हो वीरता का संचार तुम ,
इस मातृभूमि का लाल तुम ,
तुम गूंजते हो खुले आसमान में ,
तुम दहाड़ते हो युद्ध के मैदान में ,
कभी रुकते नहीं कदम तुम्हारे ,
थकते नहीं बदन तुम्हारे ,
हो क्रांति का एक मिशाल तुम ,
शेरनी माँ का शेर औलाद तुम ,
जो सर कटाए देश के खातिर ,
मातृभूमि ही जिसकी जान हो ,
सलाम है तुझको ऐ वीर सिपाही ,
तुम्ही इस देश के अभिमान हो ,
गोलियाँ खाकर भी फौलादी वक्ष पर ,
एक उफ़ न तेरे मुँह से निकलता ,
बारूद में दिन -रात खेलकर ,
तू मातृभूमि की रक्षा करता ,
ऐ मेरे देश के जावाज रक्षक ,
भारतवासी हमेशा तेरा कर्जदार रहेगा ,
सलाम करता आकाश तुझे ,
देश तुझपर गुमान करता ,
देखो हिमालय पहाड़ भी ,
तनकर तुझे सलाम करता ा