देखकर सूरत खूबसूरत, फिदा उस पर मत होना।
बदल जाती है सूरत तो,पागल उस पर मत होना।।
देखकर सूरत खूबसूरत----------------।।
दिल को कौन जानता है, रहता है पर्दा इस पर तो।
मगर हे दोस्त खिलौना तू ,किसी दिल का मत होना।।
देखकर सूरत खूबसूरत---------------।।
चाहत हो दिल को दौलत की,महल हो मंजिले- इश्क।
ख्वाब उस दिल का आँखों में, कभी भी तू मत बोना।।
देखकर सूरत खूबसूरत----------------।।
हंसता हो जो दिल तुम पर, देखकर तेरी बदनामी।
उसके नजदीक मेरे दोस्त, कभी भी तू मत होना।।
देखकर सूरत खूबसूरत------------------।।
शातिर- चालाक दिल के लिए, बहाना नहीं आँसू तू।
आबाद नहीं उससे होगा तू ,बर्बाद उस पर मत होना।।
देखकर सूरत खूबसूरत----------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847