क्या कुछ नहीं है मेरे पास, तुमको मनाने को।
कि मांगू मैं किसी से मदद, तुमको हंसाने को।।
क्या कुछ नहीं है मेरे पास------------------।।
सजाकर रखी है वीणा, बताओ इसको गम अपना।
सुर है इसमें सभी के काबिल, दर्द भुलाने को।।
क्या कुछ नहीं है मेरे पास-------------------।।
टूटे इस शीशे में देखो तुम, अपना यह चेहरा खुद।
ख्वाब है इसमें महलों में, ख्वाब अपने सजाने को।।
क्या कुछ नहीं है मेरे पास--------------------।।
छोड़ दें सभी साथ तुम्हारा, तोड़ दें यह दिल तुम्हारा।
लेकिन अभी मैं जिन्दा हूँ ,साथ तुम्हारा निभाने को।।
क्या कुछ नहीं है मेरे पास------------------।।
तुमसे नहीं मांगेंगे कीमत हम,सहारा तुमको देने की।
तेरा ही हक है हम पर, हमराह अपना बनाने को।।
क्या कुछ नहीं है मेरे पास---------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847