रोहित अपनी भाभी के साथ उनकी किसी रिश्तेदारी में शादी में गया था। वहॉ उसकी मुलाकात उसकी भाभी ने अपनी मौसेरी बहिन मेघा से करवायी। मेघा और रोहित एक दूसरे से मिले ही नहीं बल्की रात का डिनर भी साथ ही किया। रात
को जब सबने डिनर किया तो रोहित सबके लिए आईसक्रीम लेकर आया, सबने आईसक्रीम खाई, ईसी दौरान मेघा और रोहित ने अपना अपना नम्बर एक दूसरे को दिया। रोहित दिल्ली एनसीआर एक कम्पनी में जॉब करता है, काम की अधिकता होने के कारण वह मेघा से कभी कभी बात कर पाता है, ईधर मेघा भी उसे कम ही कॉल करती है। दोनों में धीरे धीरे आकर्षण बढने लगा और एक दूसरे को कब चाहने लगे यह पता ही नहीं चला।
वीकेण्ड पर कभी कभी सिनेमा, कभी मॉल तो कभी दिल्ली के चॉदनी चौक निकल जाते। मैट्रों में कब सफर शुरू होता और कब खतम दोनों को पता नहीं चल पाता। मेघा और रोहित के आपसी प्रेम की बढती चाहतों की खबर दोनो परिवार को हो गयी तो उन्होनें दोनो की शादी करवाने के लिए मन बना लिया।
ईधर मार्च में लॉकडाउन होने के कारण रोहित घर में ही ऑन लाईन काम करने लगा। मीटिंग भी उसकी ऑन लाईन होने लगी, अब काम का बोझ कम ही था। अब उसका ज्यादा समय मेघा से बात करने की कोशिश करता लेकिन मेघा पहले जैसे ही घर के कामों में व्यस्त रहती। रोहित जब कभी फोन करता तो मेघा फोन नहीं उठाती, इसी बीच रोहित को मेघा पर गुस्सा आने लगा। कहते हैं, खाली दिमाग शैतान का घर, और रोहित के दिमाग में भी इस समय शैतान सवार हो गया।
उसने मेघा को व्हाटस अप उल्टे सीधे मैसेज लिखकर भेज दिया और उसे ब्लॉक कर दिया, इधर मेघा ने काम से फ्री होकर फोन उठाया और रोहित के मेसैज पढे तो उसका दिमाग कुछ पल के लिये सुन हो गया, आखिर रोहित को ऐसा क्या हो गया कि उसको ऐसे मैसेज भेजने पड़े, उसने रोहित को कॉल करने की कोशिश की तो उसका नम्बर बिजी जाने लगा। ईधर मेघा को भी गुस्सा आ गया, उसने भी उसका नम्बर ब्लॉक कर दिया। दो तीन दिन तक दोनो में बेचैनी रही लेकिन अहम आगे आ जाता, कोई भी बात करने को राजी नहीं था।
इधर दोनों की बेचैनी बढ़नी शुरू हो गयी, लेकिन कोई भी समझौता करने को राजी नहीं, रोहित का मानना था कि लोकडॉउन का ही टाइम तो था एक दूसरे से बात करने के लिये। कम से कम मिल नही सकते तो कॉल कर सकते हैं। इधर मेघा का कहना था कि आखिर फोन पर कितनी बात करें, औऱ काम भी जरूरी हैं।
एक दिन मेघा ने अपनी दीदी यानी रोहित की भाभी को फोन किया और पूछा कि आजकल रोहित क्या कर रहा है, तो उसकी भाभी ने मजाक किया कि रोहित फोन पर किसी से वीडियो कॉल कर रहा है, आजकल बस फोन और लैपटॉप के अलावा उसे कुछ और नहीं दिखता, यह सुनकर मेघा का शक गहरा गया कि जरूर रोहित किसी और लड़की से डेटिंग कर रहा है, बस फिर क्या था, बिना सोचे समझे ही रोहित से रिश्ता तोड़ने की कसम खा बैठी। उधर रोहित ने मेघा का नम्बर अनब्लॉक कर दिया, लेकिन इधर मेघा ने उसे ब्लॉक कर रखा था। दोनों का प्यार की बुनियाद बिना वजह के शक के कारण टूटने की कगार पर आ गयी।
अब दोनों एक दूसरे के नाम से ही नफरत करने लगे थे, लेकिन मन मानने को तैयार नहीं था, इधर रोहित ने बहुत कोशिश की मगर मेघा से बात नही हो पायी। इधर लोकडॉउन का समय बीतता गया, रोहित की कम्पनी खुल गयी वह काम पर जाने लगा, ईधर मेघा अपने काम मे व्यस्त रहती।
उधर एक दिन मेघा अपने काम मे व्यस्त थी तभी फोन की घँटी बजी, बिना नम्बर के काल थी, उसने पहली बार मे तो दरनिकार कर दिया लेकिन दोबारा कॉल आया था उसने उठा दिया, उधर से जो आवाज थी वह रोहित की थी, हैलो मेघा कैसी हो यार, तुम तो बेमतब में नाराज हो,पहले बात तो सुन लेती, बेवजह क्यो ब्लॉक किया मुझे, उधर मेघा ने तमतमाते हुए कहा कि बेफ़ूजुल के मैसेज क्यो भेजे। औऱ फिर ब्लॉक क्यो किया मुझे, जब तुम इतने ही वफ़ा की मूरत हो तो।
रोहित ने कहा कि यार इसमे वफ़ा और बेवफा की बात ही कँहा से आई, मैंने तो कोई बेवफाई नही की। मेघा ने कहा मुझे सब पता है कि तुम किसी और से फ़ोन पर बात करते थे, सारी रात ऑन लाइन रहते, जब देखो तुम्हारा फोन बिजी रहता, एक दिन दीदी बता रही थी कि तुम अपने रूम में फोन और लेपटॉप में ही व्यस्त रहते हो, मुझे सब पता है, कि तुम्हारा कोई और चक्कर है, तुम क्या समझते हो कि मैं बेवकूफ हूँ, तुम क्या लगता है, कि तुम्हें ही अक्ल है, बाकि को नही।
रोहित ने बात पलटते हुए कहा कि तुम आजकल दूर दर्शन पर खूब महाभारत औऱ रामायण देख रही हो, तभी तुम मेरे से महाभारत कर रही हो, इतने मे मेघा ने कहा कि नहीं मैं तो राधा औऱ श्री कृष्ण की प्रेमलीला देख रही हूँ, देखो कान्हा कितना प्यार करता था अपनी राधा से। एक तुम हो, इतना कहते ही रोहित ने कहा कि मैं भी तो वही कर रहा हूँ, राधा से प्रेम कर रहा हूँ, शादी के बाद तुम्हे रुक्मिणी समझकर प्यार करूंगा, लेकिन साथ मे सत्यभामा और जामवंती को लेकर भी आऊंगा, इस पर मेघा ने कहा कि मैं भी द्रोपदी बनकर पाँच पांडवों से प्यार करूंगी मैं क्यो पीछे रहूं, यह कहते हुये रोहित ने कहा कि तभी तो लड़की हमेशा लड़को को बेवकूफ समझती है,यह सुनकर मेघा ने कहा कि इसमे कोई शक है, इधर रोहित ने नहला पर दहला मारा और कहा कि तभी तो तुम अपने को लड़को से कम नहीं समझती, यह कहते ही दोनों जोर जोर से हँसने लगे और फिर शांत हो गए, लेकिन दोनों के आंखों मे पछतावा के आँसू बह रहे थे।
हरीश कंडवाल मनखी की कलम से।