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ओढ़

28 अक्टूबर 2023

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 हल लगाते हुए भगतू के बैल ओढ को पार करते हुए दूसरे भाई जगतू के खेत में घुस गये, इतने में जगतू की पत्नी विमला ने यह सब देख लिया, और उसने बिना जाने ही गाली देनी शुरू कर दी। हल्ला और गाली सुनकर जगतू बाहर आ गया और उधर भगतू की ब्वारी सीता भी बाहर आ जाती है।


जगतू : अरे ये हल्ला क्यो कर रही हो, गाली किसे दे रही हो।

विमलाः तुम्हारी ऑखे फूट रखी हैं, देख नहीं रहे हो हल लगाते हुए बैल हमारे खेत में आ गये है, कल ही तो बीज बोये थे, सब बरबाद कर दिये।
सीताः अरे हल लगाते हुए बैल मुड नहीं पाये और आपके हिस्से में आ गये जितना नुकसान हुआ होगा हम वहॉ पर बीज बो देंगे।


विमलाः हर बार तुम्हारे बैल हमारे खेते में ओढ़ को पार कर आ जाते हैं। हल लगाने वाले को दिखता नही, ऑखे खराब हो गयी हैं अभी से।
सीताः अपने पति भगतू के बारे में यह सुनकर बौखला गयी और वह भी पुरानी बातों को लेकर मुद्दा बना दिया।

विमलाः ज्यादा मत बोल हाय लगेगी हमारी तुमको, ना खाना तुम अगली फसल।

विमला की गाली सुनकर भगतू को गुस्सा आ गया और वह जगतू को बोला भाई अपनी घरवाली को समझा दो, गाली ना दे, अच्छा नहीं होगा।

जगतू तो पिछले साल से किसी पुरानी बात को ऑठ बॉधकर बैठा हुआ था, बस यह सुनते ही वह भी ताव मे आ गया और बोला कि एक तो हमारे खेत में नुकसान कर दिया और फिर मुझे ही कह रहे हो कि अपनी घरवाली को समझा दो। दिख नहीं रहा तुमको खेत में कुछ बोया है, हमेशा तुम नुकसान कर देते हो।

   ईधर सीता और विमला में मुॅह जवानी युद्ध चल रहा है, और उधर जगतू ने छज्जे के नीचे से गंज्याली उठायी और भगतू को मारने दौड़ा, उधर भगतू ने भी बॉस का डंडा उठा लिया, इतने में गॉव के बुर्जुग जो रिश्ते मेंं चाचा लगते थे वह आ रहे थे, दोनों को थामा।


   खेत की ओढ के लिए कभी पेड़ काटने के लिए गॉव में हर रोज झगड़ा होता रहता, कभी गाय बैलों के उजाड़ खाने पर एक दूसरे की मवासी उकटाने की गाली दी जाती रहती । खेत के ओढ़ के कारण और पेड़ांं के घास काटना ही परिवारों में वैमन्स्यता बनी रहती।


   भगतू और जगतू दोनों सगे भाई थे, दोनों का जब बॅटवारा हुआ तो एक बड़े खेत में उनके पिताजी ने दो हिस्से कर बीच में ओढ़ रख दिये वह ओढ दोनों परिवार के लिए दीवार बन गयी। दोनों के बच्चों की शादी हुई, दोनों एक दूसरे की शादी में शामिल हुए पूरा कारज निभाया, किंतु ओढ दोनों के लिए प्रतिष्ठा बनी हुई थी। कभी कोई ओढ़ को रात में एक इंच ईधर खिसका देता कभी उधर खिसका देता। भगतू और जगतू की लड़ाई हमेशा ओढ के लिए रही। अब दोनों बूढे हो गये थे और बुढापें दोंनों के बेटे बहु सब शहरों में रह रहे थे।


