24 अगस्त 2022
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एक सरकारी शिक्षक और साहित्यकार कुल रचनायें(कविता)- 2500 प्रकाशित-- 40 साझा काव्य संग्रह और 25 समाचार पत्र प्राप्त सम्मान पत्रों की संख्या - 45(पिछले 6 महीनों में) खुद की प्रकाशित पुस्तकों की संख्या- 6D
जैसे कि धमाके की आवाज,जो हुई है अभी मेरे पड़ौस में,बेचैन हो गया हूँ इस आवाज से,इस आशंका से यह सोचकर,कि खत्म तो नहीं हो गई है,तेरी दुनिया इस धमाके में।इस धमाके की आवाज से,चिंतित हूँ यह सोचकर मैं,क
फालतू बात यही है, फालतू खून बहा है।आपकी आँखों से भी, फालतू नीर बहा है।।वास्ता हमसे नहीं तो, दर्द क्यों तुमको हुआ।फालतू बात यही है, तुमको अपना जो कहा है।।फालतू बात यही है-----------------।।अच्छा होता आ
अपने अदब से, अपने शब्द से।करो नहीं , किसी का तुम अपमान।।जीवो और जीने दो, सभी को।करो सभी का, तुम सम्मान।।अपने अदब से-------------------।।बोलो मीठे बोल तुम, सभी से यहाँ।टूटे रिश्ते इससे जुड़ेंगे, तुम्हार
सिर्फ एक वह भूल जो कर देती है नष्ट,इंसान के सभी अच्छे गुणों कोइंसान की कीर्ति और सत्कर्मों को,उसके द्वारा भलाई के कार्यों को,इंसान की इज्ज़त और शान को।सिर्फ एक वह भूल जो कर देती है खत्म,इंसान की जीवनभर
इस तरहां आज होकर विदा, क्यों कहाँ चल दिये।करके हमको आज अकेला,ऐसे कहाँ चल दिये।।इस तरहां आज-------------------।।बात हुई क्या, हमसे कहो, शर्म हमसे नहीं करो।पर्दा करो नहीं हमसे यूं ,हम पर वहम नहीं
उसी सनातन शाश्वत सत्य को,जो सुना है मैंने ऋषि- मनीषियों से,पढ़ा है जिसको मैंने धार्मिक ग्रन्थों में,दिखती है जिनकी झलक व्यवहार में,उसी सच को आज फिर बता रहा हूँ।जैसा कि पीढ़ियों से होता आ रहा है,या फिर श
आज के बाद अब कब होगा मिलन।ना मालूम हमें, ना मालूम तुम्हें।।क्या कहे आपसे,आज के दिन हम।कहना चाहेंगे बस यही तुम्हें।।खुश रहे आप आबाद हो।आप ऐसे सदा मुस्कराते रहे।।आज के बाद अब-----------------।।कोई बात न
जैसे कि आज हम है अकेले, इस भीड़ में यहाँ।कल भी होंगे हम तो अकेले, उस भीड़ में वहाँ।।जैसे कि आज हम है----------------।।बदल जावोगे कल आप,मिलेंगे नये जब नजारें।मिलेगा तुमको नया साथी,जैसे कि हम है तुम्हारे।
क्यों ऐसी क्या बात हुई, यहाँ कैसे मिले हम चलकर।छोड़ चमन क्यों ऐसे कहाँ, अब चल दिये पँछी बनकर।।चोरी चोरी छुपके छुपके ---------(2)क्यों ऐसी क्या बात-----------------।।ऐसी खबर क्या हमको मिली, सुनकर जिसको
जैसे कि मैं सोचता हूँ तुम्हारे लिए,क्योंकि तुमसे प्यार जो करता हूँ,और वचन देता हूँ इस प्रकार,कि गिरने नहीं दूँगा तुम्हारे आँसू ,और मिटने नहीं दूँगा तुम्हारी हस्ती।मुझको तुमसे मोहब्बत है,इसीलिए खाता हू
मुझको पहुंचना है पहले,अपनी पहली मंजिल पर,उसी के बाद देखूंगा मैं,कोई और ख्वाब अपना,और बढ़ाऊंगा दूसरा कदम।याद करते हैं जिनको आज,वतन के सभी लोग गर्व से,पढ़ती हैं जिनको आवाम,किताबों में शान से आज,झुकाते हैं
हो गई स्याह वह सुबह,जो देख रहा था कल आशा से,हो गया गुम वह सूरज क्षितिज में,जो बिखेर रहा था लालिमा अपनी,देख रहा हूँ अब आकाश को,बिल्कुल शून्य की तरहां अब मैं।अंतर सिर्फ इतना सा है कि,परवाज अब पक्षियों क
वैसे तो तुमसे,रहता हूँ उत्सुक मिलने को रोज,और देखता हूँ तुम्हारे सपनें रोज,बनाने को तुमको अपना मैं,हमरुह, हमदर्द और हमराह।क्योंकि तुमसे करता हूँ प्यार,मानकर अपनी ख़ुशी तुमको,मानकर अपना हमराही तुमको,देत
करूँगा नहीं अब यह कोशिश,कि फैले कोई ऐसी चर्चा,उस गली या उस शहर में,जहाँ है तेरा मकान,जहाँ से निकलता हूँ मैं,रोज देखने को तेरा चेहरा।नहीं, अब ऐसा नहीं होगा,कि उड़े गर्द उस राह में,जिससे हो तकलीफ तुमको,द
तुझको मिले हरखुशी, दुहा यह रोज करते हैं ।ना कोई गम हो वहाँ, जहाँ पर आप रहते हैं ।।जहाँ भी जाये आपका , बहारे- गुल - ए - स्वागत हो ।मुबारक हो, मुबारक हो, तुम्हें जन्मदिन मुबारक हो ।।तुझको मिले हरखुशी --
कि अपनी जो दुनिया होगी जमीं पर,होगी सबसे निराली जहान में वह,सच में अटूट प्रेम और विश्वास की,जिसमें होगी खुशियां ही खुशियां,शांति और सुकून अपनी दुनिया में,ख्वाब तो यही देखा है मैंने।गर कभी हो जाये हम न
