मंगलू इधर विधायक जी का इंतजार कर रहा है, उधर घर में दर्शनी ने चारी रोटी बनाकर रख दी, दिन में बनाई तोरी का साग बचा हुआ था, रोटी बनायी और दूध में थोड़ा चावल डालकर उसे चूल्हे में रख दिया। ईधर भैंस के लिए सुबह के लिए चारा तैयार करने लगी, इतने में दिल्ली से बेटे का फोन आ गया, उससे बात करने लगी। बेटे ने पूछा कि पापा कहॉ है, तो उसने बताया कि देहरादून गये हैं। बेटे से फोन पर बात करने के बाद खाना खाया और बर्तन संभालकर रख दिये, उसके पश्चात् उसने खेत में रखवाली करने जाने की तैयारी करने लगी। उसके बाद टार्च निकाला, दरवाजा बंद करके खेती की रखवाली करने खेत की तरफ निकल पड़ी।
ईधर मंगलू अभी बैठकर विधायक का इंतजार कर रहा है, भूख भी लगने लगी है, घर की आदत पड़ी है, पत्नी आठ बजे ही खिला देती है। इंसान घर में फालतू बैठकर पूरा दिन गुजार लेगा लेकिन किसी का इंतजार का एक एक पल काटना मुश्किल लगता है। मंगलू ने जैसे ही विधायक जी को फोन करने के लिए निकाला तब तक विधायक स्वयं आ गये। विधायक का अभिवादन करने के बाद कुछ देर सामान्य बातें हुई फिर मुख्य मुद्दा सड़क पर आ गया।
विधायक ने कहा कि आपको सड़क बनवाने के लिए इतनी दूर आना पड़ा आप अपने क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि को यह सब पत्रजात दे देते। मंगलू ने कहा कि विधायक जी प्रतिनिधि से लेकर दो बार आपको भी क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान दो बार दस्तावेज दिये थे, यह सुनकर विधायक थोड़ा अवाक रह गयी, अपने पीआरओ की तरफ देखा, पीआरओ ने कहा कि इनकी सड़क के लिए फाईल बन रही है, लेकिन उसमें पहले भूमिधारकों के अनापत्ति प्रमाण पत्र चाहिए, लगभग तीन किलोमीटर सड़क के लिए 6 लाख का बजट प्रस्तावित है। यह सुनकर थोड़ा मंगलू आश्वस्त हो गया, कि चलो कुछ काम तो हुआ। उसके बाद मंगलू ने कहा कि विधायक जी अब चलता हॅू 10 बजने वाले हैं, होटल भी देखना पड़ेगा, इतनी रात किसी के यहॉ भी नहीं जा सकता हॅू।
विधायक ने कहा कि चलो आपके लिए एक गेस्ट हाउस की व्यवस्था करते हैं, उन्होंने गेस्ट हाउस वाले को फोन किया, और अपने ड्राईवर को मंगलू को छोड़ने के लिए कहा। मंगलू ने अपना झोला उठाया और डा्रईवर के साथ चल पड़ा। गेस्ट हाउस में पहॅुचकर खाने का आर्डर दिया तो उन्होनें बताया कि खाना तो समाप्त हो चुका है। फिर वह सामने एक ढाबे पर गया, वहॉ थोड़ा सा आलू मटर की सब्जी एक दो सूखी रोटी बची हुई थी, वह खायी, उसके बाद वह सोने चला गया।
इधर विधायक ने पीआरओ को कहा कि इनकी सड़क का मामला क्या है, पीआरओ ने कहा कि अभी तो पहले से ही 15 सड़के लंबित है, इनका नम्बर तो आ पायेगा या नहीं, मैंने तो उनको टालने के लिये कहा, ना कहना भी ठीक नही है, पुराना कार्यकर्ता है, सीधे नाराज करना ठीक नही है। विधायक ने कहा कि बजट देखकर यदि हो सकता है तो बजट जारी करवा दो, भू स्वामी से ये खुद ही निपटेंगे, नाराज नही करना है, अगली बार भी तो इन कार्यकर्ताओ ने जितवाना है, हमको ,इसलिये बस मीठा बोलकर टाल मटोल कर दो लेकिन नाराज नही करना है।
ईधर दर्शनी देवी खेत में देर तक जगी रही। क्योंकि जानवर या तो जल्दी खेत मे आता है या फिर सुबह तीन बजे बाद वह खेत में घुसता है। लगभग 11 बजे तक तो दर्शनी जगी रही लेकिन दिन भर की थकी हुई होने के कारण वह नींद को हरा नहीं हो पायी और झपकी लेती लेती सो गयी। जब नींद आयी तो वह सुबह ही उठी, खेत में दो चार बार कानों में आहट हुई लेकिन गहरी नींद होने के कारण वह नहीं उठी, सुबह नींद खुली तो देखा आधा से ज्यादा खेत सुअर बरबाद कर चुके थे, अभी तक मंगलू के रहते खेत सुरक्षित थे लेकिन आज यह सब छत्यानाश हो गया। उठते ही दर्शनी का मूड़ खराब हो गया 06 महीने के मेहनत एक नींद की झपकी ने लील ली, खुद को ही दोषी ठहरा रही थी, और कभी मंगलू पर गुस्सा निकाल रही थी। ईधर मंगलू आराम से गेस्ट हाउस में सोया रहा, सुबह देर से उठा।
क्या मंगलू के गॉव में सड़क आ पायेगी या नहीं जानने के लिए अगला भाग जरूर पढिये।