अगर यह मुलाकात ऐसी ना होती, मोहब्बत तुमसे ऐसी ना होती।
अगर यह मोहब्बत सच्ची ना होती, कहानी अपनी ऐसी ना होती।।
अगर यह मुलाकात ऐसी-------------------।।
तेरा यह चलना अदाएं दिखाकर, इठलाते जुल्फें फैलाना तेरा।
आकर करीब मुझको छुना मुझको ऐसे,शर्माते होठों को खोलना तेरा।।
बेपर्दा अगर मुझसे ऐसे ना होती,करीबी हमारी ऐसी ना होती।
अगर यह मुलाकात ऐसी------------------।।
दोनों का मिलकर ठहाके लगाना, मोहब्बत की मीठी बातें वह करना।
गाकर कोई गीत अक्सर वह तेरा, मेरे सामने तेरा वह खिलखिलाना।।
अपनी यह शरारत ऐसी ना होती,तुमपे निगाहें ऐसी ना होती।
अगर यह मुलाकात ऐसी----------------।।
बताओ अंजाम अब क्या होगा, कैसे भूलाये वह गुजरे दिन।
छुपेगा नहीं यह राज हमारा,बेपर्दा होगा किस्सा यह एक दिन।।
इज्जत तुमको मैं यदि ऐसी ना देता,दिल में बसी तू ऐसी ना होती।
अगर यह मुलाकात ऐसी------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847