गैरों को दोष क्या दूँ मैं, साजिश अपने ही रचते हैं।सामने तो मुँह पर राम, बगल में चाकू रखते हैं।।गैरों को दोष क्या दूँ मैं-------------------।।हो गया हूँ मैं बहुत बर्बाद, आबाद अपनों को करने में।हो गया ज
मुझको मालूम नहीं , मेरा परिवार कैसा है।खबर पूरी है लेकिन, तेरा संसार कैसा है।।मुझको मालूम नहीं-----------------।।वक़्त मिलता है कभी तो, उनको याद कर लेता हूँ।क्या देखूँ और किसी को, तेरा चेहरा ही ऐसा है।
ना झुका किसी के आगे, अब तक यहाँ मैं इतना।ना किसी से प्यार मुझको, तुमसे मगर है इतना।।ना झुका किसी के आगे-----------------।।मुझमें कमी है क्या, जो मदद किसी की चाहूँ।जरूरत नहीं है किसी की, तू है मगर मेरा
खराब अपना दिमाग तुम,ऐसे ना किया करो।खराब अपनी सेहत तुम,ऐसे ना किया करो।।खराब अपना दिमाग तुम----------------।।रूठ जाते हो तुम तो, छोटी सी ही बात पर।शक किसी पे इतना तुम,ऐसे ना किया करो।।खराब अपना दिमाग
कितनी बार लड़ हम गए, हो गए लड़कर भी एक हम।यही है सच में सच्चा प्यार, ना कभी हो यह प्यार कम।।कितनी बार लड़ हम गए ----------------------।।हम अगर हो कभी दूर भी, भूले नहीं हम अपना मिलन।एक दूसरे को खत हम लिखे
कहते हो हमको दुश्मन, जबकि जान तुमको देते हैं।ना जाये जान तेरी जान, हम प्यार तुमको देते हैं।।कहते हो हमको दुश्मन-----------------।।हो गए हम चाहे बदनाम, तुम्हारे लिए इस शहर में।तुम रहो हमेशा खुश, हम खुश
अगर की हमसे की मोहब्बत, कुछ नहीं होगा तुम्हारा।बेदाग निकलोगे तुम, कुछ नहीं होगा तुम्हारा।।अगर की हमसे मोहब्बत-----------------।।मन को ललचाईये मत तुम, दौलत उनकी देखकर।सुकून नहीं उनसे मिलेगा, होगा बदहाल
कि राज दिल का उसको, कभी बता नहीं सके।याद आ गई कोई बात, खुद को झुका नहीं सके।।कि राज दिल का उसको-----------------।।रहे अब तक हम हरदम,जिसके ख्यालों में खोये।ख्वाब जो उसके बनाये, उसको दिखा नहीं सके।।कि र
चाहे मत छूने दो हमको,तुम यह दामन तुम्हारा।तुम मगर रखना पवित्र, सदा यह दामन तुम्हारा।।चाहे मत छूने दो हमको-------------------।।यही करते हैं दुहा हम, रोज तेरे लिए रब से।मत किसी को देना तुम हक,छूने को दा
सच तेरी वजह से,मुझको प्यार हुआ है,चमन की इन कलियों से,जो बनेगी बहार वतन में,या किसी विजेता के विजय में,गले के हार की शोभा,या फिर किसी के घर में,पूजा के श्रद्धा सुमन,इसीलिए सींच रहा हूँ इनको,अपने पसीने
दुश्मनी ही तो तुमसे मैं , नहीं कर पाया अब तक।करता तुमसे दुश्मनी तो,शेष क्या बचता अब तक।।दुश्मनी ही तो तुमसे मैं -----------------------।।चाहे तुम मानो कुछ भी,मेरा है प्यार पवित्र।होता मैं सौदागर तो, म
आईना देखना पहले,करें गर प्यार किसी से। अंजाम देखना पहले, मिले गर प्यार किसी से।।आईना देखना पहले------------------।।बहुत है आशिक तेरे,मिलते हैं राह में तुमको।आत्मा देखना पहले, मिले गर फूल किसी से।
क्या कुछ नहीं है मेरे पास, तुमको मनाने को।कि मांगू मैं किसी से मदद, तुमको हंसाने को।।क्या कुछ नहीं है मेरे पास------------------।।सजाकर रखी है वीणा, बताओ इसको गम अपना।सुर है इसमें सभी के काबिल, दर्द भ
गौरव है मेरा, बेटी मेरी।मेरी शान है , बेटी मेरी।।बसी है मेरी जान , मेरी बेटी में।जीवन है मेरा, बेटी मेरी।।गौरव है मेरा-------------------।।देखा था सपना, मैंने जीवन में।आये एक बेटी ,मेरे आँगन में
बेकसूर और मूक इन पशुओं की, ऐसे ना करें कुर्बानी हम।हमारी तरहां इनको जीने दे,बचाये इनकी जिंदगानी हम।।बेकसूर और मूक इन पशुओं--------------।।निभाने को रस्म कभी कोई हम, बने नहीं हम निर्दयी।बचाने को अपनी झ
तुमसे इस तरह नफरत, होने लगी।और मुलाकातें कम तुमसे, होने लगी।।तुमसे इस तरह---------------------।।यकीन जैसे तुमको, नहीं मेरे प्यार पर।धूमिल तेरी छवि मालूम, होने लगी।।तुमसे इस तरह---------------------।।इ
सच होता है कड़वा, हकीकत में।सच की मिलती सजा है, हकीकत में।।सच होता है कड़वा---------------------।।बेच क्यों देते हैं लोग, सच को ऐसे।करने को मौज आराम, लेकर पैसे।।शर्म आती नहीं क्यों, करते ऐसा।सच से डरते
