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सपनों की वो सड़क

14 सितम्बर 2021

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अरे बेटा उठ जा जल्दी तुझे जाना भी है, अपने काम पर यह कहते हुए संदीप   को  माँ ने उठाया। बेटा जल्दी कर पहली गाड़ी आठ बजे निकल जाती है।  देर हो जायेगी तुझे, यह आवाज संदीप की कानों में गूूंज रही थी लेकिन वह बिस्तर में करवटें बदलने में लगा था, उसकी ऑखे बार बार बंद हो रही थी, इतना ठंडा मौसम और वह भी खिड़की के सामने चारपाई लगी हुई थी। संदीप को दिल्ली अपने कर्म स्थल के लिए लौटना था।
     चार दिन की छुटटी लेकर गॉव आ रखा था।  संदीप का गॉव नीलकंठ के पास जोगियाण गॉव में था, उसका गॉव सड़क के सात किलोमीटर दूरी पर था, महादेवसैण जहॉ पर गॉव का कच्चा रास्ता सड़क पर आकर मिलता था वहीं पर आकर गाड़ी के दर्शन होते थे।  संदीप के जैसे बहुत से साथी घर आना चाहते थे लेकिन महादेव सैण से 07 किलोमीटर की खड़ी चढायी को देखकर उनकी योजना धरातल पर नहीं उतर पाती थी।

      जोगियाणा गॉव जो नीलकंठ धाम के नजदीक होते हुए भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से कोसों दूर था। गॉव में जब आता तो गॉव से वापस दिल्ली जाने का मन नहीं करता और जब दिल्ली चला जाता तो गॉव आने का मन तो करता लेकिन खडी चढायी हमेशा पैर पीछे खींच लाती। संदीप ने करवट बदली और फिर कुच्छ देर यही सोचता रहा कि यार जब उसकी दोस्त नेहा को पता चलेगा कि उसका गॉव सडक से इतनी दूर है तो क्या वह उससे शादी कर लेगी, बस इन्हीं सवालों का जबाब ढूढ रहा था उधर से पिताजी ने आवाज लगायी बेटा साढे 06 बज गये जल्दी तैयार हो जाओ नीचे उतरने में भी तो समय लगता है, गाडी किसी का इंतजार नहीं करती हैं वह निकल जायेगी तो फिर दो घंटे और रूकना पडेगा तुमको।  

     यह सुनकर संदीप मन मसोरकर उठा, मॉ ने वहीं पर चाय पकड़ाई वह पी और सीधे बाहर घूमने निकल गया।  सामने नीचे गंगा बह रही थी, हल्का सा बरसात का कोहरा लगा हुआ था, इधर गहथ के ऊपर जाले लगे हुए थे, और मंदिर के चारों ओर सुंदर लाल फूल खिले हुए थे। खेतों में कहीं मंडुआ तो कहीं झंगोरे की बाल झुकी हुई थी।  संदीप इन सबको देखकर बड़ा प्रसन्न हो रहा था और सोच रहा था कि अपना गॉव कितना सुन्दर है। दिल्ली मे जहॉ कोलहाल भरी जिदंगी और एक यहॉ शान्त वातावरण।
    
 लेकिन इस शान्त वातावरण का करना क्या है, एक अदद सड़क तक तो गॉव में पहुॅची नहीं है, किसी से बात करो तो सब कहते हैं कि यह यहॉ नेता बनना चाहता हैं। क्या गॉव में सड़क लाने पर चर्चा करना नेता हुआ, और जो नेता हैं वह यहॉ सड़क क्यों नहीं लाते इन्ही सब बातों में उलझा था कि सामने गॉव के एक वृ़द्ध व्यक्ति ने पूछा कि अरे संदीप कितने और दिन की छुट्टी हैं, दो चार दिन बाद ककड़ी खाकर ही जायेगा। संदीप ने कहा नहीं दादा जी मुझे आज ही जाना है दिल्ली।
 
      दोनो गॉव की सड़क पर चर्चा करते हुए घर आ गये, दादा जी ने बोला कि बाबा हमारे जीते जी यह सड़क आ जाती तो बढिया था कम से कम तुम लोगों को हमारे मरने के बाद महादेवसैण तक कंधें में लाश तो नहीं बोकनी पडेगी। बाकि तो जीवन के सारे बसंत चढाई चढते और उतरते कट गये। संदीप ने कहा दादा जी ऐसा मत कहो अभी तो आपको हमारे बच्चे भी संभालने हैं, उन्हेंं भी तो कहानी सुनाओगे, यह सुनकर दादा जी ने कहा अरे लाटा जब ब्याह करेगा तभी तो बाल बच्चे होगें, इसी हॅसी मजाक के साथ दोनों अपने अपने घर निकल गये। 