    गॉव में गिनकर वृद्ध लोग ही थे, जिनमें भगतू और सीता, जगतू और विमला भी थी। अब उनके खेत सब बंजर पड़े हुए है, दोनों के खेत मे घास उगी हुई हैं। गॉव में शादी है उसके लिए  भगतू का बेटा दिनेश का परिवार और जगतू का बेटा नवीन का परिवार गॉव आया हुआ था, दोनों गॉव में और खेत में घूमने गया तो गॉव लगभग सब विरान थे, जिस खेत में ओढ के लिए उनके पिताजी और चाचा की लड़ाई होती थी, वह खेत बंजर पड़ हुआ है, और जहॉ पर ओढ रखा था वहॉ पर एक अमरूद का पेड़ उगा हुआ था, अमरूद पके हुए थे तो जगतू और नवीन के बच्चे पेड़ में चढकर अमरूद तोड़ने लगे, नवीन और दिनेश ने एक दूसरे की ओर देखा, क्योंकि वही ओढ था जिसको दोनों भाईयों को उनके मॉ बाप को मिलने नही दिया। आज उनके बेटे बिना किसी परवाह के पेड़ पर चढकर आपस में एक दूसरे को अमरूद बॉट रहे थे। इस दृश्य  को देखकर दोनों हतप्रद हो गये। लेकिन फिर भी दोनों में बात नही हुई किंतु दिनेश ने सोचा कि अब हम इस पारिवारिक क्लेश को आगे क्यों बढने दे, पहले ही आज के समय में हम एक दूसरे को जानते नहीं, आज हमारी भावी पीढी इसी ओढ के बगल में उगी अमरूद की डाली हमें मिला रही है तो इससे अच्छा क्या हो सकता है।

  दिनेश आगे बढा और नवीन को गले लगाकर बोला भाई जो बीत गया उसको भूल जाओ जो गलती बुजुर्गो से हो गयी अब हम क्यों करें। दोनों ने बिना हिचक इस बात को स्वीकार कर लिया और नवीन ने दिनेश को शाम के समय घर पर सपरिवार आने का न्यौता दे दिया ।
 शाम को दिनेश अपने चाचा जगतू के घर सपरिवार गया, सबको मिला और सबसे खूब बातें की। सब लोग खुश थे। रात को जब दिनेश अपने घर आया तो भगतू ने कहा कि तुम वहॉ क्यों गये थे तुम जानते हो ना कि हम लोगों की उनसे कोई बातचीत नहीं है। दिनेश ने उस समय कुछ नहीं बोला और कहा कि नवीन ने बुला दिया था तो चला गया। भगतू अभी भी नाराज था। उधर जगतू भी नाराज था कि दिनेश को घर पर क्यों बुलाया।


    अगली सुबह दिनेश और नवीन फिर मिले, उन्होंने सोचा कि जाने से पहले दोनों भाईयों को मिला कर ही अब वापस जायेगे। क्येंकि बुढापे में एक दूसरे के सुख दुख में काम तो आयेगेंं। कम से कम बुढापा तो सही से कटे। उन्होनें शाम को अपने अपने परिवार और माता पिता को लेकर उसी खेत में जहॉ ओढ पर अमरूद का पेड़ था वहॉ पर लाने का वादा किया। 

  दिनेश और नवीन अपने अपने परिवार के साथ अपने माता पिता सहित वादे के मुताबिक ओढ के पास पहुॅच गये जो कि कई वर्षों से एक दूसरे का दुश्मन बना हुआ था। जैसे ही सब वहॉ गये तो देखा कि बच्चे उस अमरूद के पेड़ से फल तोड़कर आपस में मिल बॉटकर खा रहे हैं। यह देखकर भगतू और जगतू हैरान हो गये। लेकिन अहम की वजह से दोनों एक दूसरे को देख नही रहे थे। अहम और वहम अच्छे से अच्छे रिश्तों को खोखला कर देता है।

