अब तक आपने पढ़ा नूरी सनी से फ़ोन पर बात कर रही है ,,,सनी उसके फोटो देखकर कह रहा है बहुत खूबसूरत फोटो है तुम्हारे,,,,, देहरादून वाक़ई बहुत सुंदर जगह है,,, अब आगे 👉
नूरी कहती है मैंने बहुत फ़ोटो तुम्हें भेजे हैं,, सनी कहता है,,,, अरे तुम कैंट एरिया में नहीं गई,,,, टपकेश्वर के पीछे की साइड पूरा कैंट का एरिया है और तुम्हें आईएमए की तरफ़ भी जाना चाहिए था,,,।
नूरी अरे पूरा ग्रुप गया था ,,,, और जल्दी ही वापस आना था इसलिए सब ने मिलकर दो तीन जगह ही डिसाइड की थी,,, जहां हम घूमने गए,,,
सनी कहता है चलो ख़ैर कोई बात नहीं,, तुम्हें पता है मेरी पोस्टिंग देहरादून में भी हो सकती है ,,दिलभर कर हर एक जगह घूमेंगे,,,।
नूरी ख़ुश हो जाती है,, सच यह तो तुमने बहुत अच्छी बात सुनाई ,,,,अगर ऐसा हो जाए तो बहुत मज़ा आएगा ,,,,पता है मैंने तुम्हें वहां पर कितना मिस किया,,,,, सारे दोस्त मुझे चिढा़ रहे थे,,,,।
बार-बार मुझे देखकर कह रहे थे,,, हाय हाय यह मजबूरी यह मौसम और यह दूरी ,,, सनी हंसने लगता है ,,, अरे उनकी तो मज़ाक की आदत है ,,, तुम सुनाओ तुमने खूब इंजॉय किया ना दोस्तों के साथ,,,।
नूरी हां बहुत मजा आया,,, मगर हर जगह मुझे तुम्हारी याद आती रही,,, सनी कोई बात नहीं तुम आर्मी ऑफिसर की होने वाली बीवी हो ,,, जिंदगी में ऐसे हालात बहुत बार आएंगे,,,, जब मुझे छुट्टी नहीं मिलेगी और तुम्हें अकेले सब कुछ मैनेज करना होगा,,, आदत अभी से डाल लो,,,!
हां मगर अभी तो हर जगह मैंने तुम्हें याद किया है,,, सनी कहता है मगर यह वादा है मेरा तुमसे ,,,, हम जब जब साथ होंगे मिलकर खूब इंजॉय करेंगे ,,,।
नूरी हंसने लगती है,,, काश वह दिन जल्दी से आ जाए,,,, सनी कहता है हां हां अब वह दिन दूर नहीं,,, लेकिन अब मुझे फ़ोन रखना है,,, ऐसे ही किसी दिन जब भी मौक़ा मिलेगा मैं तुमसे जरूर बात करूंगा ,, शब्बा खै़र ,,।
नूरी कहती है अरे सुनो ,,,, कम से कम अपने पेरेंट्स को तो रिश्ता लेकर मेरे घर भेज दो कुछ तो तसल्ली हो जाए ,,,, पर यह सब सुनने से पहले ही सनी फ़ोन काट चुका था,,!
