वो कन्या दोस्त हमारी है @@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ मृगनयनी मासूम सी बाला ,जो बाथ रूम में गाती है | पर खुले मंच पर न जाने क्यों ,गाने से घबराती है || जिस कन्या के गीतों की ,दीवानी दुनिया सारी है | सुनो कान खोल कर लोगों ,वो कन्या दोस्त हमारी है || किशमिश सी बोली है जिसकी ,पर "किस" को "मिस"करती है | किसी की याद में वो विरहणी,नैनों में आँसूं भरती है || भड़का दे जो प्रेम की अग्नि ,वो ऐसी चिन्गारी है | जो दिखती सुन्दर परी सी ,वो कन्या मित्र हमारी है || पूछे गए प्रश्न का उत्तर ,जो प्रति प्रश्न से देती है | शान है सारे साथियों की, हर दोस्त की चहेती है || इजहार प्यार का नहीं करती,पर करती बातें प्यारी है | सूरत जिस की है फूल सी ,वो कन्या दोस्त हमारी है || कितनी भोली ,कितनी सीधी ,कितना विश्वास करती है | नये बने दोस्त के दिल में ,प्यार का अमृत भरती है || मन ही मन चाहती है उसको,करती जिससे यारी है | लिखती है जो गजब की गजलें ,वो कन्या मित्र हमारी है || फ़िदा है जो नये दोस्त पे ,पर कहने से घबराती है | कैसे करे इजहार प्यार का ,जो दुल्हन सी शर्माती है || लफंगे लोगों के खातिर,जो तलवार दुधारी है | सुन लो सारे दुनिया वालों ,वो कन्या दोस्त हमारी है ||@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@