ऐसा क्या है तुझमें, ऐसा क्यों होता है।
प्यार जो तुझसे हैं, तुमको दिल चाहता है।।
ऐसा क्या है तुझमें------------------।।
जबकि तुमसे मुझको, इतना नहीं प्यार मिला।
फिर भी तारीफ तुम्हारी, मेरा दिल करता है।।
ऐसा क्या है तुझमें-------------------।।
देखता हूँ मैं हमेशा, तेरी सूरत तेरा इंतजार।
बहुत अरमां से तुमको, याद दिल करता है।।
ऐसा क्या है तुझमें------------------।।
जबकि तेरी आँखों में, ख्वाब मेरा नहीं है।
तुमसे बर्बाद होकर भी, दिल तुझमें बसता है।।
ऐसा क्या है तुझमें------------------।।
सोचता हूँ ऐसा मैं भी, भूला दूँ मैं तुमको।
बनाता हूँ तेरी मूरत,तुमपे दिल मरता है।।
ऐसा क्या है तुझमें-------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847