गौरव है मेरा, बेटी मेरी।
मेरी शान है , बेटी मेरी।।
बसी है मेरी जान , मेरी बेटी में।
जीवन है मेरा, बेटी मेरी।।
गौरव है मेरा-------------------।।
देखा था सपना, मैंने जीवन में।
आये एक बेटी ,मेरे आँगन में ।।
साकार सपना , मेरा हो गया ।
मेरी दुहा है , बेटी मेरी।।
गौरव है मेरा------------------।।
रोशन मेरा नाम, करेगी बेटी।
मेरा सिर ऊंचा , रखेगी बेटी।।
बनेगी सहारा , मुसीबत में मेरा।
रोशनी है घर की , बेटी मेरी।।
गौरव है मेरा----------------------।।
यह दौलत मेरी ,मेरा यह घर।
बेटी का ही है , हक इन पर।।
नहीं कम बेटे से , मेरे लिए बेटी।
वारिस है मेरा , बेटी मेरी।।
गौरव है मेरा---------------------।।
नहीं दूर मुझसे ,होगी मेरी बेटी।
नहीं है पराई, मेरे लिए बेटी।।
मेरे घर का गुलशन , सितारा है बेटी।
सच में मिहीका है , बेटी मेरी ।।
गौरव है मेरा----------------------।।
रचनाकार एवं लेखक-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847