मुझसे तो होगा नहीं अब, यकीन कुछ भी तुम पर।लुटाये कोई खुशी चाहे, यकीन करके तुम पर।।मुझसे तो होगा नहीं-------------------।।मेरे काबिल नहीं है, तेरी हस्ती यह तेरी जमीं।होगी तेरी नहीं नियत पवित्र, यकीन है
निभाता उम्रभर तेरा साथ, काम और भी है जरूरी।छोड़ता तेरा नहीं मैं हाथ, समझ लो तुम मजबूरी।।निभाता उम्रभर तेरा साथ------------------।।ऐसा भी नहीं मैं तेरी, समझता नहीं हूँ जरूरत।चुराता नहीं नजर तुमसे, रस्मे
वजह क्या हो सकती है, क्यों मैं बदल गया हूँ।रहा नहीं क्यों वैसा मैं, तुम्हें क्यों भूल गया हूँ।।वजह क्या हो सकती------------------।।मैंने क्या माना तुमको, तुमने क्या दिया मुझको।कौन किस पर हंसा है, बेखब
मुझको मत दोष तुम देना, क्यों ऐसा कर रहा हूँ मैं।नहीं काबिल तुम मेरे , क्यों ऐसा कह रहा हूँ मैं।।मुझको मत दोष तुम-------------------।।करता था तेरी तारीफ, समझा मजबूर तूने मुझको।पवित्र नहीं तुम्हारा दिल,
ऐसा क्या है तुझमें, ऐसा क्यों होता है।प्यार जो तुझसे हैं, तुमको दिल चाहता है।।ऐसा क्या है तुझमें------------------।।जबकि तुमसे मुझको, इतना नहीं प्यार मिला।फिर भी तारीफ तुम्हारी, मेरा दिल करता है।।ऐसा
सोचता हूँ उनसे मिलने से पहले,देखता हूँ उनको याद करने से पहले,यह वह तो नहीं जो कहता था कल,मुझको नाहक और दुश्मन अपना,होता था उनको मुझसे नुकसान,इसलिए रहता हूँ उनसे दूर अब मैं।नहीं चाहता उनसे बनाना नया रि
फिर भी तुम्हारे लिए, यह कर रहा हूँ।सदा खुश रहो तुम, दुहा कर रहा हूँ।।फिर भी तुम्हारे लिए----------------।।तुमने तो समझा, दुश्मन सदा मुझको।सदा तुम रहो रोशन, यह लिख रहा हूँ।।फिर भी तुम्हारे लिए---------
होता नहीं अब मुझसे, कि प्यार मैं तुमसे करुं।तारीफ तेरी मैं करूं ,कि याद मैं तुमको करूं।।होता नहीं अब मुझसे---------------------।।मुझको नहीं यह पसंद, रोज झगड़ना मुझसे तेरा।तुमको मनाना रोज ऐसे,सहन सितम म
जिस देश में शासक का चुनाव, जनता से होता है।उस देश में लोकतंत्र, सर्वोच्च होता है।।जिस देश में शासक------------------।।लोकतंत्र की नींव मजबूत, चुनाव करते हैं।जनता की मर्जी से वहाँ, शासक बदलते हैं।।लोकत
कर देता नाम बदनाम तुम्हारा, तुमसे अगर प्यार सच्चा न होता।कर देता तुमको बर्बाद हाँ मैं, मेरा दिल अगर अच्छा न होता।।कर देता नाम बदनाम-------------------।।बताया तो होता खता मेरी क्या है, विश्वास तुमने मे
मुझसे पहले क्या किसी ने, ऐसे तुमको छुआ है हमदम।मुझसे पहले क्या किसी ने, तुमको प्यार किया है हमदम।।मुझसे पहले क्या किसी-----------------।।तुम किस राह पर चली हो, छोड़कर यह घर अपना।मुझसे पहले क्या किसी ने
खत्म तुमको भी मैं, कर देता अब तक।अगर प्यार सच्चा,नहीं होता तुमसे।।बदनाम तुमको भी मैं, कर देता अब तक।अगर चाहता नहीं मैं,तुमको सच्चे दिल से।।खत्म तुमको भी मैं--------------------।।मुझसे तुमको है नफरत ,
बहुत बुरा लगेगा दोस्त ,यह सुनकर मेरी ओ जान।मुझको नहीं है तुमसे प्यार ,यह हमदम तू सुन ले।।मुझको अफसोस बहुत है मगर, मैं भी क्या करूं।तोड़ लिया है तुमसे रिश्ता,राह अब तू भी बदल ले।।बहुत बुरा लगेगा दोस्त--
आज फिर मैं,बेचकर अपना ईमान और स्वाभिमान,उस दुकान पर,जहाँ तोला नहीं जाता तराजू पर,वजन बराबर- बराबर,कह आया उस दुकानदार से,मेरी गलती नहीं होने पर भी,कि अपराधी मैं ही हूँ।आज फिर मैं,झुक गया उसके दरवाजे पर
अपने वतन की रक्षा में,कुर्बान है इंडियन आर्मी।ऐसे में हमारा फर्ज है, और गाना यह लाजिमी।।जय जय इंडियन आर्मी। जय जय इंडियन आर्मी।।अपने वतन की रक्षा में--------------------।।अपनी इंडियन आर्मी पर,हम सभी क
(शेर)- कुछ लोग वतन के नाम पर, हो जाते हैं कुर्बान । मरकर भी वो मरते नहीं , वो छोड़ जाते हैं निशान।। भूल नहीं सकते कभी हम , उन वीरों का बलिदान ।  
क्या क्या कह दिया मैंने, नाराज होकर तुमसे।भूल गया मैं दर्द तेरा, नाराज होकर तुमसे।।क्या क्या कह दिया मैंने-------------------।।वाकिफ हो तुम भी तो,मेरी इस आदत से दोस्त।नहीं रह सकता बहुत देर मैं,खफ़ा होक
(शेर)- करता हूँ सलाम मैं , तुमको तिरंगा। तू गौरव है सच में, हिंदुस्तान का।। तू है निशानी, वीर शहीदों की। त