नूरी बड़ी जल्दी रहती है इस सनी को भी फ़ोन काटने की अब पता नहीं कब आएगा इसका फ़ोन मेरी तो बात ही अधूरी रह गई,, यह सब सोचते सोचते नूरी को नींद आ जाती है,,,, और वह मीठे सपनों में खो जाती है,,, ।
सुबह जब अलार्म बचता है तब उसकी आंख खुलती है,,, नमाज पढ़ने के बाद वह पढ़ाई करने बैठ जाती है,,, मगर आज पढ़ाई में उसका दिल नहीं लग रहा वह बार-बार सनी के बारे में ही सोच रही है ,,,।
सारा भी पढ़ाई कर रही होती है नूरे की तरफ़ देखकर कहती है यह किताब बंद करके कौन सी पढ़ाई चल रही है,,,,,आपी,,।
नूरी हंसने लगती है,,, वही जो रात सनी ने लेक्चर दिया था,,, उसी पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं,,,, दोनों हंसने लगती हैं,,,।
सारा कहती है आपने बताया नहीं सनी को,, कि वह कम से कम अपने घर वालों को मिलने के लिए ही सही हमारे घर भेज दे,,, कम से कम मम्मी के कानों में तो यह बात निकाल दो,,।
नूरी मैंने कोशिश तो की थी,,, मगर तक तब उसने फ़ोन काट दिया था,, तो आप मैसेज कर दें अरे नहीं बहन तुम नहीं जानती मैं जब चाहे मैसेज या फोन नहीं कर सकती उसको ,,,,।
अब तो जब वह फ़ोन करेगा तभी बात होगी,,,, हां भाई इन लोगों को कुछ ख़ास इंस्ट्रक्शन दी गई होती हैं अब क्या करें,,, ।
तभी अम्मी की आवाज़ आती है आज नाश्ता करने नहीं आओगी क्या,,,? तुम्हारे अब्बू भी नाश्ता करके जा चुके हैं,,,,, नूरी कहती है नहीं मम्मी बस अब एग्जा़म देने ही कॉलेज जाएंगे,,, अब तो सिर्फ एग्जाम की तैयारी करनी ही रह गई है,,,।
तो पहले नाश्ता कर लो उसके बाद पढ़ाई करना,,, खाली पेट भी कभी पढ़ाई होती है क्या,,,, दोनों नीचे आ जाती हैं,,,, नूरी किचन में जाती है तो उसकी मम्मी कहती हैं,,, नहीं नहीं बस बहुत हो गया,,, अब सब कुछ एग्जा़म के बाद करना कराना,, अब तुम्हारा फोकस सिर्फ पढ़ाई पर होना चाहिए,,, किचन में आने की कोई जरूरत नहीं है,,,।
नूरी मैं कर लूंगी ना ,,, अब हर वक्त पढ़ाई तो नहीं की जा सकती ना,,, अम्मी जान बस आप तो दुआएं दीजिए,,, आपकी दुआएं ही ज़िंदगी में बहुत की़मती है ,,,।
यह काम तो मैं हर वक्त करती रहती हूं,,, अम्मा ने हंसते हुए कहा,, फिर सब लोग नाश्ता करते हैं,,, सारा सफ़ाई करती है और नूरी किचन में मां का हाथ बंटाती है,,, उसके बाद दोनों पढ़ने के लिए बैठ जाते हैं,,,।
सारा कहती है इस बार बहुत अच्छे नंबर लाने हैं हम दोनों को,,,, हां भाई तैयारी तो बहुत की है हमने,, सब कुछ बहुत अच्छे से याद कर लिया है अब देखते हैं हर बार की तरहां इस बार भी अच्छे नंबर आते हैं या नहीं,,,,।
क्यों नहीं आएंगे ख़ुदा मेहनत करने वालों के साथ है,,, हम हाथ पर हाथ तो नहीं धरे बैठे,,, हां भाई घर वालों की उम्मीदों पर पूरा उतरना है,,, हमारे पापा ने कभी लड़के और लड़कियों में भेद नहीं किया,,, हम लोगों ने जो चाहा है पापा ने हंसी खुशी हमें दिया है,,, जिस भी किसी कॉलेज में चाहा एडमिशन दिलाया है,,, किसी चीज़ की कभी कोई कमी नहीं होने दी,,,।
हां यह तो है मेरे दोस्त कहते हैं अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो,, मगर अपने घर में नहीं,, नूरी के घर में,, हां मेरे के घर में पैदा होना है हमें लड़की बनकर, उसके पापा की,, वहां लड़कियों की बहुत अहमियत है दोनों लड़की है क्या मजे से रहती हैं,,, और दोनों हंसने लगती हैं,,,
इसी तरह से पढते पढ़ाते आख़िर वह दिन भी आ गया,,,,!
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहे ,,,!
धारावाहिक हमें तो मिलना ही था 💕
मौलिक रचना सय्यदा खातून ✍️
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सभी सभी रीडर्स का बहुत-बहुत धन्यवाद अपना साथ इसी तरहां बनाए रखें आपकी समीक्षाएं ही मुझे आगे लिखने के लिए प्रेरित करती हैं,,आप स्टोरी में और क्या देखना चाहते हैं अपने विचारों से अवगत कराते रहें,,!