आजाद वतन के वासी हम,आपस में मिलकर यह गाये।
आबाद रहे यह अपना वतन, हम मिलकर करें ये दुहाएँ।।
आजाद वतन के वासी हम-------------------।।
खुशकिस्मत हैं हम तो यारों, आजाद वतन में जन्म लिया।
नहीं देखी गुलामी हमने कभी, नहीं खून वतन को हमने दिया।।
अब फर्ज है अपना मिलकर रहे, नहीं खून अपनों का हम
बहाये।
आबाद रहे यह अपना वतन, हम मिलकर करें ये दुहाएँ।।
आजाद वतन के वासी हम-------------------।।
बेरोजगारी- महंगाई-गरीबी, अपने वतन से दूर हो।
नहीं कोई मौत हो भूख से, नफरत दिलों की दूर हो।।
मुफ़लिस के भी सपनें हो पूरे ,घर यतीम को भी मिल जाये।
आबाद रहे यह अपना वतन, मिलकर करें ये दुहाएँ।।
आजाद वतन के वासी हम-------------------।।
शहीदों के ख्वाब साकार हो, खतरे में नहीं हो चैनो-अमन।
जाति-धर्मों के झगड़े मिटे, गुलजार रहे यह अपना चमन।।
सलामत देश की शान रहे,तिरंगा कभी नहीं झुक पाये।
आबाद रहे यह अपना वतन,हम मिलकर करें ये दुहाएँ।।
आजाद वतन के वासी हम---------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847