(शेर) - जाकर रहूँ गुरबत में भी , लगता है दिल वतन में । मरना है तेरी गोद में , यही ख्वाब है मेरे दिल में ।।----------------------------------------------------------मर
मेरे वतन मेरे चमन , तुझपे हम कुर्बान है ।यह तिरंगा जां से प्यारा , यह हमारी शान है ।।मेरे वतन मेरे चमन -------------------------।।कैसे मिली आजादी हमको , यह हमें भी याद है ।कितने सहे तुमने सितम , यह भी
रखना खयाल मेरे भाई हमेशा।जो कह रही है तुम्हारी बहिना।।नहीं करना अपमान इस रक्षाबंधन का।समझा रही है तुम्हारी बहिना।।रखना खयाल मेरे भाई------------------।।यह जो रिश्ता है भाई - बहिन का।दुनिया में नहीं को
मेरे प्यारे देशप्रेमियों, यह तिरंगा है जान हमारी।हमसे नहीं हो अपमान इसका, यह तिरंगा है शान हमारी।।मेरे प्यारे देशप्रेमियों-----------------।।कितने हम है खुशनसीब, हमको ऐसा अधिकार मिला है।राष्ट्रीय पर्व
शतेरे खातिर हँसते हुए, मिट जायेंगे।तुमको लेकिन झुकने, नहीं हम देंगे।।हमारी जान तिरंगा, हमारी शान तिरंगा।--2तेरे खातिर हँसते-------------------।।एकता के सूत्र में बांधा, तुमने इस देश को।पहचान तुमने दी
तेरे खातिर हँसते हुए, मिट जायेंगे।तुमको लेकिन झुकने, नहीं हम देंगे।।हमारी जान तिरंगा, हमारी शान तिरंगा।--2तेरे खातिर हँसते-------------------।।एकता के सूत्र में बांधा, तुमने इस देश को।पहचान तुमने दी ह
शत शत नमन उन सपूतों को,आजाद हुआ जिनसे भारत।जिनके त्याग- बलिदान से, सुरक्षित है अपना यह भारत।।शत शत नमन उन---------------------।।मुस्कराते हुए इन चेहरों की,मुस्कान कभी गायब नहीं हो।हँसते हुए लोगों की आ
आजाद वतन के वासी हम,आपस में मिलकर यह गाये।आबाद रहे यह अपना वतन, हम मिलकर करें ये दुहाएँ।।आजाद वतन के वासी हम-------------------।।खुशकिस्मत हैं हम तो यारों, आजाद वतन में जन्म लिया।नहीं देखी गुलामी हमने
सभी है परेशान, इस महंगाई से।नहीं कोई खुश, इस महंगाई से।।यह महंगाई होगी कब कैसे कम।बढ़ी है तकलीफें, इस महंगाई से।।सभी है परेशान---------------------।।मैं हूँ व्यापारी, कमाई बहुत है।लेकिन मेरे घर में, खर
यही आदत ही तो, बनी नफरत की वजह।हुई है हम में दुश्मनी, इसी अहम की वजह।।यही आदत ही तो-----------------------------।।खुद की हस्ती पे खुद को, बहुत होता है गरूर।खुद की दौलत का खुद को, बहुत होता है सरूर।।यह
अगर आज तुम इस अवस्था में हो,तो इसके सृजन की भूमिका में,मूलकर्मी और कर्त्ता कौन है,यही प्रश्न विचारणीय है,मैं यही सोचता हूँ ,मेरी सन्तुष्टि इसी में है।तुम जानते हो किमैंने ऐसा क्या कहा है,अगर खामोश हूँ
मैं करता नहीं सौदा कभी किसी से,अपने उसूलों और नियमों का,बदलता नहीं हूँ कभी अपने वादे से,कभी किसी लालच में आकर,इसीलिए मेरे दुश्मन बहुत है।आज सुखी है मेरे मित्र,और जमा चुके हैं अपनी जड़ें,बना चुके हैं अप
मैं करता रहा सचेत तुमको,कि तू अपने कदमों को देख,अपने कदमों की राह देख,और अपनी राह की मंजिल देख,जबकि तुम अक्सर,लगाते रहे हो कोई न कोई आरोप,मुझ पर और मेरी दोस्ती पर।ऐसा भी नहीं कि,मेरी बहस नहीं हुई हो त
तुम पिला नहीं सके मुझको पानी,जब भी आया मैं तुमसे मिलने,तुम्हारे घर पर तड़पता रहा प्यास से,या फिर पिलाया मुझको पानी कभी,तो कर दिया तुमने मुझको पानी-पानी,और मैं तुमसे प्यार करता रहा जबकि-------।तुम बताते
मेरे बिना तुम , जी नहीं सकोगे।कभी चैन से तुम, रह नहीं सकोगे।।मेरे बिना तुम--------------------------।।माना कि तुमसे झगड़ा, हुआ हर दिन है।फिर भी मनाया तुमको, मैंने हर दिन है।।प्यार ऐसा और से, पा नहीं सक
तेरी जिन्दगानी तो, मेरी जैसी नहीं होगी।तेरी कहानी तो,मेरी जैसी नहीं होगी।।तेरी जिन्दगानी तो----------------------।।मिल जायेगी तुमको, सुविधाएं सारी।होगी मुझसे ज्यादा, दौलत तुम्हारी।।फिर भी तेरे चेहरे प
गम यह नहीं है कि, मेरी विदाई हो रही है,उदास इसलिए हूँ कि,मेरी यह विदाई खास,बहुत पहले हो चुकी होती,यह खटास पहले ही हो जाती।बहा रहा हूँ ऑंसू मैं,इस विदाई इसलिए,उन दिनों को यादकर,जो गुजारे थे हमने क
