क्या रह गया है अब शेष जो, मुझसे मिलेगा इस बार में।
क्या नहीं दिया अब तक तुमको, जो चाहते हो इस प्यार में।।
क्या रह गया है अब------------------।।
यकीन मैंने तुमको दिलाया, विश्वास मुझ पर बेशक कर तू।
तुमसे दगा मैं नहीं करने वाला, बेशक मुझसे बेखौफ रह तू।।
वादा तुमसे कब नहीं निभाया, चाहते हो तुम जो इजहार में।
क्या रह गया है अब---------------------।।
मुझको पसंद क्या नहीं है तेरा,जिसकी शिकायत करते हो तुम।
नाराज हूँ तेरी किस बात से मैं, कहना जो मुझसे चाहते हो तुम।।
कब साथ तेरा नहीं दिया जो,चाहते हो तुम जो इकरार में।
क्या रह गया है अब -----------------------------।।
ये ख्वाब मेरे किसके लिए है, चिराग मैंने क्यों ऐसे जलाये।
यह धन कमाया किसके लिए है, गुल क्यों चमन में ये महकाये।।
तुमको दिया नहीं क्या हक मैंने, चाहते हो अब जो इस प्यार में।
क्या रह गया है अब -------------------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847