वो कौन है जो हम में इतनी आक्रोश भरता है ?
हमारी मासूमियत को नोच कर खुद को मर्द कहता है ???
ये महज कुछ शब्दों की पंक्तियाँ नहीं है ा इन पंक्तिओं में हमारे देश की लाखों लड़किओं का दर्द छिपा हुआ है जो बचपन में कभी न कभी यौन शोषण का शिकार बनी है ा
मेरे मन में हमेशा से एक प्रश्न रहा है - लड़कियाँ किस उम्र में ,कहाँ ,किसके साथ और किस पहनावे में सुरक्षित रहती है ? आज तक इस सबाल का जबाब मुझे तो नहीं मिला ा आपके पास है क्या इसका जबाब ?
लोगों से सुनते आ रही हूँ - बचपन के दिन बड़े अच्छे होते हैं ा लेकिन उन्हें क्या पता कि हमारे देश की लाखों लड़किओं का बचपन अँधेरे में गुज़रा है ा वह अपने अपने बचपन को याद करके भी काँप जाती है ा
women and child development ministery के द्वारा 2007 में एक सर्वे किया गया ा जिसके अनुसार देश की 53% महिला बालिका यौन शोषण का शिकार रह चुकी है ा अर्थात हर 2 महिला में से 1 महिला के साथ बालयकाल में यौन शोषण हुआ है ा 53% में से 21% ऐसे मामले हैं जो अपनी सभी हदें पार कर चुकी है ा अर्थात इन मासूम बच्चिओं के साथ रेप हुआ है या फिर रेप करके उसकी हत्या कर दी गयी है ा शेष 32% को गलत ढंग से छुया गया है ा kiss और पर्सनल बॉडी पार्ट को टच किया गया है ा और इस तरह की दरिंदगी करने वाला कोई और नहीं होता ा इसमें से 95% लोग सम्बंधित फैमिली के ही जान पहचान का कोई होता है ा
जरा सोचिए कितनी दर्दनाक और शर्मनाक स्थिति है हमारे समाज का ा घिन आ रही है हमें की हम ऐसे समाज में रहते है जहाँ बच्चिओं तक को नहीं छोड़ा जा रहा है ा क्या कोई हमें बताएगा कि इन मासूम बच्चिओं का गुनाह क्या था ? क्या वह छोटे कपड़े पहन रखी थी ? या फिर उसके साथ गलत होने का करना यह था की वह बच्ची घर पर अकेली थी ? कही ऐसा तो नहीं हुआ था की वह छोटी सी बच्ची उस हैवान को यौन उत्पीड़न के लिए प्रेरित करी थी ????.......
मेरे पास तो इसका जबाब नहीं है पर किसी के पास जबाब हो तो जरूर बताना ा जारी ..................