गोविंद से बड़ा होता गुरु है।ब्रह्मा, विष्णु , महेश भी गुरु है।।माँ- बाप सा प्यार देता गुरु है।जगत की ज्योति होता गुरु है।।गोविंद से बड़ा---------------।।नहीं हो घमंड, जिसको किसी का।अपने ज्ञान, अपने धर्म
विश्वास मुझ पर अब , तुम नहीं करना।उम्मीद अच्छी अब तुम , मुझसे नहीं करना।।विश्वास मुझ पर----------------------------।खास तुमने मुझको, दी होती इज्जत।होती नहीं तुमसे, मुझको ऐसी नफरत।।तुझसे तो अब मुझको ,
इस तरहां धीरे - धीरे, हो गया है हाल यह।अंजाम आगे क्या होगा, राज है अभी यह।।इस तरहां धीरे- धीरे------------------------।।तुझमें है ऐसी क्या खूबी, मैं जानता नहीं हूँ।तुझमें हो कोई कमी, यह मैं मानता नहीं
अभी बचपन है इनका।नहीं बनाओ मजदूर इनको।।उम्र पढ़ने की है इनकी।अभी पढ़ने दो इनको।।अभी बचपन है-----------------।।हाथ कोमल है इनके।मासूम चेहरे है इनके।।शरीर नाजुक है इनका।खेलने दो अभी इनको।।अभी बचपन है ----
शीर्षक - करूँगा तुमको मैं प्यार तब-------------------------------------------------------करूँगा तुमको मैं प्यार तब,करेगी अगर तू मोहब्बत मुझको।मिलेगी तुमको मुझसे इज्जत तब, देगी अगर तू इज्जत मुझको।।करूँ
बता दूँगा तुमको वहाँ मैं ऐसा, इसमें नहीं है कुछ भी तेरा।पाया है तूने यह सब मुझसे, तुझमें नहीं है कुछ भी तेरा।।बता दूँगा तुमको वहाँ मैं----------------------।।मुझको देखकर तुम जब हंसोगे, महफ़िल में या या
अहसास होगा उस दिन तुमको, सितम कोई तुम पर जिस दिन करेगा।करोगी बहुत याद मेरी मोहब्बत, किनारा तेरा साथी जिस दिन करेगा।।अहसास होगा उस दिन-------------------।।कर दिया मैंने तो तेरे लिए बहुत, पवित्र तुम्हें
एक अगर तुम मुझको नहीं मिले।कोई गम नहीं मुझको कोई दर्द नहीं।।तुमसे भी बढ़कर वफादार बहुत है।एक तुम ही जगत में हमदर्द नहीं।।एक अगर तुम ----------------।।तुम खुशनसीब हो, तुमसे प्यार किया।तुमको दी इज्जत , त
उम्मीद मुझको यही है तुमसे, विश्वास मुझको अब भी है तुम पर।खोना नहीं तुम अपनी हस्ती, चाहे मुसीबत कैसी भी आये तुम पर।।उम्मीद मुझको यही है --------------------------।।चाहे दूर हूँ मैं तुमसे, लेकिन नहीं हू
अगर यह मुलाकात ऐसी ना होती, मोहब्बत तुमसे ऐसी ना होती।अगर यह मोहब्बत सच्ची ना होती, कहानी अपनी ऐसी ना होती।।अगर यह मुलाकात ऐसी-------------------।।तेरा यह चलना अदाएं दिखाकर, इठलाते जुल्फें फैलाना तेरा
सच कह रहा हूँ तुमसे, तू यह करना।पसंद नहीं जो मुझको, वह नहीं करना।।सच कह रहा हूँ------------------------------।।मानता हूँ यह भी, खता मेरी भी है कुछ।मगर जो हुआ है, गलती तेरी भी है कुछ।।रक्षा अपने दामन क
सच्चा शिक्षक असल में वही है।भेदभाव जो करता नहीं है।।शिक्षा देने में जो कभी भी।जाति- धर्म को देखता नहीं है।।सच्चा शिक्षक-----------------।।अज्ञानता को जग से दूर करना।ज्ञान की ज्योति जग में जलाना।। 
मेरी मातृभाषा हिन्दी है, यही गीत सबको सुनाता हूँ।राष्ट्रभाषा हिन्दी है देश की,यही सबको मैं समझाता हूँ।।जय बोलो तुम हिन्दी की/गावो गाथा तुम हिन्दी की//मेरी मातृभाषा हिन्दी है---------------------।।हिन्
क्या रह गया है अब शेष जो, मुझसे मिलेगा इस बार में।क्या नहीं दिया अब तक तुमको, जो चाहते हो इस प्यार में।।क्या रह गया है अब------------------।।यकीन मैंने तुमको दिलाया, विश्वास मुझ पर बेशक कर तू।तुमसे दग
करें नहीं ऐसे लालच हम, जीवन बर्बाद हो जाये।रह जाये जग में अकेले,रिश्तें अपनों से टूट जाये।।करें नहीं ऐसे लालच हम ---------------------------।।लालच बुरी बला है,जिसमें ईमान बचता नहीं है।लालच में इंसान स
हर अदा और हर रूप में, तू पसंद है मुझको।गाता हूँ हर महफिल और ,गीतों में मैं तुझको।।हर अदा और हर रूप में---------------------।।कहता हूँ गुलशन तुमको मैं, अपनी जिंदगी का।तेरे ये लब ,तेरी ये जुल्फें, कारण
तुम अगर हो पास मेरे, और की जरूरत नहीं है।प्यार है मुझको सिर्फ तुम्ही से, और से मोहब्बत नहीं है।।तुम अगर हो पास मेरे-------------------।।सबसे सुंदर मेरे लिए, इस जहाँ में हो तुम ही।दिल की मूरत मेरे लिए,
