हर अदा और हर रूप में, तू पसंद है मुझको।
गाता हूँ हर महफिल और ,गीतों में मैं तुझको।।
हर अदा और हर रूप में---------------------।।
कहता हूँ गुलशन तुमको मैं, अपनी जिंदगी का।
तेरे ये लब ,तेरी ये जुल्फें, कारण है दिल्लगी का।।
छूने दो तुम हाथों से इनको,आकर करीब मुझको।
हर अदा और हर रूप में--------------------।।
यह लिबास जो पहना है तुने, लगती हो इसमें हसीन तुम।
हवा में जब ये चुनरिया, उड़ाती हो खिलखिलाकर तुम।।
निहारता रहूँ मैं हमेशा, इसी रूप- श्रृंगार में तुमको।
हर अदा और हर रूप में-----------------------।।
करता हूँ तुमको प्यार बहुत,तुम पर मुझको भरोसा।
ख्वाब है तू ही मेरे जीवन का, और तुम हो मेरी आशा।।
मैं मानता हूँ पवित्र मूरत , अपनी मोहब्बत की तुमको।
हर अदा और हर रूप में------------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847