@@@@@@@ देश लूट खावेला @@@@@@@
वोटां सू पेला सिर झुकावे ,वोट पङ्या निजर नहीं आवे |
आंरी काली है सारी दाळ , ए थांने ठग जावेला |
जाणो -समझो आंरी चाल ,नहीं तो देश लूट खावेला ||
जात पांत रो जहर फैलावे ,हिन्दू -सिक्ख ने ए लड़ावे |
काटे -काटे मोटो माल , ए थांने ठग जावेला |
जाणो -समझो आंरी चाल ,नहीं तो देश लूट खावेला ||
कागजां में पुळ बणवावें ,बिना बण्या ही पुळ ढह जावे |
चमक जावे आंरा गाल , ए थांने ठग जावेला |
जाणो -समझो आंरी चाल ,नहीं तो देश लूट खावेला ||
बँगला आंरा मोटा -मोटा ,गोदाम गेहूं रा छोटा -छोटा |
सड़ जावे गेहूं हर साल , ए थांने ठग जावेला |
जाणो -समझो आंरी चाल ,नहीं तो देश लूट खावेला ||
करोङां रा ए करें घोटाला ,कपड़ा धोळा मन रा काळा |
मोटी है आंरी खाल , ए थांने ठग जावेला |
जाणो -समझो आंरी चाल ,नहीं तो देश लूट खावेला ||
काळ पड़े तो खूब कमावें ,बाढ़ आवे तो ए तिर जावें |
दुगुणो हो जावे माल , ए थांने ठग जावेला |
जाणो -समझो आंरी चाल ,नहीं तो देश लूट खावेला ||
खुद ही ए दंगा करवावें ,घङयाली फिर आँसू बहावें |
गुण्डां ने राखे पाल , ए थांने ठग जावेला |
जाणो -समझो आंरी चाल ,नहीं तो देश लूट खावेला ||
काळो धन ए खूब कमावें ,स्वीस बैंक जमा करावें |
देश रो हाल-बेहाल , ए थांने ठग जावेला |
जाणो -समझो आंरी चाल ,नहीं तो देश लूट खावेला ||
आपां आंने सबक सीखावां ,आंने आंरी औकात बतावां |
आपां करां इसो कमाल , कि ठगी ए भूल जावेला |
जाणो -समझो आंरी चाल ,नहीं तो देश लूट खावेला ||
आपां सिगला एको कारलां ,आंरी ताकत आंपा हरलां |
मिटादां भ्रष्टां री जात ,तो सुख सारा पावालां |
जाणो -समझो आंरी चाल ,नहीं तो देश लूट खावेला ||
गलफ़त छोड़ो,आळस छोड़ो ,आंरे पाप रा घड़ियाँ फोड़ो |
आंने पहुँचादो हवालात, नहीं तो देश लूट खावेला |
सुणो दुर्गेश री बात ,गुण थांरा गावेला ||