बिन हमारे तुम एक दिन, दोस्त बहुत पछताओगे।आयेगी याद मोहब्बत हमारी, ऑंसू बहुत बहाओगे।।बिन हमारे तुम एक दिन-------------------।।होगा असर नहीं कभी कम,मेरे इन आँसुओं का।मिलेगा नहीं तुमको और,ऐसा दिल वफाओं क
लेने दो इसको भी जन्म।लड़की भी तो संतान है।।लड़का-लड़की में भेद क्यों।लड़की भी तो इंसान है।।लेने दो इसको भी---------------।।सक्षम नहीं किस क्षेत्र में।करने को कार्य लड़कियां।।रखती है योग्यता हर कार्य की।वर्
जिंदगी हो इंद्रधनुष सी,कभी गम हो कभी खुशी।यही जिंदगी की कसौटी है, कभी गुस्सा हो कभी हंसी।।जिंदगी हो इंद्रधनुष सी----------------------।।नहीं डरना पहाड़ों से,क्यों रोना देखकर कांटें।सतुंष्ट हो हर रंग से
मैं मातृभाषा हूँ भारत की,पहचान हिंदुस्तान की।मुझको बोलो तुम राष्ट्रभाषा, और शान हिंदुस्तान की।।समझो मुझको भारत की आन,भारत का मुकुट है हिन्दी।बोलो मिलकर तुम एक साथ यह,जय जय हिन्दी, जय जय हिन्दी।।मैं मा
जहाँ मिलता है सम्मान सभी को,वह देश हिंदुस्तान है।आदर है जहाँ सभी धर्मों का, वह देश हिंदुस्तान है।।जहाँ मिलता है सम्मान-------------------।।खुद को कहता हूँ खुशनसीब, यहाँ पर जो मैंने जन्म लिया।नहीं मुझक
अगर मेरे साथ यह नहीं, किया होता तूने।होता नहीं ऐसा इंसान,हे मेरे दोस्त मैं।।अगर मेरे साथ यह-------------------------।।बहुत खेला मेरे दिल से,बनाकर खिलौना।बाँहों में आये तुम भी, बनकर खिलौना।।अगर मुझको ऐ
रहना सम्भलकर यारों, आई है बाढ़ लुटेरों की।मुश्किल है इनकी पहचान, यारों इन लुटेरों की।।रहना सम्भलकर यारों----------------------।।रंगीन है इनकी दुनिया, चेहरे इनके सतरंगी है।रहते हैं बनकर ये नवाब,ये ऐसे क
ऐसा करने से पहले, याद वह कर लेते तुम।हंसी के वह पल अपने, प्यार की वह बातें तुम।।ऐसा करने से पहले-------------------।।इससे अब क्या मिलेगा, होगी बदनामी किसकी।कौन जीयेगा सुख से, होगी कम खुशियां किसकी।।कि
गलतफहमी है दोस्त यह तुम्हारी, उम्मीद ऐसी अब तुम मत करो।आऊँगा लौटकर तेरी दर फिर से, आशा यह अब तुम मत करो।।गलतफहमी है दोस्त यह ------------------------------।।क्या मुझको कभी तुमने इज्जत दी,याद तेरी मुझक
जैसे कि आज हम है अकेले, इस भीड़ में यहाँ।कल भी होंगे हम तो अकेले, उस भीड़ में वहाँ।।जैसे कि आज हम है-------------------------।।बदल जावोगे कल आप,मिलेंगे नये जब नजारें।मिलेगा तुमको नया साथी,जैसे कि हम है
बेटी तो, ऐसी ही होती है।शान घर की, बेटी ही होती है।।कम नहीं है बेटी , बेटों से।इज्ज़त घर की , बेटी ही होती है।।बेटी तो, ऐसी ---------------------।।आँगन की खुशी, बेटी ही है।रोशनी घर की, बेटी ही है।।बेटी
हम भूल गए सच में, अपनी संस्कृति- संस्कार।इसीलिए तो बन गए, वृद्धाश्रम यहाँ हजार।।हम भूल गए सच में-------------------।।जिसने हमको दिया जन्म, उस माँ की पीड़ा भूल गए।पालन -पोषण जिसने किया, उस बाप का
अ, आ, इ । अ, आ, इ । अ, आ, इ। अ, आ,इ।-------------------------------------------------------अ से अगर मुन्ने , आ से आज यहाँ।इ से इधर नहीं देखोगे तो क्या।।याद करोगे कल, दिन यह आज का।।
मुझको मालूम नहीं था ,कि, ऐसा भी होगा।फूलों से महके चमन में ,फूल संग कांटा भी होगा।।मुझको मालूम नहीं था----------------------।।कर रहा था तुमको मैं प्यार,प्रेम की मानकर मूरत।हृदय से तुमको समझा, मैंने एक
देखकर सूरत खूबसूरत, फिदा उस पर मत होना।बदल जाती है सूरत तो,पागल उस पर मत होना।।देखकर सूरत खूबसूरत----------------।।दिल को कौन जानता है, रहता है पर्दा इस पर तो।मगर हे दोस्त खिलौना तू ,किसी दिल का मत हो
जिंदगी की डगर में मुझको, ऐसे ऐसे भी चेहरे मिले।खुशियां मिली किसी से तो, किसी से जख्म ऑंसू मिले।।जिंदगी की डगर में मुझको---------------।।किसी ने कहकर मुझको शरीफ, मुझको लूट लिया।किसी ने मुझको नकली बताकर
यह तुमने क्या किया है, तोड़कर यह दिल मेरा।कैसे दुश्मन मान लिया है, तुमने मुझको तेरा।।यह तुमने क्या किया है-------------------।।मैंने कभी सोचा नहीं, कोई पाप तेरे लिए।प्यार किया है तुमसे, ख्वाब बुने हैं
दिखाकर ताकत रुपयों की, क्यों कुछ ऐसा करते हैं।ईमान - इंसाफ- इंसान को,खरीदने की बात करते हैं।।दिखाकर ताकत रुपयों की-------------------।।समझते नहीं किसी का दुःख, हंसते हैं वो मजबूर पर।समझते हैं सभी को ग
