मुझको मालूम नहीं , मेरा परिवार कैसा है।
खबर पूरी है लेकिन, तेरा संसार कैसा है।।
मुझको मालूम नहीं-----------------।।
वक़्त मिलता है कभी तो, उनको याद कर लेता हूँ।
क्या देखूँ और किसी को, तेरा चेहरा ही ऐसा है।।
मुझको मालूम नहीं ---------------------।।
कभी होता हूँ परेशान, उनका दर्द मैं सुनकर।
बहाता हूँ बहुत आँसू , तेरा यह प्यार कैसा है।।
मुझको मालूम नहीं-----------------।।
देते हो तुम यह लानत, शहर क्यों छोड़ता नहीं हूँ।
मुझको अब होश कहाँ है, तेरा नशा ही ऐसा है।।
मुझको मालूम नहीं-----------------।।
उठाता हूँ कभी कदम, करने को उनसे मुलाकात।
पहुंच जाता हूँ तेरे घर, तेरा रास्ता ही ऐसा है।।
मुझको मालूम नहीं-----------------।।
कभी फिर आता है गुस्सा, एक बकवास है तू तो।
गुलाम है तेरा जी आज़ाद, तेरा जादू ही ऐसा है।।
मुझको मालूम नहीं------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847