      संदीप घर आया फटाफट नहा धोकर तैयार हुआ मॉ ने मक्की को रोटी और चंचेडा की  सब्जी खिलाई और चार रोटी रास्ते के लिए रख दी।  संदीप ने पिताजी को प्रणाम किया मॉ ने उसके  बैग को सर पर रखकर आधे रास्ते तक छोड़ने आयी, संदीप को छोड़ने के लिए उनका पालतू कुत्ता कालू भी आगे आगे पूॅछ हिलाता हुआ जा रहा था। मॉ ने संदीप को आम के पेड़ जो गॉव की सीमा पर था वहॉ तक छोड़ा और वापस घर आ गयी। संदीप तेजी से दौड़ लगाते हुए महादेव सैण पंहुच गया।
 
       संदीप वहॉ से गाड़ी में बैठा और ऋषिकेश आया फिर वहॉ से बस से दिल्ली के लिए रवाना हो गया। दिल्ली पहॅचकर अगले दिन अपने ऑफिस गया तो उसकी सहकर्मी और उसकी दोस्त नेहा ने कहा अरे राजन आ गये तुम घर से। यार गॉव से आये हो तो गॉव से स्पेशल खाने पीने की चीज क्या ला रखी है। नेहा को संदीप ने इतना बता रखा था कि उसका गॉव नीलकंठ के पास है। नीलकंठ का नाम नेहा ने अच्छी तरह सुन रखा था, क्योंकि उसके मामा पिछले सावन में नीलकंठ आये थे। उसे लगा कि उसका गॉव भी सड़क के किनारे होगा। 

      इधर संदीप और नेहा में करीबीयां बढती गयी, नेहा ने तो संदीप के साथ शादी करने का फैसला तक कर दिया लेकिन संदीप ने कुछ नहीं कहा। उसका मानना था कि दिल्ली शहर में पली बढी लडकी क्या 07 किलोमीटर की चढायी चढना स्वीकार कर लेगी। एक दिन की बात होतो कोई बात नहीं लेकिन मुझे तो हर चार महीने में गॉव जाना होता है, इन चार महीनों मे नेहा दो बार तो मेरे साथ जायेगी ही तो वह जा नहीं पायेगी, फिर गॉव वाले मेरी मजाक उड़ायेगे।  बस इसी उधेडबुन में वह रोज नेहा को टालता रहता।  उसने सोचा यदि एक दो साल में गॉव में सड़क बन गयी तो नेहा को अपनी दिल की बात कह दूॅगा नही तो फिर किसी गॉव वाली लड़की से शादी कर लूंगा। 
   
    लेकिन उसके गॉव में एक दो लड़क जो अविवाहित थे उनके रिश्ते की बात चल रही है जहॉ भी गॉव में किसी लड़की की जनम पत्री मिलती मॉ बाप और लडकी यही सवाल पूछते कि क्या बाहर जमीन ले रखी है, या कोई मकान है, हमारी बेटी नहीं चढ पायेगी इतनी चढायी। 

      इधर नेहा उस पर दबाव बना रही है कि यार अब मेरे मॉ पिताजी मेरे लिए रिश्ता ढूढ रहे हैं, मै कितने लड़को को रिजेक्ट करूं अब तो मॉ पिताजी कहने लगे कि अगर तुम्हें कोई लडका पसंद है तो बताओ हम उससे मिलकर रिश्ता तय कर लेगें लेकिन तुम कुछ कहते ही नहीं हो। आज नेहा ने संदीप को बोला कि क्यों तुम कुछ छिपा रहे हो या तुम मुझसे प्यार नहीं करते हो इसलिए टाल रहे हो। नेहा के बहुत अधिक दबाव डालने पर संदीप को बताना पड़ा। 