कमजोरी अपनी यहाँ किसी को, तुम दिखाना नहीं।ऑंसू किसी के सामने तुम,अपने बहाना नहीं।।गलत फायदा लोग उठायेंगे, कमजोरी तुम्हारी देखकर।कमजोर अपने दुःखों से तुम, खुद को बनाना नहीं।।कमजोरी अपनी यहाँ ----------
अवगुणों पर सद्गुणों की, जीत का प्रतीक है दशहरा।हम भी अवगुण अपने मिटाकर, आवो मनाये दशहरा।।अवगुणों पर सद्गुणों की-------------------।।पहला अवगुण पाप है, मन को पापी नहीं बनाओ।दूजा अवगुण घमंड है, मन में घ
हे दिल तुझको किसकी तलाश है।क्यों तु उदास है , किसकी प्यास है।।हे दिल तुझको-------------------------।।नजरें उठाकर देख, फैली है रोशनी।झिलमिल सितारें हैं, फैली है चांदनी।।तूने चिराग क्यों जलाया नहीं है।क
मेरे नसीब तुम,मेरे हमदर्द तुम,रहम कुछ मुझपे करो।मैं तेरी हूँ जीवनसाथी , जुल्म मुझपे ना करो ।।मेरे नसीब तुम----------------------।।बड़े अरमान से तुझको, बसाया है दिल में ।फूल मैंने बिछाये हैं तेरी राह और
दिल में हमारे देशप्रेम है, होठों पर यह जुबानी।कुर्बान हैं हम वतन पर, हम है हिंदुस्तानी।।दिल में हमारे देशप्रेम है-------------------।।हर मजहब यहाँ आबाद है, हर समाज है खुशहाल।आपस में भाईचारा है, सबकी य
दुःखडा है सबका अपना अपना, तेरा दुःखडा कौन सुनेगा।अपना दुःखडा मत तू बता,दुःखडा तेरा मजाक बनेगा।।दुःखडा है सबका अपना अपना-------------------।।कौन चाहता है आँसू बहाना, मुसीबत में खुद को फंसाना।बर्ब
कैसे कितने चेहरे बदलकर, लोग यहाँ रहते हैं।मुहँ में राम बगल में छुरी,लिये हुए मिलते हैं।।कैसे कितने चेहरे बदलकर-----------------।।स्वार्थ अपना देखकर लोग, छोड़ देते हैं अपनों को।करके खून रिश्तों का भी, प
कि आज तुमसे तकरार हो मेरी,और कह दूं सारी बातें दिल की,ताकि तू खराब नहीं करें मेरा मूढ़,मगर तुम लगती हो बहुत प्यारी,करती है जब तुम वो शरारतें,जो पसंद है मुझको खराब मूढ़ में भी,और बदल जाता है मूढ़ मेरा।चाह
कसम खुदा की, नहीं होगी गलती ऐसी मुझसे।पहुंचे चोट तुमको जिससे, दर्द हो तुमको जिससे।।कसम खुदा की --------------------------।।करुंगा तुमसे बातें वही,जिनसे मिले खुशी तुमको।खिले रहे ये लब तेरे, नहीं हो तुम
कहता नहीं मैं अच्छा हूँ , यकीन सिर्फ तू मेरा कर ।लेकिन तेरी यह राह, जायेगी तुमको कहाँ लेकर।।कहता नहीं मैं अच्छा हूँ---------------------।।यह तो बतायेगा वक्त ही,कैसी है मेरी यह सलाह।मिल नहीं पायेगी तुम
मुझको नहीं मालूम,कि तुझमें क्या विशेष है,कि हटता नहीं है सच में,मेरा दिलो- दिमाग सोचने में,किसी और के बारे में कभी,क्यों सोचता हूँ मैं इतना,सिर्फ तेरे ही बारे में हमेशा।इसका कारण क्या होगा,शायद तेरी ख
लोग कहते हैं कि,जहाँ नहीं पहुंचे रवि,वहाँ पहुंच जाता है,अपनी कलम से कवि।एक भेदी होता है कवि,कर देता है राज बेपर्दा,नहीं रहती सच्चाई छुपकर,सत्य को खोज ही लेता है कवि,नहीं होता वचनबद्ध किसी से,नहीं होता
अब तक मैं मानता था,तुमको मेरा सच्चा प्यार,इसीलिए जता रहा था मैं,तुम पर मेरा अधिकार,और निभा रहा था मैं,तुमसे वफ़ा और वादें।अब तक मैं समझता था,तुमको अपनी इज्जत- शान,नहीं करता था पसंद मैं,तेरी बदनामी किसी
मतलब नहीं इससे हमको,कौन कैसा है यहाँ।दुनिया हमारी अलग ही है, कैसे हैं लोग यहाँ।।मतलब नहीं इससे हमको-----------------।।देख लिया है हमने, मोहब्बत यहाँ करके भी।निकले सभी मतलबी, मिला नहीं हमको कुछ भी।।हो
क्या है अच्छा धर्म, क्या है बुरा धर्म।यह बताता है हमको, हमारा कर्म।।हम जीये और जीने दे सबको यहाँ।करें अच्छे कर्म, यही हमारा है धर्म।।क्या है अच्छा धर्म------------------।।इंसानों से नफरत, सिखाये जो हम
एक वह है और एक आप है।बात सीधी,सच्ची और साफ है।।एक वह है और--------------------।।हम तो दोनों के लिए नहीं अलग अलग।किसकी नजरें यहाँ,कितनी साफ है।।एक वह है और----------------------।।वह बैठाते हैं हमको अपन
आवो हम इस दीपावली पर।कुछ ऐसा करके दिखाये।।भूखे प्यासे जो हैं मानव।उनके घर हम दीवाली मनाये।।आवो हम इस --------------------।।भेद मिटाकर छोटे बड़े का हम।सबको बांटे अपनी खुशी हम।।कोई नहीं हो निराश और उदास।
