@@@@@@@## शादी ##@@@@@@@
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शादी रुपी सौदे में , बिक जाती अमूल्य आजादी |
जिस बरबादी पर जश्न होता ,कहलाती है वो शादी ||
शादी अगर सादी हो तो ,मित्रों को नहीं आता मजा |
भोगते हैं स्वेछा से जिसको ,शादी है एक ऐसी सजा ||
कितना अनोखा है यह रिश्ता ,जो जोड़ता है दो अजनबी जनों को |
उतार देते हैं जो शर्म का पर्दा , और जोड़ लेते है अपने तनों को ||
नहीं है शादी वो खून का रिश्ता , जो नहीं टूट सकता कभी |
पर सृजती है वो खून के रिश्ते ,जो कायम रहते सदा सभी ||
शादी है एक ऐसा खेल , जिसमें नर -नारी में होता मेल |
बिन जुर्म के इन दोनों को , हो जाती है आजीवन जेल ||
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