   दिनेश ने कहा पिताजी और चाचा जी देख रहे हो ना आप जिस ओढ़ के लिए आप हमेशा एक दूसरे के खून के प्यासे बने रहे, हम भाई भाई भी कभी आपस में मिल नहीं पाये और आज हमारी यह नई पीढी उसी ओढ के आढ़ में उगी अमरूद के पेड़ के उगे फलों को कितने निश्छल भाव से खा रहे हैं, यह पेड़ दोनों खेतों में बराबर की छॉव दे रहा है, यह भी हमें मिलाना चाहता है। आज यह सब खेत बंझर पड़े हुए हैं जिनके लिए आप आपस में लड़ते रहे वह सब विरान हो गये। अब आप लोग बूढे हो गये हो आप  इस ओढ को अलग अलग करने वाला मत समझों बल्कि आज इसको एक दूसरे को जोड़ने वाला समझो और अपना आगे का जो भविष्य है उसे हॅसी खुशी काटो।


   नवीन ने भी सिर हिलाकर सहमति दी और अपने पिता जगतू को कहा कि अब तो ताउजी से आप ही माफी मॉग लो। बस इतना कहते ही दोनों भाई जिनके मन में ओढ ने दुश्मनी के बीज बो दिये थे आज उसी अमरूद के फलों ने उन बीजों में प्रेम के बीज डाल दिये थे। जगतू और भगतू ने बरसों बाद एक दूसरे से प्रेम भरी निगाह से देखा और  हॅसते हुए बिना कुछ कहे अपने अपने परिवार के साथ घर आ गये ।


हरीश कण्डवाल मनखी की कलम से।
प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत खूबसूरत लिखा है आपने मेरी कहानी कचोटती तन्हाइयां पढ़कर अमूल्य समीक्षा व सभी भागों पर अपना लाइक 👍 कर दें 🙏🙏🙏

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<div> सीडीएस श्री बिपिन रावत को सपत्नीक सभी सैन्य कर्मियों को भाव भीनी श्रद्धांजलि।</div><div><

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<div> जब तक फूफा जी ससुराल के अकेले जवाई और जीजा जी थे तब तक तो उनकी खातिरदारी और रूठना चलता रह

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नवीन के पापा शहर के मंत्री नये नये निर्वाचत हुये, नवीन कॉलेज जाता था, वहॉ वह भी छात्र राजनीति में सक्रिय रहता। पापा के मंत्रीबनते ही उसके रंग और ढंग बदल गये, अब वह कॉलेज का जाना माना चेहर

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अदरक वाली चाय

7 जनवरी 2022
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रौनक शिवम और अनु तीनों एक कोचिंग सेण्टर में कोचिंग ले रहे हैं, तीनों के पिताजी अच्छी पोस्ट पर हैं। रौनक अच्छे परिवार से है, े पिताजी सरकारी विभाग में उच्च पद पर हैं, वहीं शिवम के पिताजी एक बिजने

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सपनों की वो सड़क

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सपनों की वो सड़कअरे बेटा उठ जा जल्दी तुझे जाना भी है, अपने काम पर म कहते हुए राजन की मॉ ने राजन को उठाया। बेटा जल्दी कर पहली गाड़ी आठ बजे निकल जाती है। देर हो जायेगी तुझे, यह आवाज रंजन की कानों मे

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता) की मनोदशा।

18 जनवरी 2022
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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जीवन से

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता)

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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जी

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फजीतू ( पार्टी कार्यकर्ता)

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फजीतू

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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जीवन से

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फजीतू

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फजीतू पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, पार्टी के हर कार्यक्रम में उसकी उपस्थिति रहती है, फजीतू को क्षेत्र का विधायक से लेकर सांसद तक उसके नाम से जानते हैं, फजीतू की उम्र लगभग 50 साल है, छात्र जीवन से

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पुदिनहरा (लघु कहानी) 

1 मार्च 2022
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सुनैना और सुयश की शादी को लगभग 6 साल हो गए, उनके दो बच्चे हैं। अब बच्चे बात करने के माध्यम बन गए है। बड़ी बेटी रूही जो लगभग 5 साल कि है, और छोटा बेटा लगभग 8 महीने का। घर मे जब से बच्च

