राष्ट्र भक्ति से परिपूर्ण कविता -
@@@@@@@@भारत का नव निर्माण@@@@@@@@
पाखंडियों की पोल खोले हम ,सज्जनों का हम कल्याण करें |
आओ साथियों हम सब मिलकर ,भारत का नव निर्माण करें||
सीमाओं को हम खून से सींचे ,और सींचे खेत पसीने से |
दुश्मन को हम धूल चटा दें ,दोस्त को लगाए सीने से ||
बलात्कारी को बधिया करदे ,भ्रष्ट का बहिष्कार करें |
बईमानी को गाड़ दें गहरा , ईमान का सत्कार करें ||
जाग उठो तुम देशवाशियों ,यह समय नहीं है सोने का |
नहीं समय यह जिन्दगी को ,खेल खेल में खोने का ||
यह समय है गद्दारों को , उनकी औकात बताने का |
व भ्रष्ट नेताओं के चंगुल से ,भारत को बचाने का ||
मत भूलो तुम भगत सिंह की ,कुर्बानी के कर्जदार हो |
पति पिता पुत्र के संग ,भारत के सेवादार हो ||
तुम हो वीर प्रताप के वंशज ,तुम देश के कर्णधार हो |
तुम हो इस देश के प्रहरी , तुम जीत का हार हो ||
नहीं जरुरत देश भक्ति के लिए ,सीमा पर सबको जाने की |
और वीर कहलाने खातिर ,दुश्मन की गोली खाने की ||
जरुरत है देश में जमे हुए ,भ्रष्टों को औकात बताने की|
नहीं सहन बेईमानी हमको ,यह बात उन्हें जताने की ||
चीन -पाक तो हैं विदेशी दुश्मन ,मूल दुश्मन तो देशी है |
जो खाता हराम की रोटी ,वो दुश्मन देश का बेशी है ||
न रखें हम भ्रष्टों से रिश्ता ,उनका पूर्ण बहिष्कार करें |
न दें बहिन - बेटी उनको ,न आँखें उनसे चार करें ||
न दे वोट किसी दागी को ,न उसका कभी सम्मान करे |
छोड़ दे भ्रष्ट बेईमानी को , इतना उसे हलकान करें ||
पाखंडियों की पोल खोले हम ,सज्जनों का हम कल्याण करें |
आओ साथियों हम सब मिलकर ,भारत का नव निर्माण करें||
आओ साथियों तन मन धन से ,भारत का शुभ निर्माण करें |