क्या सही में चीन का बाजार सीमट रहा है देश में, अगर जबाव हा में है तो देश के लिए इससे बड़ी ख़ुशख़बरी देश के लिए नहीं होसकती है!
आबादी के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मुल्क के लिए यह वरदान सिद्ध होगा क्योंकि हाथों को काम चाहिए सामान बेच कर तो दुकानदार गुजर कर लेंगे मजदूर कहाँ जायेंगे?
मजदूरों के हाथों को काम चाहिए, दुकानदारी तो फिर भी चलती रहेगी सिर्फ सामान बदल जायेगा "मेड इन चाइना" की जगह "मेक इन इंडिया" हो जायेगा. गरीब को गरीब रखें, अनपढ़ को अनपढ़ ही रहने दे की राजनीती देश में और कितने दिन चलेगी इस पर जनता को पुर्नविचार करना होगा, सब्सिडी समाधान नहीं रोग है, लोगो को निकम्मा बनाने का औज़ार है?
देश में देश की बनी वस्तुओं का व्यापार हर हाथ को रोजगार की राह को आसान करेगा देश समृद्ध होगा, हाथ फ़ैलाने से तो अच्छा होगा की हाथ को काम में लगाया जाये.