@@@@@@@उम्र के हस्ताक्षर @@@@@@@
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जब से चिकने चेहरे पर, उम्र के गढ़े गहराने लगे है |
पच्चीस पार के युवा भी ,मुझे अंकल कहने लगे है ||
मेरी जन्म तारीख तो, आती है चार साल में एक बार |
लेकिन उम्र का अहसास मुझे,कराते है लोग बार-बार ||
हालाँकि बिन चश्मे के , मैं पढ़ लेता हूँ अखबार |
पर राय चश्मा लगाने की,मिल जाती है बार-बार ||
55 पार कर चूका हूँ , पर महसूस 35 सा करता हूँ |
पर उम्र याद दिलाने वाले , लोगो से मैं डरता हूँ ||
मेरी प्रथम जन्म तिथि तो,लिपिकीय भूल का फल है |
मेरा जन्म समय,29फरवरी सन् साठ का कोई पल है||
यदि इन्सान को अपनी उम्र का,सही ज्ञान नहीं होता |
तो साठ साल की उम्र में , बुढ़ापे का भान नहीं होता ||
रिकॉर्ड में लिखी जन्म तिथि,इन्सान भूल नहीं पाता है |
जन्म तिथि का दिन उसका, हर साल जो आ जाता है ||
जानते हो क्यों लोग आप से , जन्म दिन का जश्न मनवाते हैं |
अरे इसी बहाने तो लोग आपको,आपकी उम्र याद करवाते है ||
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