जैसे कि आज हम है अकेले, इस भीड़ में यहाँ।
कल भी होंगे हम तो अकेले, उस भीड़ में वहाँ।।
जैसे कि आज हम है-------------------------।।
बदल जावोगे कल आप,मिलेंगे नये जब नजारें।
मिलेगा तुमको नया साथी,जैसे कि हम है तुम्हारे।।
सामने तुम हमारे होंगे, हम नहीं मिल पायेंगे वहाँ।
कल भी होंगे हम तो अकेले, उस भीड़ में वहाँ।।
जैसे कि आज हम-----------------------।।
देखकर सूरत कल हमारी , तुमको लगेंगे हम अजीब।
होगा हमको यही अफसोस, क्यों है आज हम करीब।।
होगी नहीं तुमको जरूरत, हमारी कल उस घर वहाँ।
कल भी होंगे हम तो अकेले, उस भीड़ में वहाँ।।
जैसे कि आज हम-----------------------।।
तुमको क्या दे आज हम, मिला नहीं कुछ भी तुमसे।
कर दिया हमको यहाँ बदनाम, प्यार मांगा था तुमसे।।
जैसे बहे हैं आँसू हमारे, बहेंगे तुम्हारे भी अश्क वहाँ।
कल भी होंगे हम तो अकेले, उस भीड़ में वहाँ।।
जैसे कि आज हम-----------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847