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आदर ( अंतरार्ष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक)

8 मार्च 2022
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रीता ने अमन के सिर से रजाई उठाते हुए कहा कि अजी सुनते हो 07 बज गये हैं, फिर मत कहना कि जल्दी जल्दी नाश्ता तैयार करो, मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है। यह कहते हुए रीता बाथरूम में जाकर ं कपड़े

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काश एक बार गया होता

27 मई 2022
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काश कि एक बार गया होता। मेघा ने रोहन के बैग में टिपिन रखते हुए कहा कि बच्चो की समर वेकेशन हो गयी है, बहुत दिन से आउटिंग भी नही हुई है, पड़ोसी रीना दीदी पूरे परिवार के साथ साउथ इंडिया घूमने ज

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कलयुगी दैत्य विवाह

4 जून 2022
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कलयुगी विवाहराजू भाई जरा टेंट इस वाले खेत में लगा दो और हाॅ काॅकटेल के लिए 8 मेज ईधर लगा देना। ईधर खाना बनाने वाले के लिए बोल दिया कि शाम के लिए मटर पनीर, मिक्स वेज, दाल मखनी सब बना देना, और&nbs

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अपनापन

20 जून 2022
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सौरभ स्कूल से लौट रहा था रास्ते में एक कुत्ता का बच्चा अपनी मॉ से बिछुड़ गया था और कूं कूं की आवाज कर खोजने की कोशिश में लगा हुआ था। सौरभ ने कुत्ते के बच्चे को गोद में उठाया और उस पर

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अनकही मोहब्बत

29 जून 2022
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सुबह के 7:00 बज रहे थे स्कूल में प्रार्थना सभा हो रही थी अजय अपनी लाइन के आगे वाली लाइन मैं किसी को ढूंढ रहा था लेकिन उसे नजर नहीं आ रहा था मन कुछ उद्वेलित था, सामने गुरुजी खड़े थे तो नजरें इधर

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अनकही मोहब्बत भाग 2

8 जुलाई 2022
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अनकही मोहब्बत भाग 2 इधर अजय ने नया साल का ग्रीटिंग कार्ड पोस्ट कर दिया है। डाकिया 4 दिन बाद मानसी के गाँव के किसी व्यक्ति के पास दे देता है। गाँव का व्यक्ति मानसी का&nbsp

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सावन की खीर

18 जुलाई 2022
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सावन की खीर सावन की झमाझम बारिश लगी हुई है, मंडुये के खेत मे भगतू ने हल लगा दिया है, भगतू की पत्नी रज्जू ने घने मंडुये की पौध को एक तरफ निकाल दी है। शाम को दूसरे खेत मे मंडुये की पौध

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छाँव

21 दिसम्बर 2022
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*छांव* ​ वर्क फ्रॉम होम होने के कारण अंकुर अपना व्यस्त शेडयूल में से कुछ समय परिवार के लिए निकाल लेता है। अंकुर ने सोचा कि चलो इस बार गॉव से माताजी और बाबू जी को साथ ले आता हॅू, कुछ दिन उनके छॉव

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दिखावा

14 मार्च 2023
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मदनलाल : अजी सुनती हो तुमने मेहमानों की लिस्ट बना दी है, मेरे ही अकेले 1000 से अधिक क्लाइंट और परिचित वकील है। उसी हिसाब से हम वेडिंग पवाइंट बुक करेंगे और मेन्यु का हिसाब करेंगे। शहर में स

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साझा घर

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विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो दिन

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होली मिलन

1 अप्रैल 2023
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बबलू और सोनू पड़ोसी हैँ, घर की एक फ़ीट चारदीवारी क़ो लेकर हुए विवाद ने उनकी मित्रता क़ो कोर्ट में लाकर खड़ा कर दिया। समाज में कहावत हैँ की जमीन जेवर और सम्पत

