हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 52
अब तक आपने पढ़ा नूरी आज बहुत खुश है फाइनली उसकी जिंदगी में वह दिन आ गया जिसको वह सालों से टाल रही थी,,,! इससे ज्यादा खुशी उसको इस बात की है उसके अम्मी और अब्बा जान इस रिश्ते से बहुत खुश है,,,।
अब आगे 👉
नूरी अपनी दोस्त सलमा को बताती है,,,, अब्बा जान का फ़ोन आया था मंगनी के लिए डेट पूछ रहे थे,,,,,!
तूने कौन सी डेट बताएं,,?
मैंने यह संडे बोल दिया है,,!
तुझे भी मेरी मंगनी में जरूर आना पड़ेगा,,,!
अरे आऊंगी ना बस शादी एक दिन मत रख लेना,,,, क्योंकि मैंने बताया था कि मेरी शादी की भी डेट फिक्स होने वाली है,,, इतना व़क्त जरूर देना कि मैं तेरी शादी में आ सकूं और तू मेरी शादी में आ सके,,!
हां हां ऐसी ही डेट रखेंगे,,,, जो दोनों एक दूसरे की शादी में शरीक हो सके,,!
अब एक बात यह सुन ले शॉपिंग के लिए चलना है,,,,!
हां शॉपिंग तो मुझे भी करनी है मम्मी बार-बार फ़ोन करके बता रही हैं अपनी पसंद का सामान वहीं से खरीद लेना,,, !
ठीक है फिर पक्का स्कूल के बाद वहीं से निकल जाएंगे शॉपिंग के लिए,,,!
लगातार दो दिन जाना पड़ेगा तब कहीं जाकर शॉपिंग हो पाएगी,,,!
पहले कपड़े खरीद लेते हैं और मैचिंग जूते,,,!
दूसरे दिन ज्वेलरी और बाकी का सामान,,,,, क्यों ठीक रहेगा ना,,?
हां हां बिल्कुल ठीक ऐसा ही करेंगे,,, सब हो जाएगा,,,! वैसे भी यार स्कूल के बाद हमारे पास व़क्त ही व़क्त है,,,, सब हो जाएगा तू चिंता मत कर खाना पीना सब वहीं पर कर लेंगे करना ही क्या है और हमें,,,!
अगले दिन स्कूल के बाद सलमा और नूरी दोनों शॉपिंग के लिए चल पड़ती हैं रास्ते में थोड़ी देर लग रही है आर्मी के बड़े-बड़े ट्रक रास्ते से गुज़र रहे हैं सलमा नूरी से कहती है कोई नई यूनिट आई है ,,,, इन ट्रकों को देखकर तो ऐसा ही लगता है,,,!
अब जब तक की यह ट्रक निकल नहीं जाते हमें रास्ता मिलने वाला नहीं,,,,!
नूरी कहती है,,,, इंतज़ार कर लेते हैं थोड़ा निकल जाने दे यार,,,!
हाय अगर यह शमीम बीच में ना कूदा होता तो,,,,,, मैं तो किसी आर्मी ऑफिसर को पसंद कर लेती,,, यूनिफॉर्म में कितने हैंडसम लगते हैं यह लोग,,! क्या पता कोई मुझसे शादी करने को तैयार हो जाता,,,! इस शमीम की वजह से मौक़ा मेरे हाथ से निकल गया,,,!
सलमा अरे यार तू तो दिन में भी सपने देखती है,,,, कुछ ज़्यादा ही ख़्याली पुलाव बनाने लगी है तू आजकल,,,,!
सपने देखते हैं तभी तो सच होते हैं,,, थोड़ा और रुक जाता क्या पता स्टेडियम में आने वाले ऑफिसर्स में से ही कोई मुझे पसंद आ जाता,,,, मैं तो सीधा प्रपोज़ कर देती,,,,!
और वह बिचारा शमीम,,, जो सालों से तेरे इंतज़ार में बैठा है,,,!
मैं अब किसी के बारे में नहीं सोचती हर किसी के बारे में सोचने का ठेका मैंने नहीं उठा रखा है,,,!
सलमा,, वैसे भी कोई यहां,,
तेरे इंतज़ार में नहीं बैठा था,,,, यहां हर साल बहुत से लोग आते हैं अगर ऐसा होता तो हर टीचर अपने लिए एक एक ऑफिसर पसंद कर लेती,,,!
अरे अपनी-अपनी पसंद है ट्राई करने में क्या हर्ज है मुझे पसंद है ना आर्मी की लाइफ,, बस इसीलिए खयाली पुलाओ पका लिया मैंने,,,! मुझे मौका मिलेगा तो मैं यह मौका कभी हाथ से जाने नहीं दूंगी,,,!
अरे मज़ाक कर रही हूं ,,,इतना सीरियस क्यों हो जाती है तू,,, अब क्या मैं मज़ाक भी नहीं कर सकती शमीम का इंतज़ार और उसका प्यार देखकर ही तो मैंने हां की है,,!
देख गए सारे ट्रक निकल गये,,,, अपनी गाड़ी आगे बढ़ा,,,!
वह गाड़ी को तेज़ी से चलाते हुए मार्केट पहुंच जाती है मॉल के पार्किंग में गाड़ी लगा कर दोनों अंदर जाती हैं,,, सलमा कहती है मुझे तो शादी के लिए लहंगा खरीदना है,,,,, वह भी लाल रंग का मां ने कहा था ज़री के काम का खूबसूरत सा लहंगा ले लेना,,,,,!
नूरी चल तो फिर पहले लहंगा देखते हैं,,,,!
आगे क्या होने वाला है,,,, जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक
हमें मिलना ही था 💕
👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा ख़ातून--✍️
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