पहले उनसे आज्ञा लेने आता है,,, ।
तभी शोर मचता है बारात आ चुकी है बाहर सब लोग दूल्हा के इस्तक़बाल के लिए खड़े हैं गाड़ी से उतरते ही जैसे ही वह अंदर आता है फूलों की बारिश होने लगती है,, सब लोग दूल्हा को देखकर बहुत तारीफ़ करते हैं दूल्हा को स्टेज पर लाकर बिठाया गया और थोड़ी देर में निकाह हो गया,,, ।
दूल्हा के साथ हंसी मज़ाक का दौर चला, खाना पीना हुआ और रुखस्ती का समय आ गया... दादी जान ने फिर आवाज़ लगाई अब ज्यादा देर ना लगाओ और रुखसती के लिए सलमा को ले आओ......!
सलमा धीरे धीरे चलती हुई अपनी सहेलियों के साथ बाहर आती है मम्मी और अब्बू का रो रो कर बुरा हाल है,,, सलमा दादी जान के गले लगती है और वह उसको सैकड़ों दुआएं देती हैं.... सलमा गाड़ी में बैठ जाती है,, !
धीरे-धीरे गाड़ी आगे बढ़ जाती है और गाना बजता रहता है,,,!
डोली चढ़कर दुल्हन ससुराल चली
डोली चड़के..….
पीछे गुजरा हुआ एक जमाना भी है
आगे एक नयी जिंदगी भी तो है
डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली,,,
सलमा की दोस्त नूरी, उनके अम्मी अब्बू और सब लोगों को पानी पिलाती हैं ,,दादी जान कहती हैं दिल तो बुरा होता ही है... पर खुश होना चाहिए और खुदा से दुआ करनी चाहिए ...कि बच्चे की आने वाली जिंदगी खुशियों से भरी हो,,, उसे ससुराल में इतनी खुशियां मिले कि मैंके कि कभी याद भी ना आए,,,
उधर दुल्हन के आने की पूरी तैयारी कर ली गई है सलमा को घर के अंदर ले जाया जाता है वहां भी बहुत रौनक हो रही है....... गाने बजाने और तमाम रस्मों के बाद सलमा को उसके कमरे में पहुंचा दिया जाता है,,!
कमरा बहुत खूबसूरती से सजाया गया है... सलमा वहां बैठी हुई अपने पति जावेद का इंतजार कर रही होती है,,, थोड़ी देर में जावेद भी सलमा के पास आ जाता है यूं तो पहले से ही दोनों में बहुत दोस्ती थी और शादी भी दोनों की मर्जी से हुई थी,,!
दोनों एक दूसरे के लिए अनजान नहीं थे.... फिर भी सलमा ने बहुत लंबा घूंघट निकाल रखा था,, जिसे देखकर जावेद हंसते हुए कहता है बाप रे लगता है मुंह दिखाई के बिना तुम घूंघट नहीं हटाओगी .... फिर वह सलमा को एक बहुत खूबसूरत सा नेकलेस देता है देखो बताओ कैसा लगा तुम्हें,, !
सलमा जल्दी से घुंघट ऊपर करती है और नेकलेस उसके हाथ से लेकर कहती है.... वाह यह तो बहुत खूबसूरत है,,!
जावेद कहता है... नहीं नहीं इसे तो मैं खुद ही अपने हाथों से पहनाऊंगा,,! नेकलेस पहनाकर वह सलमा की आंखों में देख कर कहता है .... खुदा का शुक्र है कि तुम मुझे मिल गई ..... बहुत दुआएं मांगी थी हमने एक दूसरे का होने के लिए,, और वह सलमा को अपनी बाहों में लेते हुए कहता है,,,,, हमें मिलना ही था 💕 धीमी आवाज में गाना भी बज रहा है,,
छू लेने दो नाजुक होठों को
कुछ और नहीं है जाम हैं ये
कुदरत ने जो हमको बख्शा है
सबसे हसीं इनाम हैं ये, छू लेने दो नाज़ुक..…...
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक
हमें मिलना ही था 💕
मौलिक रचना सय्यदा खातून ✍️
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