      संदीप ने कहा नेहा मेरा गॉव सौभाग्य से नीलकंठ के पास है,लेकिन दुर्भाग्य यह है कि मेरे गॉव में आज भी सड़क नहीं है। इस सदी में हम 07 किलोमीटर चढायी चढकर अपने गॉव जाते हैं, जब हम पैदल जा रहे होते हैं तो लगता है कि हम तो केवल लोक लुभावने भाषणों और वोट देने की मशीन हैं, नागरिक के तौर पर तो हम बाहरी लगते हैं।
     क्योकि हमारा दोष सिर्फ इतना है कि हम जोगियाणा गॉव में बसे, या हमारा गॉव के अगल बगल दूसरा गॉव नहीं है जिस कारण हमारे लिए सड़क के मानक नहीं बन पा रहे हैं। नेहा जब घर जाते हैं तो महादेवसैण की चढायी चढते वक्त लगता है कि बस आज के बाद कभी ना आऊं लेकिन गॉव की मिट्टी की खुशबू अपनी ओर खींच लाती है, क्योंकि रग रग में गॉव बसा है। मैं नहीं चाहता कि तुम मेरे से शादी करके बाद में पछताओ।  मैं तो गॉव आता जाता रहूॅगा ही लेकिन तुम नहीं जा पाओगी और वह सड़क कहीं हमारे भविष्य में दरार न पैदा कर दे। इसलिए हम एक अच्छे दोस्त ही बनकर रह लेगे। तुम अपने माता पिताजी के पंसद की शादी कर सकते हो। नेहा ने संदीप बको बहुत समझाने का प्रयास किया लेकिन राजन नहीं माना।
 
     इधर नेहा भी गुमसुम रहने लगी, उसकी मॉ ने पूछा कि नेहा क्या बात है तुम कुछ बदली बदली नजर आ रही हो। नेहा ने बातों मे टाल दिया। एक दिन नेहा कि मामा की लड़की मानसी उनके घर आयी हुई थी तो बातों ही बातों में नेहा ने मानसी को संदीप और अपनी बात बताई। यह भी बताया कि संदीप एक अदद सड़क के नहीं होने से मुझसे शादी नहीं करना चाहता और मैं कह रही हॅूं कि वह अपने माता पिताजी को शादी के बाद यहॉ ले आये लेकिन वह मानने को तैयार नहीं।  मानसी ने कहा यार ये तो बड़ी समस्या है, हम कोई सांसद विधायक या सरकार के नुमाइंदे होते तो सड़क ही बनवा लेते।  
      सरकार का नाम सुनते ही मानसी को याद आया कि उसके एक दोस्त के पापा उत्तराखण्ड सरकार में विधायक हैं, उनसे बात करके देख लेते हैं। मानसी ने अपने दोस्त अश्वनी को फोन किया, और सारा माजरा बताया। अश्वनी ने कहा कि मै पापा से बात करके देखता हॅू अगर कुछ बात बन जाय तो। 

    अश्वनी ने अपने पिता को जब संदीप और नेहा की बात बतायी तो वह सोचने को मजबूर हो गये कि एक अदद सड़क दो प्रेमियों के बीच में रोड़ा बन रही है। उसने पूछा कि क्षेत्र के विधायक कौन है जरा पता करके बताओ,  अश्वनी ने फोन करके विधायक के बारे में पता करके बताया।  इधर अश्वनी के पिता को पता लगा कि जिस क्षेत्र की यह सड़क है और नीलकंठ का नाम सुनते ही उन्हें विधायक का पता लग गया वह भी उन्हीं की पार्टी की विधायक है। 

     अगले दिन अश्वनी अपने पिताजी के साथ संबंधित विधायक के यहॉ गये और वहॉ पर जाकर संदीप और नेहा के प्रंसग को सुनाया। अश्वनी के पिता ने कहा कि हम मंचों पर बड़ी बड़ी बात करते हैं, आज उन बातों पर अमल करने का दिन आ चुका है अब हमको दो प्रेमियों को एक सड़क के कारण अलग नहीं होने देना है। दोनों विधायको ने लोकनिर्माण विभाग के मंत्री से बात करके सड़क स्वीकृत करने के लिए दबाव डाला।

