बहुत बुरा लगेगा दोस्त ,यह सुनकर मेरी ओ जान।
मुझको नहीं है तुमसे प्यार ,यह हमदम तू सुन ले।।
मुझको अफसोस बहुत है मगर, मैं भी क्या करूं।
तोड़ लिया है तुमसे रिश्ता,राह अब तू भी बदल ले।।
बहुत बुरा लगेगा दोस्त------------------।।
आया कभी यह खयाल भी,कैसे नहीं तू मुझसे मिला।
नहीं होऊंगा तुमसे नाराज,नहीं लूंगा मैं तुमसे बदला।।
होगा बहुत मुझको भी दुःख, ऑंसू जब बहेंगे तेरे।
तुमसे गुजारिश यही है अब , साथी तू और देख ले।।
बहुत बुरा लगेगा दोस्त------------------।।
क्या करूं तेरी मैं तारीफ, कुछ नहीं मिला तुमसे।
बहुत हुआ तुमसे बर्बाद, बहुत हुआ बदनाम तुमसे।।
मेरी भी मजबूरी है दोस्त,और भी है रिश्तें मेरे।
सलाह मेरी यही है दोस्त, रिश्ता मुझसे तू तोड़ ले।।
बहुत बुरा लगेगा दोस्त-------------------।।
जरूरी नहीं है मेरे दोस्त, मुकम्मल ख्वाब सभी हो।
बेगुनाह नहीं है कोई, किसी में कोई कमी नहीं हो।।
फिर भी निराश नहीं होना, जलाये रखना चिराग तू।
माफ करना मुझको हे दिल,हाथ कोई और पकड़ ले।।
बहुत बुरा लगेगा दोस्त--------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847