गधे तो गधे होते है जिन्हें आराम करना नहीं आता;
ऐश करना नहीं आता, भर्ष्टाचार से दामन को दागदार करना नहीं आता;
गधे के काम को बोलना नहीं आता, किये गए काम को दिखाना नहीं आता;
बाँट कर राज करना नहीं आता, समाज में ज़हर घोलना नहीं आता, सच को छुपाना नहीं आता?
गधे तो गधे होते है जिन्हें आराम करना नहीं आता, देश को बेचना नहीं आता, लूटना नहीं आता?