सुन ओ दीपावली, तुम ऐसे आना।तुम रोशनी,सबके लिए यहाँ लाना।।करना रोशन, हर घर का आँगन।हर घर खुशी का,दीपक जलाना।।सुन ओ दीपावली---------------------।।इंतजार तेरा, हर घर पर यहाँ है।स्वागत में तेरे , हर कोई य
भाई-बहिन का त्यौहार है भाईदूज।भाई- बहिन का प्यार है भाईदूज।।नहीं भूल जाना मेरे भाई यह त्यौहार।भाई- बहिन का सम्मान है भाईदूज।।भाई- बहिन का त्यौहार -----------------।।नहीं भूल जाना भाई, अपनी बहिन को।देन
दीपावली पर ऐसा भी होता है।कहीं खुशी तो कहीं गम होता है।।धनवान इस दिन खुश होता है।बिना धन वाला उदास होता है।।दीपावली पर --------------------।।नहीं होती फुरसत इस पल पर।डूबे रहते हैं जश्न में लोग रातभर।।
इतना तो सह लिया है, इसको भी सह लूंगा।मुझे चाह नहीं किसी की, अकेला जी लूंगा।।लेट्स मि लिव एलोन, लेट्स मि लिव एलोन।इतना तो सह लिया है---------------------।।अपनों ने साथ छोड़ा, मजबूरी देखकर मेरी।यारों ने
यह सच आज मुझको, मालूम हो पाया।मेरे दुःख में किसने, मेरा साथ निभाया।।वैसे तो हमेशा मुझसे, करते थे बातें सब।आज मेरी मुसीबत में , किसने वादा निभाया।।यह सच आज मुझको----------------।।रिश्तें मुझसे जोड़े सबन
मांगू तुमसे पूजा में , यही छठ मैया।पार लगाना, सबके जीवन की नैया।।मांगू तुमसे पूजा में------------------।।यही सोचकर तेरा व्रत, मैया मैंने रखा है।जगत का कल्याण मैंने, तुझमें देखा है।।करना सबका उपकार,बनक
करते रहे हो तुम शक हम पर, तुमसे बेशक क्यों रहे।क्यों समझे हम तुमको पवित्र, तुमसे वफ़ा क्यों रहे।।करते रहे हो तुम शक---------------।।सच बयां करती है हमको,यह हरकतें चाल तुम्हारी।तुमको नहीं जब शर्म हमारी,
ठीक है अब मैं भी, प्यार नहीं तुमको करुंगा।अब कभी मैं भी, याद नहीं तुमको करुंगा।।ठीक है अब मैं भी---------------------------।।वैसे भी तुमसे ज्यादा, सुंदर बहुत है और भी।अब कभी मैं भी, फरियाद नहीं तुमसे
किसी से भी हो कितनी, चाहे दोस्ती यहाँ तेरी।कहना मत राज की बातें,किसी से तू यहाँ तेरी।।किसी से भी हो कितनी--------------।।कहेंगे दोस्ती में तो, दोस्त चलता है सब कुछ।मैं तो लेकिन कहूंगा यह, हालत होगी बु
कि सोचा ही नहीं हो,तेरे बारे में कभी ,और जब बहे हो तेरे आँसू ,देखा ही नहीं हो तेरी तरफ,बहे ही नहीं हो मेरे ऑंसू ,देखकर तुम्हारे दर्द को,हाँ, मैं ऐसा तो नहीं था।कि अब सोचने लगे हो तुम,कि हो गया है शक म
हाँ, उनका स्थान तो,नहीं पा सकते कभी तुम,और ना ही यह कोशिश,कभी मैं कर सका सच।सच्चाई तुम भी तो,जानते थे और,कुछ भी तो,नहीं छुपाया था मैंने,बता दिया था तुमको,उनसे कितना प्यार हैऔर कितना वफ़ा हूँ,हाँ, उनका
तुम ही मेरा प्रेम हो,और कोशिश कई बार की,यह बताने को तुमको,मगर मना कर दिया दिल ने,और अब तलाश रहा हूँ अवसर,कि कह सके तू ही यह,पहल करके ऐसी,कि अब शेष ही क्या है,जिसको बताने में हो शर्म,क्योंकि मालूम है स
कब तू बदल ले अपनी,नियत और नीति,अपना लक्ष्य और साथी,क्यों दूँ तुमको नसीहत,मानकर अपना करीबी,क्यों करूँ तुमको प्यार,करके यकीन तुम पर,मुझको तुम्हारा क्या भरोसा।क्योंकि मैंने देखा है,हमेशा तुमको उड़ते हवा म
दुनिया की इस तेज दौड़ में,तू पहुंच नहीं जाये उस मुकाम,जहाँ होते हैं पल आनंद के,मौजमस्ती के लिए पल क्षणभर,जो चुभोते हैं बाद में नस्तर,जिंदगी भर रुलाने के लिए,एक यह भय जिससे कि,रहता हूँ हमेशा आशंकित मैं।
ऐसे हंसते रहो , यूँ हंसाते रहो ।गुनगुनाते रहो , गीत गाते रहो ।।अच्छा लगता है, दिल भी लगता है ।तुम जो हंसते हो , गम भी मिटता है ।।ऐसे हंसते रहो -----------------------------।यह गुलशन हंसा है , तुम्हे द
मैं तो चाहता हूँ कि,तुम्हें नहीं हो कभी दुःख,आये नहीं तुम पर मुसीबत,मुस्कराती रहे तुम हमेशा,और यही प्रार्थना मैं करता हूँ ,तुमको मैं जो प्यार करता हूँ।मैं तो चाहता हूँ कि,तुम्हारा नाम हो हर जुबां पर,त
रहूँगा अब तुमसे दूर ही,नहीं देखूंगा अब तेरी ओर,कभी अपनी नजरें उठाकर,चाहे करें कोई तुमसे अब,बदतमीजी और शरारत,मुझको क्या मतलब तुमसे।कौनसी खुशी मिलती है तुमसे,कब देती है तू मुझको इज्ज़त,हमेशा ही करती है म