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पैंछु ( उधार)  ( आँचलिक कहानी )

7 अप्रैल 2023
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हे जी ( उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में बहु द्वारा ससुराल में अपने से बड़ो को बोले जाने वाला सम्मानित सम्बोधन) द्वी माण ( एक किलो) गहथ उधार दे दो। हमने बीज के लिए सुरक्षित स

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9 अप्रैल 2023
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अरे वो राजू देख पत्थर के नीचे अधजली बीड़ी का टुकड़ा और माचिस होगी, एक दो तीलिया कागज पर लपेट कर रखी हैं, जरा इधर तो पकड़ा, यह कहकर उसके दोस्त प्रदीप ने स्कूल का बस्ता एक किनारे रखा, और एक बड़े पत्थर

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वक्त की लाठी

26 अप्रैल 2023
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कल शाम को देर से लौटा तो श्रीमती जी ने कहा कि आपको फोन किया था कि सुबह नाश्ते और ऑफिस के लिए सब्जी ले आना, लाये हो तो इधर धोने के लिए रख दो। हमने कहा कि आज हम दूसरे रास्ते से आये है, इसलिए सब्जी नही ल

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अब क्या करू।

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घड़ी का एलॉर्म बजते ही अंकुर ने दो बार बंद किया और फिर सो गया, उधर सुनीता ने अपनी यथावत दिनचर्या के अनुसार घर का झाडू पोछा, और नाश्ता की तैयारी कर ली है । लॉकडाउन ने सुनीता को ज्यादा व्यस्त कर दिया है,

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

25 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किय

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और दोनों हॅस दिये (लघु कहानी)

26 मई 2023
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रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किया

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बातूनी बिल्ली

26 मई 2023
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नोट: यह लेखक की कल्पना मात्र है। अक्सर एक बिल्ली हमारे घर के आस पास घूमती रहती है, कभी वह खिड़की से दीवार को फांदती है, कभी बाउंड्री में बैठकर मूछे मटकाती नजर आती है, बस सुबह शाम म्या

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नानी का घर

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बेटा बच्चों की गर्मियों की छुट्टियॉ हो जायेगी तो सब लोग आ जाना, यह सब बातें नंदिता अपने तीनों बेटियों और दोनों बेटों को कहती है। नंदिता और उनका पति देवेन्द्र अकेले घर में रहते हैं, उन्हें

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पैत्रिक भूमि का सौदा 

22 जुलाई 2023
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रमन के पिताजी बचपन में ही अपने चाचा जी के साथ मुंबई आ गये थे, उसके बाद वह मुबई के होकर रह गये। रमन ने जब भी गॉव जाने की बात कही तो उसके पिताजी हमेशा यह कहकर टाल देते कि वहॉ तो

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कमबख्त कम्बल

11 अगस्त 2023
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कमबख्त कम्बल ने रात भर सोने नही दिया,मैंने पूछा कि भाई परेशान क्यो हो, मुझे भी सोने दो। कम्बल ने कहा कि बस गर्मी क्या आ गयी तुम मुझे भूल ही गए हो। मैंने कहा नही दोस्त तुमको कैसे भूल

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अनमोल तोहफा

18 अगस्त 2023
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अविनाश ने जैसे ही फेसबुक खोला तो उसको नमिता की फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी हुई थी, पहले तो गौर नही किया, सरसरी निगाह से अपडेट देखी और बन्द करके अपने ऑफिस के काम मे व्यस्त हो गया। शाम को जैसे ही फुर्सत

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बेल /लता

20 अगस्त 2023
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मैं एक बेल हूँ जो अक्सर पेड़ो पर लहराती हूँमैने बेल से पूछा कि तुम्हे कौन लपेटता है तुम्हारे हाथ तो है नही।तुम्हे रास्ता कौन बताता है तुम्हारे आंख तो है ही नही । तुम्हे कैसे पता कि तुमने जिसका सह

