जिसे लब्ज़ ब्यां न कर सके ,वो जज्बात हो तुम ,
दिल मेरा एक मंदिर है , इसकी पुजा हो तुम ,
ये इश्क का कैसा खुमार है मुझपे ,
बिन तेरे मैं कुछ भी नहीं ,मेरे सबकुछ हो तुम ा
बे-वजह नहीं लिखती तुम्हे शामों -सहर, खुदा से भी ज्यादा तुम्हे मानती हूँ ,
क्या बताऊँ हाल -ए -दिल अपना , सब खबर है तुम्हे ये मैं जानती हूँ ,
एक नज़र देखकर तुम्हे जब नज़र झुक गयी , कह गयी उसी वक्त धड़कन ,
यही वो चेहरा है ,जिसका पलकों के तले मैं रोज दीदार करती हूँ ा
पास रहकर भी मेरा दिल , पास मेरे रहता नहीं ,
क्या सोचता है ? क्यों तुम्हे ढूँढता है ?कुछ भी मुझसे कहता नहीं ,
रोक लूँ जो उसे कभी तुझे ढूँढने से ,
रूठकर मुझसे कहता है , बिना उसके धड़कना मुझे गंबारा नहीं ा
मेरी हर धड़कन तुम्हे पुकारे , आ गले लगाके सुन ले जरा,
मैं ढूँढती तुम्हे हर जगह , अब आ भी जा कहीं से यारा ,
बस आरजू यही है दिल का ,
दिल मेरा है सादा कागज ,लिख जा अपना नाम साथिया