मेरे तसव्वुर में वो आया था ,
लब्जों पे वही ख़ामोशी ,
दिल में वही हलचल ,
आँखों में वही दर्द छिपाया था ा
होंठ खामोश थे उसके ,
पर आँखें सबकुछ बयाँ कर रही थी ,
तड़प वो रहा था ,
महसूस मुझे हो रहा था ,
दर्द उसकी आगोश में था ,
और आँखें मेरी छलक रही थी ा
डाल आँखों में आँखें ,
कुछ पल उसने मुझे देखा था ,
ऐसा लगा ,जैसे .....
वो मेरा ही कोई ख्वाब ,
अपने दिल में संजो रखा था ा
एक आवाज जो मेरे रूह से आयी थी ,
थाम के उसका हाथ ,
दे दो उसको दर्द से निजात ,
फिर न जाने क्यों मैं सहम सी गयी ,
एक बंदिश जो मेरे हाथ को जकड़ रखा था ा