यह तुमने क्या किया है, तोड़कर यह दिल मेरा।
कैसे दुश्मन मान लिया है, तुमने मुझको तेरा।।
यह तुमने क्या किया है-------------------।।
मैंने कभी सोचा नहीं, कोई पाप तेरे लिए।
प्यार किया है तुमसे, ख्वाब बुने हैं तेरे लिए।।
कर दिये खाक तुमने सपनें, छोड़कर यह साथ मेरा।
यह तुमने क्या किया है-------------------।।
तुमको क्या मालूम नहीं था,रहूंगा तेरे बिन मैं कैसे।
हो सकते हैं रोशन सितारें, बिन तुम्हारे दोस्त कैसे।।
क्यों तुमने मोड़ लिया है, मुझसे ऐसे चेहरा तेरा।
यह तुमने क्या किया है---------------------।।
छुपा रखा था अब तक जो,खुल्लेआम अब होगा।
होगी कितनी बदनामी और अंजाम इसका क्या होगा।।
आग लगाकर जला दिया है, तुमने क्यों यह घर मेरा।
यह तुमने क्या किया है---------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847