नोटबंदी के दौरान कम दबाव के कारण राजनैतिक क्षेत्र से उठा दीदी नामक चक्रवाती तूफ़ान जो बंगाल की खाड़ी से होते हुए दिल्ली, यू प, बिहार और आस पास के राज्यों में तहलका मचाने के बाद, भर्ष्टाचार के दबाव के आगे आ कर शांत हो गया है?
उसके पुनः आगमन की भविष्यवाणी की तारीख, जो की ११ मार्च के निकट है? मुमकिन है यह तूफ़ान राजनैतिक उथल पुथल भी ला सकती है, राजनैतिक गलियारों को पहले से ही इसकी चेतावनी राजनैतिक पार्टियों के प्रशासन के माध्यम से जारी कर दी गई है?
देश में कभी कभी राजनैतिक तूफ़ान का दौर चलता है जो जनता के लिहाज से अच्छे और बुरे दोनों तरह के होते है, इसके मापदंड के लिए कोई ऐसी यंत्र आजतक ईजाद नहीं हुई मगर सामाजिक परिपेक्ष में हुई क्षति और फायदे ही इसके मापदंड के पैमाने होते है?