(शेर)- कुछ लोग वतन के नाम पर, हो जाते हैं कुर्बान ।
मरकर भी वो मरते नहीं , वो छोड़ जाते हैं निशान।।
भूल नहीं सकते कभी हम , उन वीरों का बलिदान ।
अपने लहू से लिख गए जो , दास्तां - ए - हिंदुस्तान ।।
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होगी हर जुबान पर , उन शहीदों की कहानी ।
जो वतन के नाम पर , दे गए हैं जान अपनी ।।
हाँ पुकारे उनको धरती , मेरे हिंदुस्तान की ।
शीश जो अपना कटाकर , दे गए हमें जिन्दगानी ।।
होगी हर जुबान पर -------------------------।।
गूंज उठा था घर घर में , तब इन्कलाब का नारा ।
ठान चुके थे नहीं सहेंगे , गौरों जुल्म तुम्हारा ।।
आजादी हम लेकर रहेंगे , अपने हिंदुस्तान की ।
भारत छोड़ो अंग्रेजों अब , होगा राज हमारा ।।
हिंदू ,मुस्लिम, सिक्ख , ईसाई , जंग लड़ी झांसी रानी ।
बिस्मिल्ला , आजाद , भगतसिंह , दे रहे थे कुर्बानी ।। वो दे रहे थे कुर्बानी ।।
होगी हर जुबान पर --------------------------।।
(शेर) - वादा करके धोखा देना , तेरा मजहब रहा है ।
भारत में आतंक फैलाना , तेरा मकसद रहा है ।।
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यारी का पैगाम लेकर , हम गए थे पाक को ।
वो चला बनकर लूटेरा , लूटने कश्मीर को ।।
आ पड़ी थी खतरे में सरहद , मेरे हिंदुस्तान की ।
जल उठी थी आग में तब, वादियां कश्मीर की ।।
लुट रही थी वहाँ वतन की रक्षा में , जिनकी जवानी ।
मरते देखा जिसने उनको , भर आया आंखों में पानी ।। भर आया आंखों में पानी ।।
होगी हर जुबान पर ---------------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847