अवगुणों पर सद्गुणों की, जीत का प्रतीक है दशहरा।
हम भी अवगुण अपने मिटाकर, आवो मनाये दशहरा।।
अवगुणों पर सद्गुणों की-------------------।।
पहला अवगुण पाप है, मन को पापी नहीं बनाओ।
दूजा अवगुण घमंड है, मन में घमंड को नहीं बसाओ।।
तृतीय अवगुण झूठ है, सच्चाई की है जीत दशहरा।
अवगुणों पर सद्गुणों की--------------------।।
चौथा अवगुण जुल्म है, निर्दोषों पर नहीं जुल्म करो।
पाँचवां अवगुण है कपट,मन से कपट को खत्म करो।।
छठा अवगुण अन्याय है, और न्याय की है जीत दशहरा।
अवगुणों पर सद्गुणों की--------------------।।
सातवां अवगुण है लोभ, दूर रहो लोभ से हमेशा।
आठवां अवगुण वहम है, दूर रहो वहम से हमेशा।।
अधर्म है नवां अवगुण, और धर्म की है जीत दशहरा।
अवगुणों पर सद्गुणों की----------------------।।
दसवां अवगुण है नफरत, प्रेम- मानवता भूले नहीं।
अखण्ड हो भाईचारा देश में, फर्ज हम यह भूले नहीं।।
ये अवगुण ही रावण है, और रावण की है हार दशहरा।
अवगुणों पर सद्गुणों की---------------------।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847