हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 42
अब तक आपने पढ़ा नूरी के अब्बू दूरी को बताते हैं कुछ लोग तुम्हें देखने आ रहे हैं,,, शमीम नाम है लड़के का,,, नूरी कहती है मैं जानती हूं उसे आप लोग मिले उसके बाद कोई फैसला करें,,,!
थोड़ी देर में शमीम के घर के लोग आ जाते हैं नूरी के घर में उनकी बहुत खा़तिर होती है नूरी के अब्बू को सब लोग बहुत पसंद आते हैं,,, शमीम भी साथ में आया है ,,,, नूरी की मां शमीम को देखकर बहुत खुश होती है,,, !
नूरी और शमीम दोनों बातें करते हैं शमीम नूरी से कहता है मेरे घर के लोगों ने तुम्हें बहुत पसंद किया है,,, बस तुम्हारे घर से हां हो जानी चाहिए इस रिश्ते के लिए,,,!
मैं तो खुदा से बस यही दुआ मांग रहा हूं,,, मुझे और कुछ नहीं चाहिए तुम्हारे सिवा,,,!
नूरी हंसने लगती है,,, अरे अरे बस करो मजनू,,, मुझे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी,,, शमीम और मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि तुम मेरी हो जाओगी,,,,!
अब शमीम के पेरेंट्स नूरी के घर आए हुए हैं दोनों परिवार एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश होते हैं,,,!
नूरी सब लोगों को बहुत पसंद आती है,,, और वह जल्दी से जल्दी दोनों की शादी कर देना चाहते हैं,,, पर नूरी के अब्बू कहते हैं हमें एक हफ्ते का समय चाहिए हम आपको निराश नहीं करेंगे,,,, आप लोग भी हमें बहुत पसंद आए हैं,,, पर लड़की का बाप हूंना,,,,, सोचने के लिए थोड़ा समय चाहिए,,,!
शमीम के अब्बू कहते हैं जी बिल्कुल आप अच्छी तरहां से सोच समझ लीजिए और फिर हमें फ़ोन पर बता दीजिए,,, हमें शादी की थोड़ा जल्दी है इसीलिए आपसे कह रहा हूं कि जो भी जवाब हो जल्दी से जल्दी दे दीजिए और यह कहकर वह लोग सब घरवालों से विदा लेकर चले जाते हैं,,!
शमीम भी चलते समय नूरी से कहता है अब तुम्हारे बिना रहना मुश्किल हो गया है,,, चाहता हूं आज ही तुम्हें अपने साथ ले जाऊं,,,!
नूरी मुस्कुरा कर चुप हो जाती है,,, उसके दिल से सनी की याद नहीं जाती वह बार-बार सनी के बारे में सोचती है,,, कहां हो सनी तुमने जो कुछ भी मेरे साथ किया है मुझे यक़ीन नहीं आता,,, !
तुम इतने बेवफा निकलोगे यह मैंने जिंदगी में सोचा भी नहीं था सर जब तुम मुझे छोड़कर अपनी जिंदगी में खुश रह सकते हो तो मैं भी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ सकती हूं भले ही मुझे कितनी भी मुश्किलों का सामना क्यों ना करना पड़े,,,!
पर मैंने भी फैसला ले लिया है,,,,,, मैं अपनी जिंदगी को बर्बाद नहीं होने दूंगी,,, शमीम भी मुझे बहुत प्यार करता है ,,,,,,कह रहा था मैं तो बहुत पहले से तुम्हें चाहता हूं,,,,,!
लेकिन सनी की वजह से उसने कभी इज़हार करने की कोशिश नहीं की,,,! यही सब सोचते सोचते नूरी सो जाती है सुबह उसे दिल्ली जाना है,,, इस बार वह अपनी गाड़ी लेकर जाएगी अब्बू से भी उसने कह दिया है आप परेशान ना हो,,, अब एक दो महीने बाद मेरी छुट्टियां होने वाली है तभी आकर रहूंगी,,,!
नूरी की मां ने सब नाश्ता तैयार कर लिया है,,,,, और बहुत सारी चीजें बनाकर नूरी के साथ भी दे दी है,,,,,,उसका मन उदास है,,,, नूरी मां को समझा रही है अगले महीने आप दोनों मेरे पास आ जाइए,,, मुझे मकान भी मिल जाएगा हम सब लोग एक साथ रहेंगे आप दिल बुरा ना करें,,,!
जब तक आप लोगों का दिल लगेगा आप मेरे साथ रहिएगा,,, और वह सब से विदा लेकर दिल्ली के लिए चल पड़ती है,,, !
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए 👉👉👉👉👉👉👉👉
धारावाहिक हमें मिलना ही था 💕
मौलिक रचना सय्यदा ख़ातून--✍️
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