       एक महीना बाद महादेवसैण से जोगियाणा गॉव के लिए सड़क की पैमाईश शुरू हो गयी और गॉव से  संदीप के पास फोन आया कि आज सड़क का सर्वे हो गया है, सुनने में आ रहा है कि जल्दी ही सड़क का निर्माण हो जायेगा। यह सुनकर संदीप की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा।  यह खुशखबरी सबसे पहले नेहा को सुनायी, यह सुनते ही नेहा भी बहुत खुश हुई। इधर दशहरे के दिन नेहा और संदीप की सगाई हो रही है, उधर महादेव सैण से जेसीबी मशीन लग गयी है, जैसे ही संदीप ने नेहा को अंगूठी पहनाने जा रहा था और आसमान में जोर से बिजली कड़की और जोर से आसमान गरजा, संदीप की नींद खुल गयी।  यह सब वह सपनें में देख रहा था। क्या संदीप  का सुबह का सच सपना होगा और उसके सपनों की रानी नेहा से शादी हो पायेगी, इसका जबाब शायद भविष्य के गर्भ में ही होगा।

©®@ हरीश कंडवाल मनखी की कलम से।✒📝📝📝 14 /09/2021
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विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो दिन

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होली मिलन

1 अप्रैल 2023
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बबलू और सोनू पड़ोसी हैँ, घर की एक फ़ीट चारदीवारी क़ो लेकर हुए विवाद ने उनकी मित्रता क़ो कोर्ट में लाकर खड़ा कर दिया। समाज में कहावत हैँ की जमीन जेवर और सम्पत

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पैंछु ( उधार)  ( आँचलिक कहानी )

7 अप्रैल 2023
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हे जी ( उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में बहु द्वारा ससुराल में अपने से बड़ो को बोले जाने वाला सम्मानित सम्बोधन) द्वी माण ( एक किलो) गहथ उधार दे दो। हमने बीज के लिए सुरक्षित स

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अधजली. बीड़ी

9 अप्रैल 2023
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अरे वो राजू देख पत्थर के नीचे अधजली बीड़ी का टुकड़ा और माचिस होगी, एक दो तीलिया कागज पर लपेट कर रखी हैं, जरा इधर तो पकड़ा, यह कहकर उसके दोस्त प्रदीप ने स्कूल का बस्ता एक किनारे रखा, और एक बड़े पत्थर

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वक्त की लाठी

26 अप्रैल 2023
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कल शाम को देर से लौटा तो श्रीमती जी ने कहा कि आपको फोन किया था कि सुबह नाश्ते और ऑफिस के लिए सब्जी ले आना, लाये हो तो इधर धोने के लिए रख दो। हमने कहा कि आज हम दूसरे रास्ते से आये है, इसलिए सब्जी नही ल

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अब क्या करू।

26 अप्रैल 2023
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घड़ी का एलॉर्म बजते ही अंकुर ने दो बार बंद किया और फिर सो गया, उधर सुनीता ने अपनी यथावत दिनचर्या के अनुसार घर का झाडू पोछा, और नाश्ता की तैयारी कर ली है । लॉकडाउन ने सुनीता को ज्यादा व्यस्त कर दिया है,

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

25 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किय

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

26 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किया

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बातूनी बिल्ली

26 मई 2023
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नोट: यह लेखक की कल्पना मात्र है। अक्सर एक बिल्ली हमारे घर के आस पास घूमती रहती है, कभी वह खिड़की से दीवार को फांदती है, कभी बाउंड्री में बैठकर मूछे मटकाती नजर आती है, बस सुबह शाम म्या

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नानी का घर

19 जून 2023
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बेटा बच्चों की गर्मियों की छुट्टियॉ हो जायेगी तो सब लोग आ जाना, यह सब बातें नंदिता अपने तीनों बेटियों और दोनों बेटों को कहती है। नंदिता और उनका पति देवेन्द्र अकेले घर में रहते हैं, उन्हें

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पैत्रिक भूमि का सौदा 

22 जुलाई 2023
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रमन के पिताजी बचपन में ही अपने चाचा जी के साथ मुंबई आ गये थे, उसके बाद वह मुबई के होकर रह गये। रमन ने जब भी गॉव जाने की बात कही तो उसके पिताजी हमेशा यह कहकर टाल देते कि वहॉ तो

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कमबख्त कम्बल

11 अगस्त 2023
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कमबख्त कम्बल ने रात भर सोने नही दिया,मैंने पूछा कि भाई परेशान क्यो हो, मुझे भी सोने दो। कम्बल ने कहा कि बस गर्मी क्या आ गयी तुम मुझे भूल ही गए हो। मैंने कहा नही दोस्त तुमको कैसे भूल

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अनमोल तोहफा

18 अगस्त 2023
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अविनाश ने जैसे ही फेसबुक खोला तो उसको नमिता की फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी हुई थी, पहले तो गौर नही किया, सरसरी निगाह से अपडेट देखी और बन्द करके अपने ऑफिस के काम मे व्यस्त हो गया। शाम को जैसे ही फुर्सत

