जनता_की_नब्ज_और_EVM
जीत पर EVM का सही होना और हार पे EVM ख़राब रहना देश की राजनैतिक मनोदशा को दर्शाता है! हार की आशंका जब तब पहले से ही ठीकरा EVM पे फोड़ देना चाहिए इससे नाकामी और सरकार की बदनामी दोनों से निजात मिलती है?
इसका सफल प्रयोग दिल्ली में होने जा रहा है? उन वायदों को निभाना जो जनता से इससे पहले किये गए थे, देश की राजनीती में नामुमकिन नहीं है मगर मुश्किल ज़रूर है, क्योंकि हमारी मानसिकता कुछ ऐसी है की हम जीते है अपने लिए, औरो के लिए कोई और जी लेगा?
वामपंथी विचारधारा में भी अब यह बदलाव दिखने लगा है क्योंकि भर्ष्टाचार के साथ जीना आसान है, मेहनत करके जीना दुश्वारियों से भरा हुआ वो डगर है जिस पर चल कर बंगला, कार, ऐशों आराम की जिंदगी का सफर भी "SUFFER" कर जाता है?
हालिया कुछ बर्षों से हिंदुस्तान में बदलाव की रफ़्तार का आंकलन में गलती राजनैतिक दलों की सोच पे भारी पड़ रही है, और जब-जब ये जनता की नब्ज टटोलने में चूक कर जाते है तब EVM की नब्ज पकड़ लेते है