जबसे होश संभाला है और ख़बरों की दुनिया से रूबरू हुआ हूँ तब से लेकर आज तक हमेशा से ही बीबीसी ने भारत के पक्ष में खबरों को तोड़ मड़ोड़ कर की पेश किया है. वैसे भी जिस अंग्रेजी हुकूमत के हम बर्षों गुलाम रहें है उसकी तरफदारी क्या देश को करनी चाहिए? क्या बराबरी का दर्ज़ा हासिल करने का हक़ भारत को नहीं है? बीबीसी को जलन क्यों होती है?
बीबीसी की आज की मानसिकता में भी झलकती है की भारत अभी भी एक गुलाम देश है, और उसकी भाषा के लहजे भी गुलामों पर इस्तेमाल की जाने वाली भाषा से अलग नहीं जान पड़ती है? भारत तरक्की करे ब्रिटेन आज भी नहीं चाहता तो क्या उसका समाचार माध्यम ? ये सवाल बर्षो से दिमाग का दही किये हुए था सो पूछ लिया?बीबीसी चाहेगा