करूँगा नहीं अब यह कोशिश,
कि फैले कोई ऐसी चर्चा,
उस गली या उस शहर में,
जहाँ है तेरा मकान,
जहाँ से निकलता हूँ मैं,
रोज देखने को तेरा चेहरा।
नहीं, अब ऐसा नहीं होगा,
कि उड़े गर्द उस राह में,
जिससे हो तकलीफ तुमको,
दम लेने और निकलने में,
जहाँ से है रोज निकलना तेरा।
भरूँगा नहीं अब यह दम,
कि ठेस पहुंचे तुम्हारे विश्वास को,
और नहीं रहे तुमको मुझपे भरोसा,
जिस पर पछताना पड़े मुझको भी,
और दिखा नहीं सकूँ तुमको अपना चेहरा।
नहीं, अब नहीं होगी वह गलती,
कि बहे आँसू तेरी आँखों से,
और टूट जाये तुम्हारे सपनें,
चला जाये चैन तुम्हारे दिल का,
और माफ नहीं कर मुझको भगवान भी।
जिन शब्दों से हो तुमसे तकलीफ,
जिन शरारतों से तुम्हारी बदनामी,
जिन हरकतों से हो तुम्हारी बर्बादी,
जिस मजाक से हो तुम्हारा अपमान,
नहीं, अब ऐसा नहीं होगा।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847