मेरे प्यारे देशप्रेमियों, यह तिरंगा है जान हमारी।
हमसे नहीं हो अपमान इसका, यह तिरंगा है शान हमारी।।
मेरे प्यारे देशप्रेमियों-----------------।।
कितने हम है खुशनसीब, हमको ऐसा अधिकार मिला है।
राष्ट्रीय पर्व पर घर घर तिरंगा, फहराने का अवसर मिला है।।
लेकिन यह मिट्टी में मिले नहीं, यह तिरंगा है आन हमारी।
हमसे नहीं हो अपमान इसका, यह तिरंगा है शान हमारी।।
मेरे प्यारे देशप्रेमियों-----------------।।
वीर सपूत चढ़े है फांसी पर,रखने को ऊंचा यह तिरंगा।
सैनिकों ने जान दी है, नहीं झुकने दिया यह तिरंगा।।
भूले नहीं शहीदों की कुर्बानी, यह तिरंगा है पहचान हमारी।
हमसे नहीं हो अपमान इसका, यह तिरंगा है शान हमारी।।
मेरे प्यारे देशप्रेमियों-----------------।।
आजाद, भगतसिंह, खुदीराम, बिस्मिल्लाह की यह निशानी है।
तिरंगे के तीनों रंग हमको, इंसानियत की सुनाते कहानी है।।
नहीं धर्मों के बलवें हो इस पर, यह तिरंगा है देशभक्ति हमारी।
हमसे नहीं हो अपमान इसका, यह तिरंगा है शान हमारी।।
मेरे प्यारे देशप्रेमियों-------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847