हाल ही में लोकसभा में पारित भारतीय दण्ड सिंहंता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता रखा गया है, जिसमें कुछ कानूनों के प्रावधान बदले गये हैं, जिसमें से एक कानून हिट एण्ड रन है। भारतीय दंड सहिंता के सैक्शन 104 में हिट एण्ड रन कानून को समाहित किया गया है, जो वाहन चालकों के संबंध में है, जिसमें वाहन चालक के द्वारा गलत ड्राइंविग एवं लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से किसी अन्य व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उसको 07 साल की सजा होगी, और जुर्माना भी लगेगा। सैंक्शन 104 ए में इसका जिक्र किया गया है। वहीं सैक्शन 104 बी में लिखा गया है कि यदि कोई हादसा हो जाता है, और गाड़ी से टक्कर के बाद वाहन चालक मौके से या वाहन सहित भाग जाता है तो उसको 10 वर्ष की सजा होगी। इसमें यह भी लिखा गया है कि यदि चालक घटना की जानकारी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को नहीं देता है तो उसको 10 साल की कैद होगी और जुर्माना भी देना होगा ।
यह कानून वाहन चालकों के लिए दुधारी तलवार के समान है, क्योंकि यदि दुर्भाग्यवश ऐसी घटना घटित हो जाती है, और व्यक्ति मर जाता है, वाहन चालक डर के मारे भाग जाता है तो उसे 10 साल की कैद और जुर्माना लगेगा। यदि वह पी़ड़त व्यक्ति को गाड़ी रोककर अस्पताल ले जाने का विचार करता है तो भीड़ उसके साथ मारपीट कर मार देगी, यदि वह भागता है तो दस साल की सजा होगी। एक तरफ से यह वाहन चालकों पर दुधारी तलवार मानी जा रही है। इसलिए वह इसका विरोध कर रहे होंगें।
वाहन चालक सिर्फ ट्रक, टैम्पो रिक्शा बस, टैक्सी के ही नहीं होते हैं, बल्कि निजी वाहन चलाने वाले भी जो गाड़ी चला रहे हैं, वह भी ड्राईवर होते हैं। दुर्भाग्यवश किसी से भी अनजाने में या वाहन में तकनीकि खराबी आने पर दुर्घटना हो सकती है। ऐसे में वाहन चालक के लिए यह सजा बहुत भारी साबित हो सकती है। क्योंकि कोई भी वाहन चालक यह नहीं चाहता है कि उसके कारण किसी की मौत हो जाय या वह दुर्घटना ग्रस्त हो जाय। ऐसे में यह कानून उन वाहन चालकों के लिए काला कानून साबित होगा जो कि इसी व्यवसाय से अपना घर परिवार चला रहे हैं। ट्रक ड्राईवर हो या बस चालक सभी अपनी जान जोखिम में डालकर वाहन चलाते हैं, बहुत से ट्रांसपोर्टर वाहन के चालक दिन रात गाड़ी चलाते रहते हैं, उनके लिए 10 साल की सजा और 7 लाख का जुर्माना बहुत ज्यादा है। क्योंकि उनके जीवन के महत्वपूर्ण 10 साल कैद में ही निकल जायेगे और उनके पास इतनी जमा राशि नहीं होती है कि वह जुर्माना अदा कर सकें।
हांलाकि जो लोग ड्रिंक करके या बहुत अधिक तेजी गति से वाहन चलाते हैं, उनके लिए कठोर कानून बनने चाहिए, साथ ही जो सड़को पर अनियमित तरीके से चलते हैं, उनके लिए भी जुर्माने की राशि अधिक होनी चाहिए। क्येंकि कई बार देखने में आता है कि तय गति सीमा से अधिक गति होने के कारण वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं। ऐसे अनायास ही किसी कि जिंदगी लील जाती है। अतः इन सबको ध्यान में रखकर हिट एण्ड रन कानून में बदलाव किया जाना चाहिए।
हांलाकि केन्द्र सरकार के गृह सचिन ने कहा कि हम इस संबंध में हमने ऑल इण्डियन मोटर्स ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियो के साथ चर्चा की है, और सरकार ने अभी तक यह कानून लागू नहीं किया है। इस संबंध में विस्तृत चर्चा करने के बाद ही इस कानून को लागू करने पर विचार किया जायेगा।
हरीश कंडवाल मनखी की कलम से।