अधूरी सी है ख्वाहिश ,
सपने भी है अधूरे ,
कोई मंजिल भी गुमनाम हुआ ,
कुछ रास्ते तय हुए ना पुरे ा
अधूरी -सी है जिंदगी ,
मेरी कहानी भी है अधूरी ,
न जाने कौन सी आग ,
कब से सीने में जल रही ा
कुछ अनकही सी फरियाद है,
कुछ सवाल भी है अधूरे ,
किस राह पे हम चल रहे ,
ये भी न जान पाए ा
न जाने किस मंजिल की तलाश में ,
हम हैं भटक रहे ,
अब तो मन की उदासी भी ,
आँखों से छलक रहे ा
अधूरे रास्ते में छोड़ आयी हूँ ख्वाब अधूरे ,
मेरी जिंदगी के कुछ पन्ने भी है अधूरे ,
दुनिया की भीड़ में ,
हम भी रह गए हैं अकेले ा
अधूरी सी है चाहत ,
कुछ पाने की प्यास भी है अधूरी ,
जिंदगी को समझने की ख्वाहिश में ,
खुद ही रह गयी अधूरी ............