आसमा से टूटकर ,एक सितारा जमीं पर गिरा ,
समझकर तुम्हारा दिल , मैंने दिल में छिपा लिया ,
सजदे में जब भी हाथ उठा, लब पर तुम्हारा ही नाम आया
जान से भी ज्यादा अजीज हो मेरी जान ,
मैं मीरा-सी दीवानी , तुमको कृष्णा बना लिया ा
मेरे ही अंदर समाया है तू ,फिर भी ढूंढती हूँ बाहर कहीं ,
तुम ख्वाबों- ख्यालों की दुनिया नहीं,
तू ज़िन्दगी की सच्ची कहानी मेरी ,
मालूम है शायद तुम मेरी तक़दीर नहीं ,
पर तुम ही मेरी पहली मोहब्बत ,तुम ही आखरी भी ा
लोग कहते हैं मोहब्बत न करना ,इसमें गम बेहिसाब है ,
इश्क में डूब के ये माना मैंने ,
मोहब्बत -ए -गम हसीन बेशुमार है ,
तुम साथ होते मेरे तो बेशक ये ज़िन्दगी खूबसूरत होती ,
पर आके तो देखो,तेरी यादों से हीं मेरी ज़िन्दगी गुलज़ार है