जो बात छिपाए हो तुम होठों में कहीं , आज नैनों को सब कहने दो न ,
कई जन्मों से प्यासी है ये निगाहें , आज मेरी जुल्फों में ही रह लो न ा
एक लम्हा जो नहीं कटता तेरे बिन ,उम्र कैसा कटेगा तुम बिन वो साथिया ,
छोड़ दे अगर ज़िन्दगी साथ मेरा , मेरे नब्ज में साँस बन तुम ही धड़कना माहिया ा
अधूरे -अधूरे से हम दोनों है , मेरी धड़कनो पर अपना चेहरा लिख दो न ,
जो बात छिपाये हो तुम होठों में कहीं , आज नैनों को सब कहने दो न ा
दूर क्यों हो , पास आओ बैठो जरा , जो भी है दरमियाँ महसूस कर लो जरा ,
कल सफर में रहूँ या न रहूँ , तू जो कह दो तो आज हमदर्द बन जाऊ तेरा ा
खामोश हूँ मगर हलचल सी है अंदर कहीं , इस अनकहे अल्फ़ाज़ को सुन लो न ,
जो बात छिपाये हो तुम होठों में कहीं , आज नैनों को सब कहने दो न ा