हमें मिलना ही था 💕 एपिसोड 48
अब तक आपने पढ़ा,, शमीम नूरी से कहता है क्या तुम्हें शादी का इंतज़ार नहीं,,, नूरी इंतज़ार है,,, मैं भी जल्दी से जल्दी तुम्हारे साथ अपनी नई जिंदगी शुरू करना चाहती हूं,,,!
अब आगे 👉
नूरी शमीम से बात करके फोन रख देती है,,, और कल के बारे में सोचती है कल से स्कूल में बहुत सी एक्टिविटीज शुरू होने वाली है,,,,!
15 तारीख कोस्पोर्ट्स डे है,,,, और बहुत सी तैयारियां स्कूल में चल रही हैं हर किसी को कुछ ना कुछ काम दिया गया है,,,!
स्पोर्ट्स डे में नूरी को स्वागत स्पीच देनी है साथ ही मार्च पास्ट में भी उसकी ड्यूटी लगी है,,, सब लोगों को कुछ ना कुछ काम मिला हुआ है नूरी का यह पहला मौक़ा है इसलिए वह बहुत ज़्यादा तैयारी में लगी हुई है,,,, वह चाहती है कि उसकी स्वागत स्पीच इतनी बढ़िया हो, जिसे सुनकर सब लोग उसकी तारीफ़ करें,,!
वैसे भी तमाम आर्मी ऑफिसर्स आए हुए होंगे,,,, स्कूल ने सबको इनवाइट किया है,,, सारे प्रोग्राम भी आर्मी कैंपस में ही हो रहे हैं,,,,!
क्लोजिंग सेरेमनी में भी नूरी ने एक सॉन्ग तैयार करवाया है जिसे 12वीं क्लास के बच्चे प्रस्तुत करेंगे,, !
कल से बहुत से टीचर्स को आर्मी प्ले ग्राउंड में पहुंचकर मार्च पास्ट की तैयारी करवानी है,,,,, गेम्स के टीचर्स गेम्स की प्रैक्टिस करवाएंगे दो दो घंटे के लिए सारे टीचर्स वहां जाते रहेंगे !
नूरी को 10:00 बजे वहां पहुंचना है,,, वे पहली बार वहां पर जाएगी यही सब सोच सोच कर नूरी बड़ा उत्साहित है,,, !
देर रात तक उसने अपनी स्पीच लिखी है कई बार पढ़ चुकी है तब जाकर उसको सुकून मिला है,,, अब वह यह सब पास में ही रख कर सो जाती है
सुबह जब वह स्कूल पहुंचती है तो सब लोग अपने अपने कामों में बिजी हैं,, स्पोर्ट्स टीचर बच्चों को लेकर जा रहा है,,,,!
और नूरी सलमा के साथ 1 घंटे बाद जाएगी,,, तभी सलमा नूरी के पास आती है और सलमा से कहती है,,, अरे कैंटीन चल यार ,,,बड़ी अच्छी पकोड़े की खुशबू आ रही है,,,,!
वैसे भी मैंने आज जल्दी-जल्दी में नाश्ता नहीं किया ,,, तू साथ होगी तो दोनों मिलकर नाश्ता कर लेंगे फिर वह नूरी को साथ लेकर कैंटीन पहुंचती है
घनश्याम काका दो अदरक वाली चाय और एक प्लेट पकौड़ा भेज दीजिए,,, रामू काका के पकोड़े यहां पर सब लोग बहुत पसंद करते हैं हल्की हल्की ठंड में पकड़ो का मज़ा कुछ और ही होता है,,, !
नूरी पकौड़े खाते हुए सलमा से कहती है पकोड़े तो बहुत ही करारे बनाते हैं घनश्याम काका,,,, और साथ में हरी चटनी का भी जवाब नहीं है ,,,,,,,, इस कैंटीन में पकौड़े आज मैं पहली बार ही खा रही हूं,,,,!
सलमा ऐसा क्यों आती तो तू रोज़ है इस कैंटीन में ,,,!
हां आती हूं,,,, विजय बाला मैडम के साथ,,,, पर उनको चाऊमीन और ब्रेड पकोड़ा ज़्यादा पसंद आता है,,,!
वैसे भी घनश्याम काका पालक और गोभी के पकोड़े कुछ लोगों की फरमाइश पर कभी कभी ही बनाते हैं ,,,, ज्यादातर बच्चे और टीचर ब्रेड पकोड़ा और चाउमीन ही खाते हैं,,,!
नूरी यह सुनकर हंसने लगती है और सलमा से कहती है आज से पकौड़े खाने वालों की लिस्ट में मेरा नाम भी शामिल हो गया है याद रखिऐगा घनश्याम काका,,,,,,!
चाय पीते पीते सलमा नूरी से कहती है शमीम का फोन आया क्या,,,?
नूरी हां आया था रात देर तक बात हुई,,,, शादी के लिए बोल रहा था मैंने कह दिया मम्मी पापा इस रिश्ते के लिए राज़ी लगते हैं,,, थोड़ा टाइम लग रहा है पर मुझे लगता है वह तुम्हें निराश नहीं करेंगे,,!
पर तूने क्या सोचा अरे मुझे क्या सोचना है समझौता कर रही हूं जिंदगी के साथ,,, तुझे पहले भी बताया था ना,,,!
समझौता क्यों ,,,,अरे जब भी मैं शादी के बारे में सोचती हूं सनी का चेहरा मेरी आंखों के सामने आकर खड़ा हो जाता है,,, और हां शमीम कह रहा था यहां से मैं ट्रांसफर ले लूं यहां चारों तरफ यूनिफॉर्म पहने आर्मी वाले घूमते रहते हैं,,, उसको लगता है इस माहौल में मैं सनी को भूल नहीं पाऊंगी,,, सनी आर्मी ऑफिसर था,ना,,!
पर शमीम या नहीं जानता,,, आज भी मैं सनी को नहीं भूली हूं चाहे मैं किसी भी जगह रहूं वह मेरा पहला प्यार है मैं उसको नहीं भूल सकती,,,!
आज भी,,,,
याद आती है मुझको उससे मुलाका़त आख़री
नम आंखों से मुझे जब उसने कहा था अलविदा!
क्या नूरी सनी को भुलाकर शादी कर पाएगी,,,? जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक हमें मिलना ही था 💕
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क्रमश:,,
मौलिक रचना सय्यदा ख़ातून--✍️
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