जिंदगी हो इंद्रधनुष सी,कभी गम हो कभी खुशी।
यही जिंदगी की कसौटी है, कभी गुस्सा हो कभी हंसी।।
जिंदगी हो इंद्रधनुष सी----------------------।।
नहीं डरना पहाड़ों से,क्यों रोना देखकर कांटें।
सतुंष्ट हो हर रंग से,खुशियां सबको हम बांटें।।
जिसका है जीवन इंद्रधनुष, वह माने खुद को हसीं।
जिंदगी हो इंद्रधनुष सी--------------------।।
हम सीखे इंद्रधनुष से,जिंदगी में रंग बहुत भरना।
अपशकुनी नहीं है कोई रंग, हर रंग में खुश हमें रहना।।
वह जीवन भी क्या जीवन है, जिसमें इंद्रधनुष ही नहीं।
जिंदगी हो इंद्रधनुष सी--------------------।।
हर रंग का एक संदेश है, हर रंग में रहे ऊर्जावान।
निराश नहीं हो किसी रंग से, हर रंग को कहे भाग्यवान।।
धर्मों की एकता है इंद्रधनुष, जिसमें नफरत किसी से नहीं।
जिंदगी हो इंद्रधनुष सी --------------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847