हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 39
अब तक आपने पड़ा नूरी का जॉब केंद्रीय विद्यालय में लग गया है और वह ज्वाइन करने पहुंच रही है यह खबर वह सबसे पहले शमीम को सुनाती है,,
अब आगे 👉
शमीम सुनकर बहुत खुश होता है और नूरी से कहता है तुमने यह खबर मेरे साथ शेयर कि मुझे बहुत अच्छा लगा,,,
नूरी कहती है,,, आखिर मेरे दोस्त हो,,,, तभी तो तुम्हारे साथ अपनी खुशी बांट रही हूं,,, सनी होता तो सबसे पहले उसको ही बताती,,,! अरे यार फिर वह बीच में आ घुसा,,,,!
तुम भूल क्यों नहीं जाती उसको,,, इतना सब कुछ होने के बाद भी तुम्हारी जबान पर उसका नाम ही रहता है,,,।
शमीम इसका मतलब तुम उसे अभी तक भूल नहीं पाई हो,,, तुम ही बताओ किस तरह भूल जाऊं,,, मैं बहुत कोशिश कर रही हूं उसको भुलाने की लेकिन वह है कि मेरे दिल से जाता ही नहीं,,,!
शमीम अरे ऐसा भी क्या है उसमें,,,,,,, कभी हमारी तरफ़ भी एक नज़र देख लिया करो,,,,, हमारी भी दोस्ती थी तुम्हारे साथ,, ! हम भी मरते थे तुम पर ,,, तुमने मुझे कभी कोई मौक़ा ही नहीं दिया,,,, और हम तुम्हारी एक नज़र के लिए तरसते रहे ,,,,!
नूरी अब कुछ ज़्यादा ही बकवास करने लगे हो तुम,,,, नहीं मैं बकवास नहीं कर रहा एक बार सोच कर देखो,,,,, तुम सनी से बहुत प्यार करती थी इसलिए मैंने कभी कोई बात तुमसे नहीं करी,,,,, !
लेकिन अब सनी की शादी हो चुकी है,,, मैं चाहता हूं तुम भी अपनी जिंदगी में खुश हो जाओ मैं तो बस तुम्हें खुश देखना चाहता हूं,,,, नूरी मुझे किसी का कोई एहसान नहीं चाहिए,,,!
आज मैं बहुत खुश हूं इसलिए कुछ कहना नहीं चाहती,,, शमीम अरे मज़ाक कर रहा था यार,,,,, तुम तो थोड़ी ही देर में बुरा मान जाती हो दोस्तों की बातों का बुरा नहीं माना करते,,,!
नूरी ठीक है यार अब फ़ोन रखती हूं ,,,,मुझे तैयारी करनी है शमीम हां ठीक है ज्वाइनिंग हो जाए तो मुझे बता देना,,,, वैसे मैं कांटेक्ट में रहूंगा,,, अल्लाह हाफ़िज़ !
नूरी फोन रखने के बाद पैकिंग करने लगती है उसे बहुत खुशी है कि उसकी जिंदगी में यह दिन तो आया कब से उसको भी अपनी नौकरी की तमन्ना थी जो खुदा ने पूरी कर दी,,, !
नई जगह होगी नए लोग होंगे और मैं भी अपनी जिंदगी वहां नए सिरे से शुरू कर सकूंगी,,,,,,,,, जहां कोई मेरे बारे में नहीं जानता होगा,,, और मैं फुल कॉन्फिडेंस के साथ अपनी जिंदगी बिता सकूंगी! वहां किसी को नहीं पता चलेगा कि मैंने प्यार में धोखा खाया है,,,,!
यह सब करते करते नूरी सो जाती है,,,, सुबह पांच बजे निकलना है अब्बू ने ड्राइवर को बोल दिया है,,, सुबह-सुबह नूरी उठकर तैयार होती है हबीब सारा सामान लेकर नीचे आता है अम्मी जान ने आज सारा नाश्ता नूरी की पसंद का बनाया है,,,,,,!
नूरी और अब्बू दिल्ली के लिए रवाना हो जाते हैं स्कूल कैंपस में पहुंचकर नूरी को बहुत अच्छा लगता है बहुत अच्छा स्कूल है नूरी की जॉइनिंग हो जाती है!
तभी उसकी मुलाकात मैडम अलका से होती है वह भी उसकी हम उम्र ही हैं और अपने रूम में अकेली रहती हैं उन्होंने नूरी से कहा जब तक तुम्हें क्वार्टर नहीं मिलता तुम मेरे साथ रह सकती हो नूरी खुश हो जाती है और अब्बू वापस घर लौट जाते हैं,,,!
नूरी अलका के साथ उसके घर पहुंचती है स्कूल के पास ही सारे क्वार्टर बने हुए हैं,,, घर पहुंच कर अलका नूरी को उसका रूम दिखाती है,,,, नूरी देखकर कहती है,,,अच्छा थ्री रूम सेट मिला है तुम्हें,,,,!
अलका,, हां पीजीटी को 3 रूम सेट ही एलॉट होता है,,, हमारे ऊपर वाला क्वार्टर अभी खाली है,,,,, नूरी एप्लीकेशन तो मैंने दे दी है अब देखते हैं कब तक मिल पाएगा अलका कोई फ़िक्र की बात नहीं तुम यहां जब तक चाहो आराम से रहो ,,,,!
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक हमें मिलना ही था 💕
👉👉👉👉👉👉⭐⭐ क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खातून ✍️
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