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बेल /लता

20 अगस्त 2023
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मैं एक बेल हूँ जो अक्सर पेड़ो पर लहराती हूँमैने बेल से पूछा कि तुम्हे कौन लपेटता है तुम्हारे हाथ तो है नही।तुम्हे रास्ता कौन बताता है तुम्हारे आंख तो है ही नही । तुम्हे कैसे पता कि तुमने जिसका सह

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मूल निवास

23 अगस्त 2023
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गज्जू 12वीं पास करने के बाद पंजाब अपने मामा के साथ नौकरी की तलाश में चला गया था, कुछ दिन तक घर में ही रहा उसके बाद वहीं उसको एक ढाबे में नौकरी मिल गयी। शुरू में ढाबे

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ओढ़

28 अक्टूबर 2023
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हल लगाते हुए भगतू के बैल ओढ को पार करते हुए दूसरे भाई जगतू के खेत में घुस गये, इतने में जगतू की पत्नी विमला ने यह सब देख लिया, और उसने बिना जाने ही गाली देनी शुरू कर दी। हल्ला और गाली सुनकर जगतू

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हिट एंड रन क़ानून

3 जनवरी 2024
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हाल ही में लोकसभा में पारित भारतीय दण्ड सिंहंता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता रखा गया है, जिसमें कुछ कानूनों के प्रावधान बदले गये हैं, जिसमें से एक कानून हिट एण्ड रन है। भारतीय दंड सहिंता के सैक्शन

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अहमियत

9 जनवरी 2024
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दीया ने अजय को फ़ोन कर कहा कि शाम को आते हुये सब्जी लेते आना, सुबह के लिये नाश्ते के लिये कुछ नही है, अजय ने इस सबका उत्तर हम्म करके दिया और फ़ोन काट दिया। अजय की ऑफिस से छुट्टी के बाद घर आत

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मानसिक पलायन

17 फरवरी 2024
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मानसिक पलायन गरीबी और लाचारी ने तो परिवार को पहले से ही दबा रखा था ,इधर भाईयों और 02 बहिनों की पढायी के बोझ को देखते हुए नौकरी करने सतीष 12 वीं के बाद अपने मामा के साथ म

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भिटोली

28 मार्च 2024
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भिटोली रोहित दो दिन की छुट्टी ले लो, रेनू ने टिपिन पैक करते हुए कहा, रोहित यार अभी तो मार्च फाईनल चल रहा है, और फिर महीने की शुरूवात में बॉस नये टारगेट दे देते

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बुढ़ापे कि पीड़ा

7 मई 2024
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ताजवर ने रात को सुबह 4 बजे का अलार्म लगाकर अपनी पत्नी रेणूका को कहा कि तुम भी अलार्म लगा दो कहीं मैं उसे यह कहकर बंद ना कर दूं कि 10 मिनट बाद उठ जाउॅगा। रेणूका ने भी अलार्म लगा दिया। ताजवर

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भंडारे का प्रसाद

11 जुलाई 2024
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शहर के व्यापार संगठन के अध्यक्ष किशन चंद जी के बेटे का चयन आईपीएस ऑफिसर के पद पर हो गया था। किशन चंद की पत्नी निर्मला देवी ने मंन्नत मॉगी थी कि यदि उनके बेटे का चयन हो जाता है तो वह मंदिर में ब

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भूतो का घर

14 अक्टूबर 2024
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रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को मेल कर रहा था तब तक मोबाईल पर रिंग टोन बजी उसने स्पीकर खोला तो सामने गाँव के चाचा जी का फोन था। चाचाजी ने बताया कि उसके पिताजी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है,

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एक बार कह तो देते

17 अक्टूबर 2024
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सोनू का हाइस्कूल का आखिरी पेपर है, बहुत खुश है कि अब तो गर्मियों की छुट्टियों में मनाली मामा जी के यँहा घूमने जाना है, सारे दोस्तों में जाने का पूरा बखान कर आ गया, सोनू ने घर आकर अपनी माँ से मामा&nbsp

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राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार

22 अक्टूबर 2024
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राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार शाम का समय था, मैं रिस्पना पुल से अपने घर से जा रहा था, रिस्पना पुल के हरिद्वार जाते समय बायीं तरफ दे

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