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मूल निवास

23 अगस्त 2023
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गज्जू 12वीं पास करने के बाद पंजाब अपने मामा के साथ नौकरी की तलाश में चला गया था, कुछ दिन तक घर में ही रहा उसके बाद वहीं उसको एक ढाबे में नौकरी मिल गयी। शुरू में ढाबे

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ओढ़

28 अक्टूबर 2023
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हल लगाते हुए भगतू के बैल ओढ को पार करते हुए दूसरे भाई जगतू के खेत में घुस गये, इतने में जगतू की पत्नी विमला ने यह सब देख लिया, और उसने बिना जाने ही गाली देनी शुरू कर दी। हल्ला और गाली सुनकर जगतू

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हिट एंड रन क़ानून

3 जनवरी 2024
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हाल ही में लोकसभा में पारित भारतीय दण्ड सिंहंता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता रखा गया है, जिसमें कुछ कानूनों के प्रावधान बदले गये हैं, जिसमें से एक कानून हिट एण्ड रन है। भारतीय दंड सहिंता के सैक्शन

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अहमियत

9 जनवरी 2024
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दीया ने अजय को फ़ोन कर कहा कि शाम को आते हुये सब्जी लेते आना, सुबह के लिये नाश्ते के लिये कुछ नही है, अजय ने इस सबका उत्तर हम्म करके दिया और फ़ोन काट दिया। अजय की ऑफिस से छुट्टी के बाद घर आत

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मानसिक पलायन

17 फरवरी 2024
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मानसिक पलायन गरीबी और लाचारी ने तो परिवार को पहले से ही दबा रखा था ,इधर भाईयों और 02 बहिनों की पढायी के बोझ को देखते हुए नौकरी करने सतीष 12 वीं के बाद अपने मामा के साथ म

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भिटोली

28 मार्च 2024
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भिटोली रोहित दो दिन की छुट्टी ले लो, रेनू ने टिपिन पैक करते हुए कहा, रोहित यार अभी तो मार्च फाईनल चल रहा है, और फिर महीने की शुरूवात में बॉस नये टारगेट दे देते

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बुढ़ापे कि पीड़ा

7 मई 2024
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ताजवर ने रात को सुबह 4 बजे का अलार्म लगाकर अपनी पत्नी रेणूका को कहा कि तुम भी अलार्म लगा दो कहीं मैं उसे यह कहकर बंद ना कर दूं कि 10 मिनट बाद उठ जाउॅगा। रेणूका ने भी अलार्म लगा दिया। ताजवर

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भंडारे का प्रसाद

11 जुलाई 2024
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शहर के व्यापार संगठन के अध्यक्ष किशन चंद जी के बेटे का चयन आईपीएस ऑफिसर के पद पर हो गया था। किशन चंद की पत्नी निर्मला देवी ने मंन्नत मॉगी थी कि यदि उनके बेटे का चयन हो जाता है तो वह मंदिर में ब

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भूतो का घर

14 अक्टूबर 2024
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रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को मेल कर रहा था तब तक मोबाईल पर रिंग टोन बजी उसने स्पीकर खोला तो सामने गाँव के चाचा जी का फोन था। चाचाजी ने बताया कि उसके पिताजी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है,

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एक बार कह तो देते

17 अक्टूबर 2024
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सोनू का हाइस्कूल का आखिरी पेपर है, बहुत खुश है कि अब तो गर्मियों की छुट्टियों में मनाली मामा जी के यँहा घूमने जाना है, सारे दोस्तों में जाने का पूरा बखान कर आ गया, सोनू ने घर आकर अपनी माँ से मामा&nbsp

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राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार

22 अक्टूबर 2024
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राजधानी देहरादून की हृदयांगिनी रिस्पना नदी से साक्षात्कार शाम का समय था, मैं रिस्पना पुल से अपने घर से जा रहा था, रिस्पना पुल के हरिद्वार जाते समय बायीं तरफ दे

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