दीपावली पर ऐसा भी होता है।
कहीं खुशी तो कहीं गम होता है।।
धनवान इस दिन खुश होता है।
बिना धन वाला उदास होता है।।
दीपावली पर --------------------।।
नहीं होती फुरसत इस पल पर।
डूबे रहते हैं जश्न में लोग रातभर।।
नहीं आते किसी को याद भूखा- प्यासे।
बिना पैसे वाला तो भूखा ही सोता है।।
दीपावली पर-----------------------।।
बेअक्ल जोश में ऐसे बन जाते हैं।
मदहोशी में कई मकान जल जाते हैं।।
ऐसे लोगों की भक्ति पूजा कैसी होगी।
जिनके कारण किसी घर मातम होता है।।
दीपावली पर--------------------------।।
प्रकृति के बारे में नहीं सोचता कोई।
ध्वनि-वायु प्रदूषण करता है हर कोई।।
कितना धुंआ और शोर करते हैं लोग।
गलत काम इस त्यौहार पर यह होता है।।
दीपावली पर -------------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847